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भारत
राजनीति
पत्रकारों पर पाबंदी मामले में केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Aug 2019
kashmir

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद पत्रकारों पर लगाई गई पाबंदियां समाप्त करने की मांग कर रही एक याचिका पर जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है।

इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल हैं। पीठ ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से भसीन की याचिका पर सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। याचिका में भसीन ने मोबाइल इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को राज्य में बहाल करने के वास्ते निर्देश देने की मांग की है ताकि मीडिया के लिए काम करने का सही वातावरण बन सके।

आपको बता दें कि इस मामले में चौतरफ़ा दबाव के चलते पहले विरोधी रुख लेने वाली प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भी अब अपने रुख में बदलाव किया है। इससे पहले एक याचिका में कौंसिल ने सरकार का पक्ष लिया था और घाटी में पाबंदी को जायज ठहराया था।

लेकिन अब उसने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि उसका यह पक्ष नहीं है। कौंसिल ने अपने सदस्यों को इस बात का भरोसा दिलाया है कि वह कोर्ट में प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करेगी। पीसीआई के सचिव अनुपम भटनागर ने इससे संबंधित पत्र भी सुप्रीम कोर्ट को भेज दिया है। जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि कश्मीर टाइम्स की इक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका में कौंसिल प्रेस की स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ी होगी।

आपको ये भी बता दें कि इस मामले में पीसीआई के पहले के रुख की हर तरफ़ आलोचना हो रही थी। प्रेस क्लब में भी मंगलवार को एक सभा हुई, जिसमें सर्वसम्मति से कौंसिल के प्रेस विरोधी रवैये के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कश्मीर में घाटी में मीडिया कर्मियों की गिरफ्तारी और उनके दमन, और वहां दौरे पर गयी दिल्ली की मीडिया की टीम के साथ सुरक्षा बलों के दुर्व्यवहार की भी कड़ी निंदा की गयी। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी देखें : कश्मीर में मीडिया Black-Out पर अनुराधा भसीन से रूबरू


 

 

 

 

 

 

Kashmir crises
Supreme Court
media par humle
Indian media
Jammu and Kashmir
Article 370
Article 370 Scrapped

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