NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पुलिस की ज़बरदस्ती के बावजूद हुंकार रैली के लिए तैयार भीम आर्मी
आइसा अध्यक्षा सुचेता डे ने कहा, "पुलिस ने चंद्रशेखर, फ़रहान और मेरे अलावा कई और लोगों पर FIR कर दी है। पुलिस और प्रशासन इस तरह से हमारी आवाज़ें दबाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन शुक्रवार,15 मार्च को रैली जंतर-मंतर पर पहुंचेगी और देश भर से लोग वहाँ पहुंचेंगे।"
सत्यम् तिवारी
14 Mar 2019
पुलिस की ज़बरदस्ती के बावजूद हुंकार रैली के लिए तैयार भीम आर्मी

भीम आर्मी की बहुजन हुंकार रैली जिसकी शुरुआत 11 मार्च को सहारनपुर से हुई और जो शुक्रवार 15 मार्च को जंतर मंतर, दिल्ली तक पहुंच रही है, उस रैली के इर्द-गिर्द अब तक कई घटनाएँ हो चुकी हैं।

13 पॉइंट रोस्टर, आदिवासियों को जंगल से हटने के आदेश और अन्य  दलित अधिकारों के सवालों को लेकर भीम आर्मी ने 11 मार्च को एक रैली का आह्वान किया, जो शुक्रवार 15 मार्च को जंतर-मंतर पहुंचेगी। इस दौरान मंगलवार 13 मार्च को उत्तर प्रदेश के देवबंद में पुलिस द्वारा इस रैली को रोका गया और भीम आर्मी के संस्थापक युवा दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद को हिरासत में ले लिया गया। इसी दौरान चंद्रशेखर की तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस का कहना था कि देश में चुनावों की घोषणा होने के बाद आचार संहिता लागू हो गई है जिसके अंतर्गत बग़ैर अनुमति के कोई भी रैली नहीं निकाली जा सकती। जिस पर भीम आर्मी का कहना था कि प्रशासन को पहले ही सूचना दे दी गई थी, और भीम आर्मी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है जिसपर इस तरह आचार संहिता लागू की जाए।

मेरठ के अस्पताल में बुधवार को चंद्रशेखर से कई राजनीतिक दलों के नेता मिलने आए जिनमें प्रियंका गांधी भी शामिल थीं। चंद्रशेखर ने कहा कि अगर सपा-बसपा बनारस से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करती है तो वे ख़ुद बनारस में नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे। ख़ास बात ये है कि चंद्रशेखर ने किसी भी राजनीतिक पार्टी से समर्थन लेने से इंकार किया है और कहा है कि वो बहुजन समाज में पैदा हुए थे, बहुजन समाज में ही मरेंगे। और बहुजन समाज का राज ही चाहते हैं।

बुधवार को पुलिस द्वारा चंद्रशेखर, छात्र संगठन आइसा अध्यक्षा सुचेता डे, उपाध्यक्ष फ़रहान सहित कई लोगों पर FIR दर्ज कर ली है। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए सुचेता डे ने कहा, “पुलिस ने चंद्रशेखर, फ़रहान और मेरे अलावा कई और लोगों पर FIR कर दी है। उन नामों में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष एन साई बालाजी का भी नाम शामिल हो सकता है। पुलिस और प्रशासन इस तरह से हमारी आवाज़ें दबाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन कल (शुक्रवार को) रैली जंतर मंतर पर पहुंचेगी और देश भर से लोग वहाँ पहुंचेंगे।" सुचेता ने ये भी बताया कि पुलिस रैली रोकने कि कोशिश कर सकती है, लेकिन चंद्रशेखर रैली में मौजूद रहेंगे और जंतर मंतर पर लोगों को संबोधित करेंगे। सुचेता ने कहा कि रैली इस वक़्त कहाँ है ये बताना मुश्किल है क्योंकि कई लोगों से बात करने में दिक़्क़त आ रही है।

इससे पहले एन साई बालाजी और चन्द्रशेखर का एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें दोनों ने ही इस बात को मजबूती से कहा कि 15 मार्च को बहुजन हुंकार रैली दिल्ली के जंतर मंतर तक पहुंचेगी और योगी सरकार और मोदी सरकार को बहुजन समाज की ताक़त का पता चलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार पुलिस और प्रशासन जो हमारी आवाज़ दबाने कि कोशिश कर रहे हैं, उन्हें 15 मार्च को देश भर से भीम आर्मी के साथी इसका कड़ा जवाब देंगे।

चंद्रशेखर ने कहा कि 15 मार्च को वो हुंकार भरेंगे और बहुजन समाज के अधिकारों के लिए सरकार के विरोध मैं अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।

Bhim Army
Chandrashekhar
Uttar Pradesh police
Uttar pradesh govt
Bahujan Hunkar Rally
Jantar Mantar
AISA
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License