NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पाकिस्तान
पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर जैश नेतृत्व का सफाया : सेना
सेना का दावा है कि पुलवामा हमले को पाकिस्तान की धरती से संचालित जैश-ए-मोहम्मद ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस) और पाकिस्तानी सेना के सहयोग से अंजाम दिया था।
आईएएनएस
19 Feb 2019
KASHMIR
Photo: IANS

श्रीनगर। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि उसने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के नेतृत्व का सफाया कर दिया, जिसने इस घातक हमले की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था। यह बयान 15 कॉर्प्स कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल के. एस. ढिल्लो ने जम्मू एवं कश्मीर में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिया। संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व राज्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।

उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पुलवामा हमले को पाकिस्तान की धरती से संचालित जेईएम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस) और पाकिस्तानी सेना के सहयोग से अंजाम दिया था।

ढिल्लों ने कहा, "पुलवामा आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही हमने कश्मीर घाटी में जेईएम पर कड़ा प्रहार किया है, जिसे पाकिस्तान स्थित जेईएम द्वारा संचालित किया जा रहा है।"

उन्होंने यह भी कहा कि अभियान में मारे गए दो आतंकवादियों व एक स्थानीय आतंकी का विवरण सोमवार को दिया गया था।

ढिल्लों ने कहा, "स्थानीय कमांडरों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। उन पर गुरुवार को हुए हमले को नियंत्रित करने, समन्वय करने, साजिश रचने व इसके क्रियान्वयन का जिम्मा था। यह स्थानीय कमांडर घाटी में जेईएम के शीर्ष नेतृत्वकर्ता थे।"

चूंकि जेईएम नेतृत्व को पहले से ही ट्रैक किया जा रहा था, ऐसे में माड्यूल की विशेष सूचना पर भारतीय अभियान रविवार की रात को शुरू किया गया।

राज्य में आंतकवादी गतिविधियों से सहानुभूति रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, "कश्मीर में जो कोई भी बंदूक उठाएगा, उसका सफाया कर दिया जाएगा, जब तक कि वह आत्मसमर्पण न कर दे।"

उन्होंने कहा, "मैं कश्मीरी युवाओं के माता-पिता, खास तौर से माताओं से एक बात कहना चाहूंगा क्योंकि मैं समझता हूं कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, आप के जरिए मैं आपके बेटों को आत्मसमर्पण करने व उनसे मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह करता हूं।"

पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने पिंगलेना गांव में आतंकवादियों के एक ठिकाने को घेर लिया, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई, जो रविवार की रात भर चली और रुक-रुक कर सोमवार की शाम तक चली।

इसमें पाकिस्तान समर्थित जेईएम के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। इसमें से दो पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनकी पहचान कामरान व अब्दुल रशीद उर्फ गाजी उमर के रूप में हुई है। मुठभेड़ में एक मेजर, तीन जवान शहीद हो गए व एक नागरिक भी मारा गया।

Jammu and Kashmir
Kashmir crises
Kashmir conflict
Kashmir Politics
Narendra modi
Modi Govt
Indian army
India and Pakistan

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License