खोज ख़बर के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने की पड़ताल केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की और पाया कि देश के मजदूरों और गरीबों को जब नकद औऱ ठोस राशन की जरूरत है, तब सरकार ने सारा जोर कर्जे पर दे रखा है।
खोज ख़बर के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने की पड़ताल केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की और पाया कि देश के मजदूरों और गरीबों को जब नकद औऱ ठोस राशन की जरूरत है, तब सरकार ने सारा जोर कर्जे पर दे रखा है। लाखों प्रवासी मजदूरों जब सड़कों पर हैं, तो उन्हें जो सांत्वना और मदद की दरकार सरकार से है, वह सिरे से गायब है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे के अनुसार 34 फीसदी भारतीय लॉकडॉउन की वजह से गंभीर संकट में फंसे हुए हैं, 65 फीसदी शहरी घरों में एक हफ्ते और गृहस्थी खींच पाना मुश्किल है । अर्थव्यवस्था संबंधी मामलों के जानकार और सोशल मीडिया पर सक्रिय गिरीश मालवीय से बातचीत की।
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