NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फारुक अब्दुल्ला को पेश करने की याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस
अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने के बाद से कथित रूप से हिरासत में हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Sep 2019
farooq abdullah
Image Courtesy: Live Law

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सोमवार को जवाब मांगा।

अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने के बाद से कथित रूप से हिरासत में हैं।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया और राज्यसभा सांसद एवं एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की।

तमिलनाडु के एमडीएमके नेता वाइको की ओर से दायर याचिका में अब्दुल्ला को रिहा करने की मांग की गयी है ताकि वह चेन्नई में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले सकें। चार दशकों से वाइको अब्दुल्ला के करीबी दोस्त माने जाते हैं ।

वाइको ने दावा किया कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता को ‘‘बिना किसी कानूनी अधिकार के अवैध हिरासत’’ में लेकर, उन्हें संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखा गया।

सूत्रों के मुताबिक फारूक अब्दुल्ला अब कड़े लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी। इस कानून के तहत प्रशासन किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के दो साल के लिए हिरासत में ले सकता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक अब्दुल्ला (81) उस समय से नजरबंद हैं, जब पांच अगस्त को केंद्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब्दुल्ला पीएसए के तहत हिरासत में हैं। अब्दुल्ला पर रविवार को सख्त कानून लगाया गया।

आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. वाई. तारिगामी को नयी दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। इससे पहले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी सुप्रीम कोर्ट के ही हस्तक्षेप से उनसे मुलाकात कर पाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने ही जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को कश्मीर में उनसे मिलने की इजाजत दी थी। महबूबा भी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद से नजरबंद हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Farooq Abdullah
Jammu and Kashmir
Justice Ranjan Gogoi
Sitaram yechury
mehbooba mufti
Article 370
CPM

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License