NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फेसबुक पर फर्जी खबरें देने वालों को फॉलो करते हैं प्रधानमंत्री मोदी!
कई वेबसाइट और फेसबुक पेज नरेंद्र मोदी और भाजपा के समर्थन में फर्जी सूचनाओं का प्रसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये कर रहे हैं।
सिरिल सैम, परंजॉय गुहा ठाकुरता
13 Feb 2019
सांकेतिक तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ और बूमलाइव जैसे वेबसाइटों ने यह स्थापित किया है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा के समर्थक अक्सर फर्जी सूचनाओं का प्रसार करते हैं। फर्जी सूचनाएं फैलाने वाली एक वेबसाइट है पोस्टकार्ड न्यूज़। इसे शुरू करने वालों में महेश हेगड़े भी शामिल हैं। उन्हें 30 मार्च को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने यह खबर चलाई थी कि एक जैन संत पर एक मुस्लिम व्यक्ति ने हमला किया। जबकि ये संत एक दुर्घटना में मामूली तौर पर चोटिल हुए थे। 

केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने महेश हेगड़े की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की। पोस्टकार्ड न्यूज़ पर पहले भी पत्रकार बरखा दत्त और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में फर्जी खबरें प्रकाशित करने के आरोप लगे हैं। इस वेबसाइट पर भाजपा के प्रोपगैंडा खबरों की भरमार रहती है।

हैरानी की बात तो यह भी है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री फेसबुक और ट्विटर पर कई ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं जिन पर फर्जी सूचनाओं के प्रसार का आरोप है। 11 अक्टूबर  को जयपुर में एक कार्यक्रम में तेलंगाना भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के सलाहकार सुरेश कोचात्तिल से यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री ऐसे लोगों को ‘अनफॉलो’ या ‘अनफ्रेंड’ क्यों नहीं करते तो उनका जवाब था कि प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करना व्यावहारिक नहीं होगा कि वे यह देख पाएं कि कौन फर्जी खबरें फैला रहा है और किसे फॉलो नहीं किया जाना चाहिए। 

इसी कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति को खत्म करते वक्त उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस तरह की राजनीतिक जंग जारी है उसमें अगले लोकसभा चुनावों तक स्थिति बहुत बुरी होने वाली है और इसके बाद कहीं जाकर इसमें कुछ सुधार होगा। 

‘जय मोदीराज’ के नाम से एक फेसबुक पेज चल रहा है। 14 लाख लोग इसे फॉलो करते हैं। यह अधिक लाइक जुटाने के लिए एक विज्ञापन अभियान चला रहा था। इस पर संपादित करके प्रधानमंत्री की ऐसी फोटो पोस्ट की जाती हैं जिसमें वे अपने विरोधियों को पीटते हुए दिखाए जाते हैं। साथ ही इस्लाम से डर पैदा करने का काम भी इस पेज के जरिये किया जा रहा है। इस पेज पर एक बार दो फोटो एक साथ डाले गए। मोदी के माथे पर पीला और लाल निशान दिखाया गया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया। इसका कैप्शन था, ‘एक सच्चाई के लिए लड़ता है, एक आतंकवाद की वकालत करता है।’

इसी वेबसाइट पर एक और फर्जी खबर दूसरी फर्जी वेबसाइट बीबीसी न्यूज हब के हवाले से चलाई गई। इसमें कांग्रेस को विश्व की चौथी सबसे भ्रष्ट पार्टी और सोनिया गांधी को चौथी सबसे अमीर महिला बताया गया। इस फेसबुक पेज पर दुनिया के नेताओं के साथ मोदी की फर्जी तस्वीरें हैं, सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के फर्जी बयान हैं और कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक फर्जी बयान प्रकाशित किया गया है जिसमें दावा किया गया है कि थरूर मोदी को बिच्छू कहते हैं। इसके अलावा विश्व बैंक से भारत को मिले कर्ज के बारे में गलत जानकारियां भी इस पेज के जरिए फैलाई जा रही हैं।

फेसबुक पेज जय मोदीराज पर थाईलैंड की एक तस्वीर पोस्ट की गई है। इसमें सेना का अभ्यास दिखाया गया है। इसमें यह दावा किया गया है कि यह अभ्यास भारत में हो रहा है। इसमें एक फर्जी तस्वीर में मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शव के पास खड़ा दिखाया गया है।

ऑल्ट न्यूज़ ने जांच-पड़ताल करके यह जानकारी दी कि सचिन पटेल, राजेश सोनी, भविन पटेल, मनोज गिलानी और नेहा पटेल जय मोदी राज फेसबुक पेज चलाते हैं। इनमें से सभी की प्रोफाइल फोटो प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। साथ ही इनमें से कुछ लोगों ने पार्टी के सोशल मीडिया वॉलिंटियर की उस बैठक में हिस्सा लिया था जिसे प्रधानमंत्री ने संबोधित किया था। भविन पटेल ने तो फेसबुक पर अपने परिचय में लिखा है कि वे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आईटी प्रकोष्ठ के सदस्य हैं।

हमारे सोशल मीडिया सीरीज़ के अन्य आलेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-

फर्जी सूचनाओं को रोकने के लिए फेसबुक कुछ नहीं करना चाहता!

#सोशल_मीडिया : क्या सुरक्षा उपायों को लेकर व्हाट्सऐप ने अपना पल्ला झाड़ लिया है?

#सोशल_मीडिया : क्या व्हाट्सऐप राजनीतिक लाभ के लिए अफवाह फैलाने का माध्यम बन रहा है?

#सोशल_मीडिया : क्या फेसबुक सत्ताधारियों के साथ है?

#सोशल_मीडिया : क्या नरेंद्र मोदी की आलोचना से फेसबुक को डर लगता है?

#सोशल_मीडिया : कई देशों की सरकारें फेसबुक से क्यों खफा हैं?

सोशल मीडिया की अफवाह से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा

Social Media
#socialmedia
Facebook India
#Facebook
Real Face of Facebook in India
Narendra modi
BJP
modi bhakt

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License