NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
अंतरराष्ट्रीय
लैटिन अमेरिका
फ़िलाडेल्फ़िया के लोगों ने विरोध प्रदर्शनों पर पुलिस हिंसा को लेकर शहरी प्रशासन के ख़िलाफ़ मुकदमा किया
ये मुक़दमा अमेरिका भर के पुलिस विभागों के ख़िलाफ़ की गई क्लास-एकशन की नवीनतम घटना है क्योंकि जॉर्ज फ्लॉयड को लेकर विरोध तेज़ हो रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
15 Jul 2020
phil

ये मुक़दमे सैन्य पुलिस और नस्लीय पुलिसिंग के साथ सिटी पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई के जवाब में किया गया है। याचिकाकर्ताओं में शामिल फिलाडेल्फिया के निवासियों ने भीड़ को तितर बितर करने में हिंसक पुलिस की कार्रवाई के कारण आए चोट और नुकसान का दावा किया है। इनमें आसपास खड़े कुछ ऐसे दर्शक भी शामिल हैं जो पुलिस की इस हिंसा के शिकार हैं।

याचिकाकर्ताओं द्वारा शहरी प्रशासन पर प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण सभा करने और वाक् स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने, अश्वेत प्रदर्शनकारियों और व्यवसायों को असंगत रूप से निशाना बनाने के लिए और भीड़भाड़ के नियंत्रण के लिए सैन्य आधारित उपकरणों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है।


इस मुक़दमे का केंद्र शहर के पश्चिमी हिस्सों में 1 जून की घटनाओं पर आधारित है जब पुलिस को प्रदर्शनकारियों और आस पास खड़े रहने वाले लोगों पर एक जैसे विवेकहीन शक्ति का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था। रिपोर्टों के अनुसार, पीड़ितों और गवाहों ने इस विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए बख्तरबंद वाहनों, आंसू गैस, रबर की गोलियों और काली मिर्च स्प्रे का उपयोग करने सहित अधिक शक्ति के इस्तेमाल करने की शिकायत की है।

कई लोगों ने यह भी शिकायत की है कि इन विरोध प्रदर्शनों में मौजूद अश्वेत और दर्जनों लोगों ने हिंसा से गंभीर चोट लगने की शिकायत की है। ये मुक़दमा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर बल के अत्यधिक उपयोग के लिए अमेरिका के ख़िलाफ़ पुलिस विभागों के खिलाफ मुकदमों की एक प्रवृत्ति में नवीनतम घटना है। पुलिस की हिंसा और पुलिस का सैन्यीकरण भी बहस का प्रमुख मुद्दा बन गया है क्योंकि जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज़ होने लगे हैं।

इस विरोध प्रदर्शन के एक महीने के भीतर विभिन्न शहरी प्रशासन और उनके पुलिस विभागों के ख़िलाफ़ 40 क्लास-एक्शन से अधिक मुक़दमे दर्ज किए गए। प्रदर्शनकारियों से धक्का-मुक्की घटना ने पुलिस के असैन्यीकरण के प्रस्तावों को प्रेरित किया है जिसमें आंसू गैस और रबर की गोलियों पर प्रतिबंध भी शामिल है जिसके इस्तेमाल से देश भर में सैकड़ों लोगों को लंबे समय तक ज़ख़्म रहने की सूचना है।

hiladephia
police attrocity
protest against police attrocity
civil administration

Related Stories


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License