NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अवमानना मामला: प्रशांत भूषण ने माफ़ी मांगने से इंकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में दोषी पाए गए सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण को बयान पर पुनर्विचार करने के लिए 2-3 दिन का समय दिया है। प्रशांत भूषण ने कहा कि न तो मुझे दया चाहिए और न ही मैं इसकी मांग कर रहा हूं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Aug 2020
p

दिल्ली: अदालत की अवमानना का दोषी करार दिए जाने के बाद गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सजा निर्धारित करने पर जोरदार बहस हुई। भूषण ने अपना बयान पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सहा कि वे माफी नहीं मागेंगे और न ही उनके प्रति किसी भी तरह की उदारता बरतने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट जो भी सजा उन्हें देगा, उसे वे स्वीकार करेंगे।

वहीं, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रशांत भूषण का साथ दिया और कोर्ट से अपील की कि उन्हें कोई सजा न दी जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब तक भूषण अपना बयान नहीं बदलते हैं, तब तक कोर्ट उन्हें सजा देने से इनकार नहीं कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने प्रशांत भूषण को उनके बयान पर पुनर्विचार करने के लिए 2-3 दिन का समय दिया है। हालांकि वरिष्ठ वकील ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच-समझकर अपना बयान पेश किया है और इस तरह बेवजह समय देना कोर्ट के समय को बर्बाद करना होना।

प्रशांत भूषण ने अदालत में अपनी दलील देते हुए कहा कि संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए किसी भी लोकतंत्र में खुली आलोचना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘मेरे किए गए ट्वीट्स मेरे दायित्वों का एक छोटा सा प्रयास भर हैं।’

उन्होंने महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘मैंने दया की याचना नहीं की। मैंने दरियादिली दिखाने की अपील नहीं की। अदालत के किसी भी सजा को मैं मंजूर करूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे यह विश्वास करना मुश्किल है कि न्यायालय ने मेरे ट्वीट को ‘भारतीय लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण स्तंभ के आधार को अस्थिर करने का प्रभाव’ के तौर पर देखा है। मैं फिर से दोहरा सकता हूं कि 2 ट्वीट्स मेरे विश्वासों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसकी अभिव्यक्ति की अनुमति किसी भी लोकतंत्र में होनी चाहिए।’

वहीं, सुप्रीम कोर्ट सामाजिक कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण की इस विनती को खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही में सजा तय करने संबंधी दलीलों की सुनवाई शीर्ष अदालत की दूसरी पीठ द्वारा की जाए।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने भूषण को विश्वास दिलाया कि जब तक उन्हें अवमानना मामले में दोषी करार देने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर निर्णय नहीं आ जाता, सजा संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

पीठ ने भूषण के वकील दुष्यंत दवे से कहा कि वह न्यायालय से अनुचित काम करने को कह रहे हैं कि सजा तय करने संबंधी दलीलों पर सुनवाई कोई दूसरी पीठ करे। शुरुआत में दवे ने मामले में सजा तय करने पर दलीलों की सुनवाई टालने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह दोषी करार दिये जाने के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने न्यायपालिका के खिलाफ भूषण के दो अपमानजनक ट्वीट को लेकर उन्हें 14 अगस्त को आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया। जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुनाया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सहित कई वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं ने प्रशांत भूषण का समर्थन किया है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ 
..

prashnat bhushan case
prashant bhushan court contempt case
supreme court and prashant bhushan
prashnat bhushan and apology to supreme court
prashant bhushan statement in supreme court

Related Stories

प्रशांत भूषण ने अंत तक नहीं मांगी माफ़ी, सज़ा पर फ़ैसला सुरक्षित

प्रशांत भूषण अपने रुख़ पर कायम, कहा- माफ़ी मांगना मेरे अन्त:करण की अवमानना


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License