NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कार्टून क्लिक: आखिर महंगाई का शोर कहीं सुनाई क्यों नहीं दे रहा?
सरकार पैसा बनाने का ख़तरनाक खेल खेल रही है। भारत के कई इलाकों में पेट्रोल की कीमत ₹100 के आंकड़े को पार कर चुकी है तो विपक्ष का कहना है कि जिस घरेलू गैस की कीमत ₹552 प्रति सिलेंडर होनी चाहिए थी, सरकार उसे ₹834 प्रति सिलेंडर में बेच रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jul 2021
mhangai

सरकारी खजाने में पैसा भरने के लिए सरकार के पास तमाम तरीके हैं। वह चाहे तो अमीरों पर टैक्स लगा सकती है और चाहे तो ऐसे तमाम कदम उठा सकती है, जिससे आम लोगों पर बोझ ना पड़े। लेकिन वह ऐसा नहीं करती क्योंकि ऐसा करने से उसे अपने कुर्सी की फिक्र सताने लगती है।

इसलिए सरकार ने पैसा निकालने के लिए एक कारगर जगह खोज निकाला है। उस जगह का नाम है आपकी  और हमारी जेब। आम जनता की जेब। इसमें सरकार की साथी है तेल कंपनियां। तेल कंपनियां कीमत तय करती हैं और उस कीमत पर सरकार टैक्स लगाती है। इतना लगाती है कि आम आदमी की जेब में बची खुची अठन्नी चवन्नी भी खर्च हो जाए। सरकार पैसा बनाने का यही खेल खेल रही है। भारत के कई इलाकों में पेट्रोल की कीमत ₹100 के आंकड़े को पार कर चुकी है तो विपक्ष का कहना है कि जिस घरेलू गैस की कीमत ₹552 प्रति सिलेंडर होनी चाहिए थी, सरकार उसे ₹834 प्रति सिलेंडर में बेच रही है।

यह खेल इतना खतरनाक है कि इसकी वजह से हर चीज की कीमत बढ़ने लगी है। सरसों का तेल, घरेलू गैस की कीमत और जो भी हमारी और आपकी जिंदगी में रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीजें हैं, सब की कीमत बढ़ गई है।

लेकिन शोर कहीं नहीं है। शोर हो भी कैसे? शोर करने की जिम्मेदारी जिस मीडिया को सौंपी गई है, वह सरकार के मैनेजमेंट का सबसे कारगर हथियार है। मीडिया शोर को मैनेज करने का पूरा काम कर रही है। कश्मीर में धर्मांतरण के मुद्दे से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे मुद्दे आम लोगों के जरूरी मुद्दों को नजरअंदाज करने के लिए तो उछाले जाते हैं

Rising inflation
petrol prices
LPG price hike
media management

Related Stories

ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च

जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?

रसोई गैस सिलिंडर के दाम 50 रुपये बढ़े, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची कीमत

लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम

मोदी  महंगाई पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाते?

उत्तराखंड: तेल की बढ़ती कीमतों से बढ़े किराये के कारण छात्र कॉलेज छोड़ने को मजबूर

दवाई की क़ीमतों में 5 से लेकर 5 हज़ार रुपये से ज़्यादा का इज़ाफ़ा

मध्य प्रदेश : एलपीजी की क़ीमतें बढ़ने के बाद से सिर्फ़ 30% उज्ज्वल कार्ड एक्टिव

खाद्य मुद्रास्फीति संकट को और बढ़ाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध

दवाओं की महंगाई महंगे तेल की नहीं बल्कि बेकार सरकारी नीतियों का परिणाम है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License