NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बड़े पैमाने पर दमन के बावजूद इंडोनेशिया के "ओम्निबस लॉ" के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन तेज़
प्रदर्शनकारियों पर इंडोनेशिया की पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई के बाद अब तक क़रीब 6000 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, जबकि लगभग 300 लोग आपराधिक कार्यवाही का सामना करेंगे।
पीपल्स डिस्पैच
14 Oct 2020
Omnibus

सोमवार 12 अक्टूबर को इंडोनेशिया के विभिन्न हिस्सों में हजारों ट्रेड यूनियनिस्ट, छात्रों और आम नागरिकों ने प्रदर्शन किया और रैलियां निकाली। जकार्ता में राष्ट्रपति भवन के बाहर एक विशाल प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जो एक प्रमुख ट्रेड यूनियन कन्फेडरेशन ऑफ इंडोनेशियन वर्कर्स वेलफेयर यूनियन (केएसबीएसआई) द्वारा आयोजित किया गया था। राष्ट्रपति भवन के बाहर हुए प्रदर्शन में लगभग 1,000 से अधिक लोग शामिल हुए।

केएसबीएसआई के प्रतिनिधियों ने कहा कि ये प्रदर्शन ट्रेड यूनियनों द्वारा राष्ट्रव्यापी आह्वान का एक हिस्सा था, जो व्यापक रूप से अलोकप्रिय नौकरी सृजन कानून को वापस लेने की मांग करता है जिसे ओम्निबस लॉ भी कहा जाता है। केएसबीएसआई द्वारा आयोजित राजधानी के मेडन स्क्वायर के पास एक रैली भी निकाली गई, जिसमें प्रतिभागियों ने विरोध के चिन्हों के साथ बाइक चलाईं।

इंडोनेशिया ट्रेड यूनियन कन्फेडरेशन (केएसपीआई) के अध्यक्ष इकबाल ने कोम्पस को बोलते हुए कहा, "मजदूर संघ और श्रमिक संविधान के अनुसार व्यवस्थित तरीके से विरोध जारी रखेंगे।" सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हिंसा के आरोपों पर उन्होंने आगे कहा, "हम अहिंसक हैं, लेकिन हमें विरोध प्रदर्शन करने से न रोकें। हम इस नौकरी क़ानून के ख़िलाफ़ अपना विरोध जारी रखेंगे।” 

ये कानून 5 अक्टूबर को नेशनल एसेंबली द्वारा पारित होने के बाद से केएसपीआई, केएसबीएसआई और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडोनेशियन वर्कर्स यूनियन (केएसपीएसआई) एक सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे ओम्निबस लॉ कहा जाता है क्योंकि इसने कई सारे क़ानूनों को रद्द कर दिया है। इसे मामूली विचार-विमर्श के साथ रिप्रेजेंटेटिव काउंसिल (संसद के निचले सदन) के माध्यम से पारित कर दिया गया।

इस क़ानून ने प्रमुख श्रम सुरक्षा कानूनों को रद्द कर दिया है जिसमें फेडेरल मिनिमम वेजेज शामिल है। साप्ताहिक छुट्टियों और भुगतान वाली छुट्टियों को काफी कम कर दिया गया है साथ ही सेवेरेंस पे में कटौती की गई है और इसके अलावा निजी निवेश के लिए कई प्रदूषणकारी और खतरनाक उद्योगों को भी खोल दिया गया है। सरकार ने दावा किया कि इस क़ानून के माध्यम से यह लाखों नौकरियां पैदा करेगा, यहां तक कि देश एक COVID-19 के चलते हुई मंदी से भी परेशान है। ट्रेड यूनियनों ने इस दावों को चुनौती दी है।

Omnibus law
lndonesia
protests in indonesia

Related Stories

इंडोनेशिया में "ऑम्निबस कानून" के हटने के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन, पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए सैकड़ों लोग


बाकी खबरें

  • ऋचा चिंतन
    WHO की कोविड-19 मृत्यु दर पर भारत की आपत्तियां, कितनी तार्किक हैं? 
    25 Apr 2022
    भारत ने डब्ल्यूएचओ के द्वारा अधिक मौतों का अनुमान लगाने पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते इसके प्रकाशन में विलंब हो रहा है।
  • एजाज़ अशरफ़
    निचले तबकों को समर्थन देने वाली वामपंथी एकजुटता ही भारत के मुस्लिमों की मदद कर सकती है
    25 Apr 2022
    जहांगीरपुरी में वृंदा करात के साहस भरे रवैये ने हिंदुत्ववादी विध्वंसक दस्ते की कार्रवाई को रोका था। मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यकों को अब तय करना चाहिए कि उन्हें किसके साथ खड़ा होना होगा।
  • लाल बहादुर सिंह
    वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव को विभाजनकारी एजेंडा का मंच बनाना शहीदों का अपमान
    25 Apr 2022
    ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध हिन्दू-मुस्लिम जनता की एकता की बुनियाद पर लड़ी गयी आज़ादी के लड़ाई से विकसित भारतीय राष्ट्रवाद को पाकिस्तान विरोधी राष्ट्रवाद (जो सहजता से मुस्लिम विरोध में translate कर…
  • आज का कार्टून
    काश! शिक्षा और स्वास्थ्य में भी हमारा कोई नंबर होता...
    25 Apr 2022
    SIPRI की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने साल 2022 में हथियारों पर जमकर खर्च किया है।
  • वसीम अकरम त्यागी
    शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार
    25 Apr 2022
    अधिकांश मुस्लिम आबादी वाली इस बस्ती में हिंदू दुकानदार भी हैं, उनके मकान भी हैं, धार्मिक स्थल भी हैं। समाज में बढ़ रही नफ़रत क्या इस इलाक़े तक भी पहुंची है, यह जानने के लिये हमने दुकानदारों,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License