NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ट्यूनीशिया में नौकरियों और बेहतर आर्थिक अवसरों की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन
हफ़्तों से जारी शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन उस समय उग्र हो गया जब रविवार को सुरक्षा बलों ने इसे रोकने के लिए बल का प्रयोग किया।
पीपल्स डिस्पैच
23 Jun 2020
ट्यूनीशिया
रविवार की सरकारी हिंसा के ख़िलाफ़ 22 जून को टाटौइन शहर में आम हड़ताल किया गया। स्रोत: ट्विटर

ट्यूनीशिया के दक्षिणी टाटौइन क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन सोमवार 22 जून को विरोध प्रदर्शन जारी रहा। सुरक्षा बलों ने टाटौइन शहर के मध्य में इकट्ठा हुए हज़ारों प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छेड़। रविवार 21 जून को सरकारी हिंसा के ख़िलाफ़ स्थानीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आम हड़ताल का आह्वान किया गया था।

प्रदर्शनकारी अपने प्रवक्ता तारेक हद्दाद की रिहाई की मांग कर रहे हैं जिन्हें शनिवार 20 जून को गिरफ़्तार किया गया था। नौकरियों और बेहतर परिस्थितियों की मांग के लिए पिछले कुछ हफ्तों से अल-कामौर पंपिंग स्टेशन के आसपास धरना और रोड ब्लॉक किया गया है। तारेक हद्दाद की गिरफ़्तारी के बाद सुरक्षा बलों ने रविवार को आंसू गैस का इस्तेमाल कर विरोध प्रदर्शन को तितर-बितर करने की कोशिश की। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए।

आधिकारिक बयान के अनुसार रविवार को 10 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया। सोमवार के विरोध के बाद ट्यूनीशिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने शहर में सरकारी कार्यालयों के बाहर सेना को तैनात किया है।

ट्यूनीशिया के सबसे ग़रीब प्रांत टाटौइन में लोग हफ्तों से विरोध कर रहे हैं और उन्होंने अल-कामौर पंपिंग स्टेशन से तेल की आवाजाही को रोकने के लिए मुख्य सड़क को ब्लॉक कर दिया है। वे मांग कर रहे हैं कि तीन महीने तक चले इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के बाद 2017 में ट्यूनीशियन ट्रेड यूनियन कन्फेड्रेशन (यूजीटीटी) के साथ हुए समझौते पर सरकार कार्रवाई करे। सरकार तब 1,500 लोगों को रोज़गार देने और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में 28 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का निवेश करने के लिए सहमत हुई थी। एक्टिविस्ट ने कहा कि इस समझौते को सरकार ने कभी लागू नहीं किया।

ट्यूनीशिया मुख्य रूप से सरकार की त्रुटिपूर्ण आर्थिक नीतियों के कारण अधिक बेरोज़गारी का सामना कर रहा है। COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए महीनों के लॉकडाउन के कारण समस्या और बढ़ गई है। लोगों के आने जाने पर प्रतिबंध ने पर्यटन क्षेत्र को तबाह कर दिया है जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10% योगदान देता है और देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ट्यूनीशिया की बेरोज़गारी दर पिछले साल के 15% की तुलना में बढ़कर 21% से अधिक होने की आशंका है। टाटौइन क्षेत्र में बेरोज़गारी दर पहले से ही 30% है। ये क्षेत्र भौगोलिक आकार के मामले में देश का सबसे बड़ा क्षेत्र भी है। ट्यूनीशियाई सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था इस साल नोेवेल कोरोनावायरस महामारी के कारण 7% तक कम हो सकती है।

COVID-19 in Tunisia
Economic impact of lockdown
general strike
Tarek Haddad
Tataouine
Tunisian Trade Union Confederation
UGTT
Unemployment in Tunisia
Unemployment protest

Related Stories

देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का दिखा दम !

देशव्यापी हड़ताल : दिल्ली एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों में दिखा हड़ताल का असर

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

हड़ताल के कारण हरियाणा में सार्वजनिक बस सेवा ठप, पंजाब में बैंक सेवाएं प्रभावित

केरल में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत लगभग सभी संस्थान बंद रहे


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License