NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
UP-PSC: फिर धांधली, फिर परीक्षा स्थगित, फिर प्रदर्शन; आख़िर कब तक?
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने पीसीएस-2018 की मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी है। इस मामले में शुक्रवार को यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने प्रदर्शन किया, जो उग्र भी हो गया।
अमित सिंह
31 May 2019
यूपीपीएससी के सामने प्रदर्शन करते छात्र
यूपीपीएससी के सामने प्रदर्शन करते छात्र

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) इन दिनों एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में धांधली की आंच में तप रहा है। इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही, एसटीएफ और क्राइम ब्रांच इस मामले में अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई जिलों में छापामारी कर रही है।

एसटीएफ के मुताबिक कोलकाता की एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक ने आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार के साथ मिलकर पेपर लीक किया और फिर 2.5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक में बेच दिया।

इसके बाद यूपीपीएससी ने पीसीएस-2018 की मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी है। बताया जाता है कि पीसीएस मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र छापने का टेंडर भी उसी प्रेस को दिया गया जिसके खिलाफ एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के मामले में विशेष जांच दल (एसटीएफ) को शिकायत मिली थी। इस परीक्षा की नई तारीख पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। इससे पहले यह परीक्षा 17 जून से होनी थी।

इसी बीच मीडिया में आई खबरों के मुताबिक गुरुवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज के दफ्तर पर लगे साइन बोर्ड पर लिखे शब्दों के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। स्थानीय थाना पुलिस के अनुसार शरारती तत्वों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा में लोक की जगह ‘चिलम’ लिख दिया है। चिलम नीले रंग से लिखा गया है। मामले में पुलिस ने शक के आधार पर तीन लोगों को हिरासत में लिया है।

upsc.JPG
फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्रों में यूपीपीएसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और आयोग के सभी सदस्यों को हटाकर नए लोगों की नियुक्ति में परीक्षा कराए जाने की मांग की। प्रतियोगी छात्रों ने जांच होने तक आयोग की सभी लिखित परीक्षा और प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की मांग भी की है। बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र पिछले कई दिनों से आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। 

शुक्रवार को यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन उग्र भी हो गया। इस दौरान भारी हंगामें और पथराव के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। 

यूपीपीएससी के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्र विनय से न्यूज़क्लिक ने फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा, 'हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा की जांच होने तक आयोग की सभी लिखित परीक्षा और प्रारंभिक परीक्षा स्थगित हों। साथ ही परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई भर्ती परीक्षा को रद्द किया जाय। साथ ही इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाय।'

वहीं, एक दूसरे प्रदर्शनकारी छात्र प्रदीप सिंह ने बताया, 'आयोग भ्रष्टाचार और अराजकता का अड्डा बन गया है। एक परीक्षा पूरी होने और नियुक्ति पत्र मिलने में कई सालों का इंतजार करना पड़ रहा है। इसके चक्कर में छात्रों को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।'

उन्होंने आगे बताया, 'आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2014 के बाद से ही ज्यादातर सीधी भर्तियों के परिणाम अभी तक आ नहीं पाए हैं। कुछ पर जांच हो रही है या फिर वो कोर्ट में हैं। अभी आरओ, एआरओ 2016 की प्री और 2017 के मेंस के परिणाम लंबित हैं। पीसीएस लोअर 2015 और 2016 की मार्क्स-शीट अभी तक प्रतियोगी छात्रों को नहीं मिली है। 2013 में हुई एई और जेई की टेक्निकल परीक्षा का परिणाम भी अभी लंबित है। इसमें चार हजार से ज्यादा सीट थी।'

आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ऐसे सवालों के घेरे में आया है। उत्तर प्रदेश की पिछली सपा सरकार के दौरान भी आयोग पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। 

प्रदेश लोक सेवा आयोग पिछले काफी समय से ऐसा कोई एक्जाम भी आयोजित नहीं करा पाया है जिस पर सवाल न उठे हों। आयोग द्वारा आयोजित कई परीक्षाएं हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पूरी हो सकी हैं तो अभी कई अटकी हुई हैं। कई पर सीबीआई जांच के आदेश भी हैं। 

आयोग द्वारा आयोजित ज्यादातर परीक्षाओं को लेकर कोई न कोई विवाद खड़ा हुआ है। इनमें हाल ही में हुई एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा, आरआई टेक्निकल परीक्षा, पीसीएस-2018 की प्रारंभिक परीक्षा भी शामिल हैं। 

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने यूपीपीएससी में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाकर जीत हासिल की थी। यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में हुई एक रैली के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से पीसीएस मेन्स 2015 की परीक्षा की कॉपी में हेराफेरी का मुद्दा उठाया था।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए जारी संकल्प पत्र में लिखा था,'सपा के शासन काल में उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन के पक्षपात पर स्वयं उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेकर चेयरमैन को पद से हटाया। प्रदेश सरकार की हर भर्ती एक घोटाला बनकर सामने आई। भारतीय जनता पार्टी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को सख्ती से लागू करेगी।'

हालांकि चुनावों में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की थी लेकिन यूपीपीएससी में बदलाव का उनका वादा पूरा नहीं हुआ। आयोग भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के नए प्रतिमान गढ़ने में लगा रहा। इस मामले में वह पिछली अखिलेश सरकार को भी पीछे छोड़ती नजर आई है। 

योगी सरकार के आने के बाद आयोग ने 65 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती की परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा पर नकल, भ्रष्टाचार, धांधली और गड़बड़ी के इतने आरोप लगे कि हाईकोर्ट की एकल पीठ को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा। 

उस दौरान हाई कोर्ट की टिप्पणी थी, 'पिछले 20 साल से राज्य सरकार, चयन बोर्ड या कमिशन की लगभग हर भर्ती में गड़बड़ी देखने को मिल रही है लेकिन दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय जांच कमिटियां बनती रहीं, जिन्होंने कुछ नहीं किया। इसलिए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है, इसलिए हमें आदेश देना पड़ रहा है।'

फिलहाल आयोग के कारनामों की फेहरिस्त फाफी लंबी है। सरकारें बदलती रही और आयोग छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ में लगा रहा।

UPPSC
UP Public Service Commission
pcs-2018
ALLAHABAD
Yogi Adityanath
yogi government
UttarPradesh

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License