NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
अंतरराष्ट्रीय
थाईलैंड के प्रदर्शनकारियों पर योजनाबद्ध रैली से पहले सम्राट का अपमान करने का आरोप
15 प्रदर्शनकारियों को लेसे-मैजेस्टे आरोपों का सामना करने के लिए समन किया गया है। दोष सिद्ध होने पर 15 साल तक की जेल हो सकती है।
पीपल्स डिस्पैच
25 Nov 2020
thi

थाईलैंड की पुलिस ने घोषणा की है कि उसने थाई क्रिमिनल कोड के अनुच्छेद 112 के तहत लेसे-मैजेस्टे (सत्ता के ख़िलाफ़ अपराध) आरोपों का सामना करने के लिए बुधवार 25 नवंबर को 15 सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारियों को समन किया है। मंगलवार को दायर किए गए इस समन की घोषणा जनता के हाथो शाही गद्दी को सौंपने के लिए किंग वजीरालॉन्गकोर्न से आह्वान करने को लेकर योजनापद्ध प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले की गई। लगभग चार महीने के लंबे विरोध आंदोलन के सबसे प्रमुख लोगों को ये समन भेजा गया।

जिन लोगों को ये समन भेजा गया है उनमें मानवाधिकार वकील एनन नम्पा और छात्र कार्यकर्ता परित चिवारक, पानुपोंग चादनोक, तातेप रुनगप्राइकित्सेरे, पियारत चोंगथेप, पानुसाया सिथिजीरावट्टनाकुल, जुथाथिप सिरिकन और पसरावली थनाकितविबुलपुल शामिल हैं।

प्रदर्शन के दौरान राजा और शाही परिवार के सदस्यों के ख़िलाफ़ बयान देने को लेकर इन प्रदर्शनकारियों को 30 नवंबर तक इस समन का जवाब देने और अपने खिलाफ आरोपों को स्वीकार करने का समय दिया गया है। अनुच्छेद 112 के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को 15 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

थाईलैंड में लेसे मैजेस्टे क़ानून इसके व्यापक दायरे और सजा देने वाले कड़े दंडों के लिए बदनाम है। इसके अलावा, आश्चर्यजनक रूप से दोषसिद्धी का उच्च दर और अनुच्छेद 112 के एक तिहाई से अधिक मामलों को सैन्य-नियंत्रित अदालतों द्वारा निपटाने की कोशिश की जाती है जो इस क़ानून को क्रमिक सैन्य शासन के हाथों का एक राजनीतिक उपकरण बनाता है।

नागरिकों के ख़िलाफ़ अनुच्छेद 112 का इस्तेमाल जुलाई 2017 के बाद से पहला ऐसा मामला होगा जिसे इस वर्ष जून में प्रधानमंत्री प्रयाग चान-ओ-चा की सरकार ने स्वीकार किया था कि एक नीति बनाई गई क्योंकि राजा के पास दया के अधिकार थे। इस सरकार ने निरंतर देशद्रोह जैसे दंडात्मक आरोपों के तहत कार्यकर्ताओं पर जुल्म ढ़ाया है। 20 नवंबर को प्रधानमंत्री ने इस नीति पर निर्णय वापस लिया और कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "सभी कानूनों और अनुच्छेदों" का इस्तेमाल करेगी।

इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (एफआईडीएच) ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ लेसे-मैजेस्टे के इस्तेमाल की निंदा की। एफआईडीएच के महासचिव अदिलुर्रहमान खान ने कहा, "सैनिकों के अनावश्यक तथा असंगत इस्तेमाल के साथ शांतिपूर्ण लोकतंत्र-समर्थन प्रदर्शनों को रोकने में विफल करने के बाद थाई सरकार अब प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के लिए लेसे-मैजेस्टे की का इस्तेमाल कर रही है।"

प्रारंभ में राजशाही की शक्तियों में बड़े सुधार का आह्वान करते हुए जुलाई महीने में थम्मासैट विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया था। छात्रों पर पुलिस दमन के बाद यह आंदोलन लोकतंत्र की वापसी और चान-ओ-चा सरकार के इस्तीफे के लिए एक राष्ट्रव्यापी आह्वान में बदल गया। ये सरकार 2014 के तख्तापलट के बाद पहली बार सत्ता में आया था।

Thailand
public protest in thailand
protestors in thailand

Related Stories

थाईलैंडः प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल और कई लोग हिरासत में

थाईलैंड के प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की हिंसात्मक कार्रवाई

थाईलैंड में प्रदर्शनकारी सड़कों पर फिर उतरे, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

शाहीन बाग़ अपडेट, थाईलैंड संकट और अन्य ख़बरें


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License