NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान चुनाव : सिर्फ 8 प्रतिशत वोट के फेरबदल से बदल सकती है सत्ता
बीजेपी की वर्तमान अलोकप्रियता के चलते इस तरह के बदलाव की बहुत संभावना है।
सुबोध वर्मा
06 Dec 2018
bjp rajsthan

न्यूज़क्लिक द्वारा डिजाइन किए गए चुनाव पूर्वानुमान उपकरण के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अगर 8 प्रतिशत मतदाता कोंग्रेस की तरफ चले जाते हैं तो इसका मतलब होगा कि वसुंधरा राजे और उनकी सरकार विधानसभा चुनाव हार रही है। यह अनुमान पिछले दो विधानसभा चुनावों (2013 और 2008) के साथ-साथ 2014 के लोकसभा चुनावों के चुनाव आयोग के आंकड़ों पर आधारित है।

2013 में, बीजेपी को 200 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें मिलीं थी, और कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर ही सिमट गई थी। दोनों पार्टियों के वोट शेयर क्रमश: बीजेपी – 45 प्रतिशत; कांग्रेस – 33 प्रतिशत थे। इन दो प्रमुख दलों के अलावा, बसपा को 3.4 प्रतिशत वोट और तीन सीटें मिली थी, दो स्थानीय दलों, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी (एनयूजेपी) को 5.3 प्रतिशत वोट और छह सीटें मिली थीं। निर्दलीय और अन्य को 12 प्रतिशत वोट मिले थे।

vote swing raj.jpg

जबकि एनपीपी और एनयूजेपीपी अब बीती हुई ताकते हैं, इनमें टूटन आने से उनके आधार को दूसरों ने निगल लिया गया है। उम्मीद है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवारों और अन्य छोटी पार्टियों को अभी भी इस तरह का समान वोट मिल सकता है, क्योंकि यह प्रवृत्ति ज्यादातर विधानसभा चुनाव में पायी जाती है।

इसलिए, बीजेपी से 8 प्रतिशत की वापसी को एंपीपी या एनयूजेपीपी के मतदाताओं द्वारा भी पूरा किया जा सकता है, जो कि कांग्रेस की ओर बढ़ रही है और पार्टी की जीत की संभावनाओं को और भी बढ़ा रही है।

https://elections.newsclick.in/states.html?state=Rajasthan&year=2013

राजस्थान चुनाव : नक्शा देखने के लिए  यहां क्लिक करें

यह 8 प्रतिशत की स्विंग का मतलब पूरे राज्य के लगभग 28.5 लाख मतदाताओं का होना है, जबकि राज्य में वर्तमान में 4.75 करोड़ मतदाता हैं। यह प्रति सीट औसतन 14,251 मतदाताओं के औसत पर काम करेगा, हालांकि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में स्विंग अलग-अलग हो सकती है।

क्या ऐसा 8 प्रतिशत की स्विंग संभव है?

आज तक की सभी रिपोर्ट और पूर्व सर्वेक्षण दर्शा रहे हैं कि राजस्थान में बीजेपी हार रही है। पिछले महीने प्रकाशित चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के औसत से पता चलता है कि कांग्रेस को 125 सीटें मिल रही हैं जबकि बीजेपी को केवल 67 सीटों पर सब्र करना होगा। इस संकेत से पता चलता है कि बीजेपी से कांग्रेस की ओर 8 प्रतिशत का स्विंग होने को ज़मीन पर महसूस किया जा रहा है।

इसके साथ अन्य संकेत भी मौजूद हैं। इस वर्ष फरवरी में आयोजित तीन उपचुनावों में बीजेपी के वोट शेयर में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पंचायत और नगरपालिका चुनावों में भी कांग्रेस ने बीजेपी के उपर जीत दर्ज़ की है।

लेकिन इन चुनावी संकेतकों के अलावा, यह मानने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि भाजपा से मतदाता स्पष्ट तौर पर नाराज़ हैं और राजस्थान में असंतोष और गुस्से की लहर है। इसमें राजे सरकार द्वारा किसानों की शिकायतों को हल न करना उनकी फसलो के लिए बहुत कम कीमत लगाना और राज्य में बेरोजगारी का बढ़ना  और कम मजदूरी के चलते मजदूरों का तीव्र शोषण करना और श्रम कानून की सुरक्षा वापस लेने से भी नारज़गी है।

दलित और आदिवासी समुदाय भी निरंतर उपेक्षा और भेदभाव का जीवन जी रहे हैं, और उनके लिए बजटीय आवंटन में कटौती और अत्याचारों में वृद्धि के कारण संघर्ष के रास्ते पर हैं।

राजे सरकार राज्य में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है, जिससे सार्वजनिक तौर पर लिंचिंग की कई भयानक घटनाएं हो रही हैं। इतना ही नहीं, बीजेपी के नेताओं और यहां तक कि विधायकों ने खुलेआम बिना किसी भय के इसका समर्थन किया है और खुलेआम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया है।

शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण और निगमीकरण की तरफ झुकाव से लोगों में  नाराज़गी है क्योंकि इसका मतलब यह है कि ये आवश्यक जरूरतें उनकी पहुंच से बाहर है।

नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्रीय सरकार के रिकॉर्ड के संदर्भ में राज्य सरकार का यह सर्वव्यापी विनाशकारी रिकॉर्ड देखा जाना चाहिए जो अपनी आर्थिक नीतियों के कारण काफी अलोकप्रिय हो गया है, जिसमें नोटबंदी  और अन्यायपूर्ण सामान और सेवा कर शामिल हैं। इन सबने राजे की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।

इसका क्या मतलब है कि 8 प्रतिशत की स्विंग एक बहुत स्पष्ट संभावना प्रतीत हो रही है - और इसका मतलब है कि इस चुनाव को जीतने की राजे की संभावनाएं काफी कम हो गई हैं।

rajasthan Assembly elections
Rajasthan elections 2018
BJP
Congress
Vasundhara Raje

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License