NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान :घनश्याम तिवारी के भ्रष्टाचार के आरोपों में कितनी है सच्चाई ?
जबसे वसुंधरा राजे के नेतृत्व में 2013 में बीजेपी की राज्य की सत्ता में काबिज़ हुई है तबसे ही सरकार पर भष्ट्राचार के आरोप सरकार पर लगातार लग रहे हैं। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Jun 2018
ghanshyam tiwari

25 जून को राजस्थान बीजेपी के बड़े नेता और सांगानेर से विधायक घनश्याम तिवारी ने पार्टी से स्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने बेटे द्वारा बनायी गयी नयी पार्टी 'भारत वाहिनी पार्टी' से राज्य में होने वाले विधान सभा चुनावों में हिस्सा लेने का ऐलान भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 200 सीटों  पर चुनाव  लड़ेगी और बीजेपी और कांग्रेस दोनों का विकल्प बनेगी। घनश्याम तिवारी राजस्थान में बीजेपी के बड़े नेता रहे हैं और सांगानेर से 6 बार विधायक रहे हैं। 

राजस्थान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये होना लाज़मी था क्योंकि घनश्याम तिवारी वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री मंडल में शामिल होना चाह रहे थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। घनश्याम तिवारी शुरू से संघ से जुड़े हुए रहे हैं , उन्होंने कल भी इस बात को दोहराया कि उनकी विचारधारा हमेशा  ही संघ से प्रेरित रहेगी। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से जो सबसे ज़रूरी बात उभरकर आयी वो है कि घनश्याम तिवारी ने बीजेपी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा  "प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राज्य सरकार खुलकर भ्रष्टाचार कर रही हैं I मैंने कई बार पार्टी नेतृत्व को इससे अवगत कराया, लेकिन वे कार्रवाई करने की बजाय इन्हें प्रश्रय दे रहे हैंI पार्टी के ही आला नेताओं की छत्रछाया में राज्य सरकार ने लूट मचा रखी है। "

इसके आलावा उन्होंने ये भी कहा कि जबसे बीजेपी सत्ता में आयी है तबसे ही देश में अघोषित आपातकाल लागू है। वैसे घनश्याम  तिवारी खुद भी हिंदुत्व  के प्रचारित रहे हैं और राजस्थान  के 4 % ब्राह्मणों में उनकी काफी पैठ है , इसके साथ ही उनका उच्च जातियों के प्रति पक्षपात किसी से छुपा नहीं है। लेकिन उनके द्वारा लगाए गए भ्र्ष्टाचार के आरोप गंभीर हैं। 

ये बयान कहीं न कहीं वही बात कर रहे हैं जिनका खुलासा पिछले कुछ सालों से मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ता करते आये हैं। दरअसल जबसे वसुंधरा राजे के नेतृत्व में 2013 में बीजेपी की राज्य की सत्ता में काबिज़ हुई है तबसे ही सरकार पर भष्ट्राचार के आरोप लगातार लग रहे हैं। 

2015 में राज्य में एक खनन घोटाले का खुलासा हुआ ,ये बताया गया कि इससे राजकोष को करीब Rs. 45,000 करोड़  का नुक्सान होगा। दरअसल आरोप ये है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राजस्थान के विभिन्न इलाकों में 653 खदानें पूँजीपतियों को "पहले आओ पहले पाओ" के तरीके से बाँट दी।  इन  खदानों में खनिज  की कीमत दो लाख करोड़  की बताई गयी थी। राज्य सरकार का ये कार्य नीलामी के केंद्रीय नियमों की अवेहलना है और कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने की कोशिश है। 

यह भी पढ़ें  Can Vasundhara Raje’s New Ordinance Shield Corruption in Rajasthan?

सितम्बर 2015 में मीडिया में खबर छपी कि एक IAS अफसर और खनन सचिव आशोक सिंघवी जिन्हे भ्रष्टाचार के आरोप में पहले ही निलंभित किया जा चुका था ,ने एक और बड़ा भ्रष्टाचार किया। आरोप ये है कि उन्होंने 2,828 हैक्टेयर में फैली जिप्सम खदानें बहुत से लोगों को बिना इजाज़त लीज़ पर दे दी। ये 30अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में आये दिशानिर्देश का पूरा उल्लंघन है। बताया ये भी गया कि राजस्थान सरकार में मंत्री ने इसमें  से दो कंपनियों को फायदा  पहुँचाने  के लिए खुद अशोक सिंघवी  का साथ दिया था। देश का 90 % जिप्सम राजस्थान  से ही निकलता है और खदानों  के आवंटन  के लिए आवेदन पत्र भरे जाते हैं और नीलामी कराई जाती है। इसीलिए इस तरह खदानें देना पूरी तरह गैरकानूनी है। 

अगस्त 2017 में ये खुलासा हुआ कि राजस्थान सरकार ने वेदांता कंपनी को रॉक फॉस्फेट की 600 रुपये करोड़ मूल्य की खदाने सौंप दी थी। ये पूरी तरह गैकानूनी है क्योंकि नियमों के मुताबिक रॉक फॉस्फेट की खदाने किसी भी निजी कम्पनी को नहीं दी जा सकती हैं। इस मामले में हाई कोर्ट ने सरकार को 23 जनवरी 2018 को सरकार से जवाब माँगा था और ये भी पूछा था कि मामले में केस इतनी धीरे क्यों चलाया जा रहा है।यह मामला कोर्ट में पिछले 2 सालों से चल रहा है । 

हाल ही में राजस्थान सरकार पर भ्रष्टाचार का एक और बड़ा आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राजस्थान सरकार ने योग गुरु और व्यापारी बाबा रामदेव  को राजस्थान  के करौली ज़िले में एक मंदिर माफ़ी की ज़मीन दी ,ये करना  सरासर गैरकानूनी है। दरअसल राजस्थान सरकार ने बाबा रामदेव को करौली ज़िले में 401 एकड़ की ज़मीन  फ़ूड पार्क बनाने के लिए दी है। बाबा  रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट ने 11 अगस्त 2016 को यह जमीन श्री गोविंद देव जी ट्रस्ट से लीज़ पर ली है जो कानून की दृष्टि से अवैध है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक यह ज़मीन 50 अलग-अलग खसरों में बंटी हुई है और यह ज़मीन श्री गोविंद देव जी मंदिर के नाम पर है। नियमों के मुताबिक मंदिर की ज़मीन न तो कोई बेच सकता है और न ही इसपर कोई गैर कृषि कार्य कर सकता है। हालांकि समस्या का समाधान न देखते हुए हालीया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने यहां फूड पार्क न बनाने की घोषणा की है बल्कि वह यहां औषधीय पौधे लगाएगी। वहीं उसने सरकार से फूड पार्क बनाने के लिए किसी दूसरी जगह ज़मीन देने की सिफारिश की है।इसी तरह राजस्थान  सरकार पर भ्रष्टाचार के और भी कई आरोप लगते रहे हैं। 

 

ghanshyam tiwari
Rajasthan
rajasthan government
BJP
Corruption

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    ज्ञानवापी प्रकरण: एक भारतीय नागरिक के सवाल
    17 May 2022
    भारतीय नागरिक के तौर पर मेरे कुछ सवाल हैं जो मैं अपने ही देश के अन्य नागरिकों के साथ साझा करना चाहता हूं। इन सवालों को हमें अपने हुक्मरानों से भी पूछना चाहिए।
  • ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई
    17 May 2022
    कोविड-19 महामारी लोगों को एक साथ ला सकती थी। यह महामारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) जैसे वैश्विक संस्थानों को मज़बूत कर सकती थी और सार्वजनिक कार्रवाई (पब्लिक ऐक्शन) में नया विश्वास जगा सकती थी…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 
    17 May 2022
    “सत्ता से सहमत होने के लिए बहुत से लोग हैं यदि पत्रकार भी ऐसा करने लगें तो जनता की समस्याओं और पीड़ा को स्वर कौन देगा?“
  • ukraine
    सी. सरतचंद
    यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 
    16 May 2022
    यूरोपीय संघ के भीतर रुसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने के हालिया प्रयास का कई सदस्य देशों के द्वारा कड़ा विरोध किया गया, जिसमें हंगरी प्रमुख था। इसी प्रकार, ग्रीस में स्थित शिपिंग कंपनियों ने यूरोपीय…
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रती Tool-Kit : ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी हथियार ट्रेनिंग तक
    16 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से नफ़रती Tool-Kit काम कर रही है। उन्होंने ज्ञानवापी विवाद से लेकर कर्नाटक में बजरंगी शौर्य ट्रेनिंग में हथियारों से लैस उन्माद पर सवाल उठाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License