NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रों पर अत्याचार
विरोध कर रहे छात्रों पर चेहरा न ढँकने और सोशल मीडिया पर प्रशासन के खिलाफ न लिखने का फरमान जारी किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Oct 2018
students protest

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को दबाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रशासन की तनशाही सिर्फ कहानी की शुरूवात भर है। प्रशासन ने एक पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि छात्रों को पोस्टर लगाने , संगठित होने और सोशल मीडिया पर लिखने से भी रोका जायेगा। 

यह सब तब शुरू हुआ जब 9 अक्टूबर की रात को महिला छात्रों ने हॉस्टल के दरवाज़े तोड़ दिए और बाहर आकर विरोध प्रदर्शन करने लगीं। विश्वविद्यालय में मौजूद छात्रों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि हाल में चल रहा विरोध प्रदर्शन प्रशासन के खिलाफ कई दिनों से उभर रहे गुस्से का नतीजा है। छात्रों ने बताया कि सुरक्षा ने नाम पर उनपर निगरानी रखी जाती है और उनका उत्पीड़न किया जाता है। 

विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कहा "बहुत छोटी चीज़ों के लिए भी विश्वविद्यालय प्रशासन हमारे घर वालों का दरवाज़ा खटखटाने लगता है। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय एक आवासीय परिसर है और यहाँ छात्र शांति से पढ़ाई करते हैं , लेकिन प्रशासन ने छात्रों पर बहुत कड़े नियम थोप दिए हैं।  जैसे महिला छात्रों के के हॉस्टलों में बिओमेट्रिक्स ,लिब्रेरी में खुद की 5 से ज़्यादा चीज़े स्वीकार्य नहीं है , महिलाएं रत 10 बजे के बाद लाइब्रेरी में नहीं जा सकतीं। विश्वविद्यालय में गॉर्ड हर जगह सुरक्षा और आईडी कार्ड के नाम पर छात्रों का उत्पीड़न करते हैं। 

छात्रों का आरोप है कि बिओमेट्रिक्स को हटाने  और छात्रों की निजता के अधिकार का आदर करने के बजाये विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के विरोध प्रदर्शन को दबाने में लगा हुआ है। न्यूज़क्लिक ने बात करते हुए छात्रों ने कहा कि वह आशा कर रहे थे कि 10 अक्टूबर को  प्रशासन की मीटिंग से कुछ उपाय निकलकर आएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ऊपर से विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सभी मुद्दों पर आम सहमति हो गयी है। जैसे जैसे विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की एकता को तोड़ने के प्रयास करने लगा। महिला छात्रों को बोलै गया कि पुरुष छात्र जो कह रहे हैं उसे न सुना जाए। प्रशासन ने महिला छात्रों से माफ़ी भी माँगने को कहा और ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात की। 

लेकिन छात्र प्रशासन के सामने झुके नहीं और अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। एक महिला छात्र ने कहा "छात्रों  को कहा गया है कि वह प्रदर्शन के दौरान अपने चहरे को न छुपाएं , अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उनके घर वालों को बता दिया जाता है और उन्हें धमकाया जाता है। यही वजह रही कि पुरुष छात्रों ने अपने चहरे दिखाने से मना कर दिया , इसके बाद छात्रों और प्रशासन के बीच 11 अक्टूबर की रात से 12 अक्टूबर की सुबह तक लड़ाई तेज़ हो गयी। इसके बाद पुरुष छात्रों को हॉस्टलों के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था जिस उन्होंने अपने कपड़े उतारकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।"

राजस्थान के केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लड़ाई तेज़ हो रही है और छात्र अपनी माँगों पर अड़े हुए हैं। न्यूज़क्लिक से बात करने हुए एक छात्र ने कहा "विश्वविद्यालय एक ग्रामीण क्षेत्र में है इसीलिए प्रशासन को हमें हाईवे पर चौबीस घंटे सुरक्षा और परिवहन की व्यवस्था प्रदान करनी चाहिए। लेकिन इसके उलट प्रशासन सुरक्षा के नाम पर हमारा उत्पीड़न कर रहा है। हमें लाइब्रेरी और पढ़ने की बहतर सुविधा प्रदान करने के बजाए प्रशासन बिओमेट्रिक्स लगा रहा है और हर साल सुरक्षा कर्मियों को दिखाने के लिए नए आईकार्ड ला रहा है। हमें बढ़िया स्वास्थ्य सेवाएं , पानी और दूसरी सुविधायें प्रदान करने के बजाये प्रशासन अपनी प्राथमिकता महिला छात्रों के घरवालों को उनकी बेटी की पल पल की खबर देने को बनाता है। "

छात्रों ने एक माँगपत्र निकाला है जिसमें प्रशासन से छात्रों को निजता का अधिकार देने और शान्ति से पढाई करने का माहौल प्रदान करने की माँग की गयी है। फिलहाल देश भर में हॉस्टल के नियमों के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं। इन आंदोलनों में सन्देश साफ़ है कि महिला छात्र अब सुरक्षा के नाम पर अपनी आज़ादी और निजता के अधिकार को ख़त्म नहीं होने देंगी। 

Central University of Rajasthan
Ajmer
female students protest
students protest
hostel rules
Right to privacy

Related Stories

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

सात बिंदुओं से जानिए ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन बिल’ का क्यों हो रहा है विरोध?

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

क्या पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के लिए भारत की संप्रभुता को गिरवी रख दिया गया है?

नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ AISA का 'रोल बैक NEP' अभियान

खोज ख़बरः गुप्त मतदान और लोकतंत्र पर हमला है आधार को वोटर i-card से जोड़ने वाला क़ानून

डेटा संरक्षण विधेयक की ख़ामियां और जेपीसी रिपोर्ट की भ्रांतियां

पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला गांधी, राम मोहन राय के नज़रिये की अभिव्यक्ति है

पेगासस जासूसी कांड पर सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी: 46 पन्नों के आदेश का निचोड़

"लव जिहाद" क़ानून : भारत लड़ रहा है संविधान को बचाने की लड़ाई


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License