NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान की रार:  रुठने-मनाने का सिलसिला अभी जारी है  
राजस्थान की राजनीति रोज़ नये दिलचस्प मोड़ ले रही है। अब सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायक मानकर ‘घर लौटे’ हैं तो अब गहलोत खेमे के विधायक नाराज़ बताए जाते हैं।

 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Aug 2020
i

राजस्थान की राजनीति रोज़ नये दिलचस्प मोड़ ले रही है। अब सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायक मानकर ‘घर लौटे’ हैं तो अब गहलोत खेमे के विधायक नाराज़ बताए जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट की अगुवाई में गहलोत से नाराजगी जताने वाले 19 विधायक नयी दिल्ली में प्रियंका गांधी व राहुल गांधी से मुलाकात के बाद लगभग एक महीने बाद मंगलवार को जयपुर लौट आए। हालांकि इनकी वापसी से कांग्रेस के वे कुछ विधायक नाराज बताए जा रहे हैं जो लगभग एक महीने से जयपुर व जैसलमेर के होटलों में रुके हुए हैं। बताते हैं कि कांग्रेस विधायक दल की मंगलवार रात यहां हुई बैठक में भी इन विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
पीटीआई-भाषा की ख़बर के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट व अन्य बागी विधायकों की वापसी को लेकर कांग्रेस विधायकों में नाराजगी की ओर इशारा करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन मैने इन विधायकों को समझाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब सब मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे।

गहलोत ने जोधपुर के लिये रवाना होने से पहले जैसलमेर में संवाददाताओं से कहा,' उनकी नाराजगी स्वाभाविक है। जिस रूप में यह एपिसोड हुआ उन्हें इतने दिन होटलों में रहना पड़ा, उनकी नाराजगी होना स्वाभाविक था।' गहलोत ने कहा,'उनको मैंने समझाया है कि देश प्रदेश व प्रदेशवासियों के लिए और लोकतंत्र को बचाने के लिए कई बार हमें सहन भी करना पड़ता है।' इसके साथ ही गहलोत ने उम्मीद जताई कि अब सब मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, 'हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे। जो हमारे साथी चले गए थे वे भी वापस आ गए हैं मुझे उम्मीद है कि सब गिले शिकवे दूर करके सब मिलकर प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे।'

आपको बता दें कि कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार दोपहर को जैसलमेर से जयपुर पहुंच गए। वे एक उड़ान से बुधवार दोपहर यहां पहुंचे। फिलहाल वे यहां एक होटल में रुकेंगे। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के अनुसार विधायक उसी होटल में जा रहे हैं जहां वे पहले रुके थे। वहीं पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। उल्लेखनीय है कि विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू होगा।

 

राजस्थान संकट भाजपा के लिए सबक, ‘खरीद-फरोख्त’ की उसकी राजनीति नाकाम रही : अधीर रंजन

कोलकाता (भाषा): लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को कहा कि राजस्थान के राजनीतिक संकट के समाधान से भाजपा की "खरीद-फरोख्त’’ की राजनीति को गहरा झटका लगा है।

सचिन पायलट जैसे युवा नेताओं को पार्टी का भविष्य बताते हुए चौधरी ने ‘‘भाजपा को अपने ही खेल में हरा देने के लिए’’ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजनीतिक कौशल की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान प्रकरण ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि भाजपा और उसके हथकंडों को नहीं पराजित किया जा सकता है। खरीद-फरोख्त की भाजपा की राजनीति नाकाम हो गयी है।’’

चौधरी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह देखना आनंददायक था कि भाजपा इस डर से अपने ही विधायकों को दूसरे राज्यों में भेज रही थी कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा को उनके ही खेल में हराया जा सकता है और राजस्थान इसका एक उदाहरण है।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य ने कहा, ‘‘अशोक गहलोत के राजनीतिक कौशल ने भाजपा को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। मैं बहुत खुश हूं कि सचिन पायलट राजस्थान लौट गए हैं। घटनाक्रम साबित करता है कि हम किसी भी संकट को सौहार्दपूर्वक हल कर सकते हैं। सचिन पायलट जैसे नेता हमारी पार्टी के भविष्य हैं।"

यह पूछे जाने पर कि क्या राजस्थान के राजनीतिक गतिरोध के समाधान से पार्टी में राहुल गांधी का कद ऐसे नेता के रूप में बढ़ा है, जो संकटों का हल कर सकते हैं, चौधरी ने कहा कि उन्होंने 2018 में कर्नाटक में सरकार के गठन के दौरान ही अपनी क्षमताओं को साबित कर चुके हैं।

चौधरी ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अपने नेतृत्व कौशल को साबित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने 2018 में कर्नाटक सरकार के गठन के दौरान यह साबित कर दिया जब उन्होंने भाजपा के मुंह से जीत छीन ली। कुछ लोगों के विश्वासघात के कारण हमने 2019 में भाजपा के हाथों सत्ता खो दी।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी राजस्थान संकट के हल में अहम भूमिका निभायी।

 

 

 

 

 

RAJSTHAN
rajsthan government crisi
sachin pilot
ashok gahlot

Related Stories

विश्लेषण: कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से क्या निकला?

राजस्थान: क्या एक हो गए हैं अशोक गहलोत और सचिन पायलट?

राजनीति: कांग्रेस अपने ही नेताओं के वैचारिक संकट और अवसरवाद की शिकार

ओला के खिलाफ टिप्पणी से निशाने पर आए भाजपा प्रवक्ता भाटिया, गहलोत ने कहा- नड्डा माफ़ी मांगें

सत्ता की चाह में डूबे नेताओं की आदत है पार्टी बदलना

दिल्ली में एक सप्ताह का कर्फ्यू, कोविड ने बढ़ाया अमीर गरीब के बीच फासला और अन्य

महाराष्ट्र और राजस्थान में अब फिर चलेगा 'ऑपरेशन कमल’

राजस्थान के ‘सियासी ड्रामे’ का समापन: अशोक गहलोत ने विश्वासमत जीता

राजस्थान : कांग्रेस के लिए बड़े सबक  

दल-बदल विरोधी कानून: क्या कहता है इतिहास?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License