NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान में 38 पहाड़ियां गायब! सुप्रीम कोर्ट भी हैरत में, तुरंत अवैध खनन रोकने के आदेश
फारेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 50 सालों में अरावली पर्वत श्रृंखला की 128 पहाड़ियों में से 38 पहाड़ियां खनन की वजह से गायब हो गई हैं।
ऋतांश आज़ाद
24 Oct 2018
Aravalis
Image Courtesy: India Today

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को दो दिन के भीतर गैरकानूनी खनन पर रोक लगाने को कहा है। यह आदेश तब दिया गया जब फारेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पिछले 50 सालों में अरावली पर्वत श्रृंखला की 128 पहाड़ियों में से 38 पहाड़ियां खनन की वजह से गायब हो गई हैं। कोर्ट ने कहा कि इस वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है और लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है।

सरकार को लताड़ लगाते हुए जजों कहा कि "यह राजस्थान में क्या हो आ रहा है? इंसान हनुमान की तरह पहाड़ गायब करके उड़ रहे हैं।" कोर्ट ने अरावली के 115. 34 हेक्टेयर में चल रहे गैरकानूनी खनन को रोकने के आदेश राज्य सरकार और मुख्य सचिव दोनों को दिए हैं। राजस्थान सरकार ने भी इलाके में चल रहे गैरकानूनी खनन की बात को माना है। 

दरअसल यह मामला तब सामने आया जब फॉरेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया ने अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट को दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले सालों में कुल 20% पहाड़ियां ही गायब हो गई हैं। हालाँकि राजस्थान सरकार ने माना है कि गैरकानूनी खनन चल रहा है लेकिन साथ ही कहा कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट  पर पूरा भरोसा नहीं है। सरकार ने यह भी कहा है कि फारेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया ने उनसे बिना पूछे यह सर्वे किया है। कोर्ट ने इसके जवाब में सरकार को लताड़ते हुए कहा है कि "आप इतनी बड़ी सरकारी संस्था पर इस तरह कोई भी आरोप नहीं लगा सकते।"

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव को 26 अक्टूबर तक एफिडेविट (शपथ पत्र) दाखिल करने को कहा है और इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 29 अक्टूबर तय की है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए दिल्ली में मौजूद लाखों लोगों की ज़िन्दगी खतरे में डाल रही है। कोर्ट के सामने जब यह तथ्य आया कि राजस्थान सरकार को खनन से 5000 करोड़ की रॉयल्टी मिलती है, तो इस पर कोर्ट का कहना था कि "आप रॉयल्टी पाने के लिए दिल्ली के लोगों की ज़िंदगियाँ खतरे में डाल रहें हैं। आपने माना है कि वहाँ गैरकानूनी खनन चल रहा है, तो फिर वो पैसा आप दिल्ली के लोगों को दें।" साथ ही कोर्ट ने कहा कि अरावली के पहाड़ राजस्थान की धूलभरी आंधी  की रक्षा करते रहे हैं। इसी बात पर पर्यावरण के विशेषज्ञ भी मुहर लगाते हैं। 

कोर्ट का आदेश राजस्थान सरकार के कामकाज पर कई गंभीर सवाल उठाता है। ऐसा कैसे हो सकता है कि 128 में से 38 पहाड़ गायब हो जाते हैं और सरकार को पता भी नहीं चलता? लेकिन यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान सरकार पर राज्य में गैरकानूनी खनन को बढ़ावा देने के आरोप लगे हों। पिछले कुछ सालों में सामने आए मामले खनन में बड़े भ्रष्टाचार कि ओर इशारा कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें :- https://www.newsclick.in/can-vasundhara-rajes-new-ordinance-shield-corruption-rajasthan

2015 में राज्य में एक खनन घोटाले का खुलासा हुआ। बताया गया कि इससे राजकोष को करीब 45,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। दरअसल आरोप ये है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राजस्थान के विभिन्न इलाकों में 653 खदानें पूँजीपतियों को "पहले आओ पहले पाओ" के तरीके से बाँट दी।  इन खदानों में खनिज  की कीमत दो लाख करोड़ की बताई गयी थी। राज्य सरकार का ये कार्य नीलामी के केंद्रीय नियमों की अवेहलना है और कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुँचाने की कोशिश है।  

सितम्बर 2015 में मीडिया में खबर छपी कि एक आईएएस अफसर और खनन सचिव आशोक सिंघवी जिन्हे भ्रष्टाचार के आरोप में पहले ही निलंबित किया जा चुका था, ने एक और बड़ा भ्रष्टाचार किया था। आरोप ये है कि उन्होंने 2,828 हैक्टेयर में फैली जिप्सम खदानें बहुत से लोगों को बिना इजाज़त के लीज़ पर दे दी। ये  30 अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में आये दिशा-निर्देश का पूरा उल्लंघन है। बताया ये भी गया कि राजस्थान सरकार में एक मंत्री ने इसमें  से दो कंपनियों को फायदा  पहुँचाने  के लिए खुद अशोक सिंघवी का साथ दिया था। देश का 90% जिप्सम राजस्थान  से ही निकलता है और खदानों  के आवंटन  के लिए आवेदन पत्र भरे जाते हैं और नीलामी कराई जाती है। इसीलिए इस तरह खदानें देना पूरी तरह गैरकानूनी है। 

अगस्त 2017 में एक और खुलासा हुआ। आरोप लगा कि राजस्थान सरकार ने वेदांता कंपनी को रॉक फॉस्फेट की 600 रुपये करोड़ मूल्य की खदाने सौंप दी। ये पूरी तरह गैरकानूनी है क्योंकि नियमों के मुताबिक रॉक फॉस्फेट की खदाने किसी भी निजी कम्पनी को नहीं दी जा सकती हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 2018 को सरकार से जवाब माँगा था और ये भी पूछा था कि यह केस इतनी धीरे क्यों चलाया जा रहा है। यह मामला कोर्ट में पिछले 2 सालों से चल रहा है। 

Aravalis
Illegal mining
Supreme Court
Rajasthan
rajasthan government
Vasundhara Raje Government
Delhi Environment
Pollution in Delhi

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License