NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान: रोडवेज़ कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
लिखित समझौते को लागू न करने के विरोध में पिछले 16 दिनों से यह हड़ताल जारी हैI
मुकुंद झा
02 Oct 2018
Rajasthan roadways workers' strike

राजस्थान पथ परिवहन निगम (या रोडवेज़) के कर्मचारी सरकार की परिवहन विरोधी नीतियों के विरोध में अन्श्चितकालीन हड़ताल पर हैंI यह पिछले 16 दिनों से जारी है और इसके खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहेI क्योंकि इस दौरान सरकार ने कर्मचारियों से बात करने की कोई भी कोशिश नहीं की हैI इस हड़ताल से राज्य के वे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं जो रोज़ाना परिवहन निगम की बसों में सफर करते हैंI साथ ही सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा हैI

रविवार को हड़ताल के 14वें दिन हड़ताली कर्मचारियों ने कटोरा लेकर भीख मांगी और इससे जमा रकम वे सरकार को भेज रहे हैंI कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के मुताबिक उसके पास पैसे नहीं है, इसलिए कर्मचारी भीख मांगकर सरकार को पैसे दे रहे हैं जिससे वो परिवहन कर्मचारियों को उनके हक़ का पैसा देI

कर्मचारी हड़ताल पर क्यों

सभी बुनियादी सवालों को लेकर राजस्थान परिवाहन निगम के कर्मचारियों ने पहले भी विरोध प्रदर्श व हड़ताल की थीI इसके बाद सरकार व कर्मचरियों के बीच एक लिखित समझौता हुआ था और सरकार ने कर्मचरियों की सभी मांगो को मानते हुए, इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने की बात कही थीI परन्तु समयसीमा बीत जाने के बाद भी जब सरकार ने इनकी मांगो की ओर ध्यान नहीं दिया, तब कर्मचरियों ने आर–पार की लड़ाई लड़ने की ठानी और हड़ताल पर गयेI

राजस्थान रोडवेज़ वर्कर्स यूनियन, सीटू के प्रदेश महासचिव किशन जी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि “राजस्थान सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई हैI हम तो केवल सरकार से उनके साथ किया गये 27 जुलाई 2018 के लिखित समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैंI परन्तु राजे सरकार उसे लागू नहीं कर रहीI इसी कारण मजबूरन रोडवेज़ कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं।” 

आन्दोलन कर रहे कर्मचारियों की मुख्य माँगे इस प्रकार है:-

  • सभी खली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए
  • सभी को 7वें वेतन आयोग के अनुसार समान वेतन और भत्ता मिले 
  • नई 1,000 रोडवेज़ बसें खरीदी जाएं
  • अनुबंधित बसों की संख्या कम की जाए और गैरकानूनी रूप से चल रही बसों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए
  • 522 चालक जिन्होंने अपना परिक्षण पूरा कर लिया है उन्हें जल्द नियुक्त किया जाए
  • सेवानिवृत्त कर्मचरियों के भत्ते का भुगतान जल्द किया जाए

सरकार को रोड़वेज से तकरीबन प्रतिदिन 5.5 करोड़ की कमाई होती हैI 16 दिनों की हड़ताल से सरकार इस भारी नुकसान हुआ हैI अजीब बात यह है कि कर्मचारी जिस 7वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग कर रहे हैं, उसमें सरकार को सिर्फ 22 करोड़ की लागत आएगीI फिर भी सरकार इसे लागू नहीं कर रहीI इस पर एक कर्मचारी ने कहा कि “महारानी (मुख्यमंत्री वसुंधराराजे) के पास हमारे लिए 22 करोड़ नहीं है, परन्तु वो अपने झूठे प्रचार में कई सौ करोड़ रूपये खर्च कर रही हैंI”

राजस्थान परिवहन निगम का निजीकरण करने की कोशिश

सार्वजनिक परिवहन का यह हाल सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि लगभग पूरे देश में है और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सार्वजनिक उद्यमों और निगमों को निजी हाथों में बेच देने की साज़िश हैI कई राज्य पथ परिवहन निगम अनुबंधित बसों (ठेके पर चलने वाली बसों) की आड़ में तेज़ी से निजीकरण की और बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। ये सरकारों की रणनीति का हिस्सा है कि परिवहन निगमों को ठेकेदारी के माध्यम से निजी हाथों में सौंप दिया जायेI पहले की सरकारें भी ऐसा करती आई हैं लेकिन भाजपा की सरकारें, केंद्र और राज्य दोनों, निजीकरण की प्रक्रिया को बहुत तेज़ी से आगे बढ़ा रही हैंI सभी भाजपा शासित राज्यों - राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ आदि- में पथ परिवहन निगमों की बसों के सरकारी बेड़ों में लगातार कमी आ रही है और निगम में तेज़ी से निजी बसों को ठेकों पर रखा जा रहा हैI

रोडवेज़ संगठनों का कहना है कि वर्तमान सरकार सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हाथों बेचना चाहती है जो देश की जनता के हित में नहींI खासतौर पर मज़दूर और श्रमिकों के जीवनयापन पर इससे बहुत बुरा असर पड़ेगाI इसलिए इन नीतियों का प्रतिरोध करना आवश्यक हैI

किशन जी कहते हैं कि “हम कर्मचारियों ने भी ठानी है कि हम सरकार को निगम बेचने नहीं देंगेI जब तक समझौता लागू नहीं कर दिया जाता, तब तक रोडवेज़ कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा।”

अंत में कर्मचारियों ने कहा राजस्थान की वसुंधरा राजे खुद को जनप्रतिनिधि  नहीं बल्कि महारानी समझ बैठी हैं और लगातार जनविरोधी काम कर रही हैंI उन्हें इसका जबाब जनता आने वाले चुनावों में देगीI उन्होंने यह भी कहा कि ये आन्दोलन अभी और तेज़ होगा उन्हें अखिल भारतीय किसान सभा जैसे किसान संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दलों - सीपीआई(एम), सीपीआई- का भी साथ प्राप्त हैI और अब कांग्रेस भी इनके समर्थन में आई हैI

Rajasthan
Rajasthan State Roadways
Workers' Strike
Vasundhara Raje Government
Indefinite Strike

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत

कांग्रेस चिंता शिविर में सोनिया गांधी ने कहा : गांधीजी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है!

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार

राजस्थान में मस्जिद पर भगवा, सांप्रदायिक तनाव की साज़िश!

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

करौली हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग:  संघ-भाजपा पर सुनियोजित ढंग से हिंसा भड़काने का आरोप

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License