NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजस्थान: शिक्षा में भगवाकरण का एक और प्रयास, अब स्कूलों में 'बाबा' देंगे प्रवचन
ये सभी कोशिशें बीजेपी और संघ की नफरत भरी विचारधारा का किशोरों और युवाओं में प्रचार करने के लिए की जा रही हैं।  इन सबसे ऐसा लगता है कि संघ परिवार शैक्षिक संस्थाओं को आरएसएस  की शाखा बनाने का प्रयास कर रहा है I
ऋतांश आज़ाद
13 Jun 2018
saffron education

यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि राजस्थान सरकार पिछले कुछ समय से शिक्षा में भगवाकरण कर रही है। राज्य सरकार के नए निर्णय से इसी बात पर फिर से मुहर लग गयी है। सरकार ने हाल में निर्णय लिया है कि प्रदेश के स्कूलों में महीने के हर तीसरे शनिवार को आध्यात्मिक गुरु प्रवचन देंगे। चौंकिए मत ये सच है ,दरअसल प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा एक पंचांग जारी किया गया है, जिसमें  महीने के हर शनिवार स्कूलों में एक कार्यक्रम कराये जाने को अनिवार्य बनाया गया है। 

इस पंचांग के हिसाब से महीने के पहले शनिवार को किसी 'महापुरुष' के जीवन  के बारे में जानकारी दी जाएगी। दूसरे शनिवार को एक कहानी सुनाने का एक कार्यक्रम होगा जिसमें प्रेरक कहानियाँ  सुनाई  जाएँगी।  इसी तरह इस आदेश के हिसाब से तीसरे शनिवार को किसी "संत " या 'आध्यात्मिक गुरु' का प्रवचन  आयोजित किया जायेगा। चौथे शनिवार को महाकाव्यों पर प्रश्नोत्तरी होगी। इसी तरह पंचांग  के हिसाब से अगर महीने में पाँचवां शनिवार होगा तो उस दिन  प्रेरक नाटकों का मंचन  होगा और राष्ट्रभक्ति के गीत गाये जायेंगे।

सरकार के इस आदेश को राजस्थान बोर्ड के अंतर्गत सभी निजी और सरकारी  स्कूलों में लागू किया जाना है। स्कूलों में आध्यात्मिक गुरुओं का प्रवचन बीजेपी की हिंदुत्व की विचारधारा को किशोर छात्रों में फ़ैलाने का एक सीधा प्रयास लगता है। ये बात कहने की ज़रुरत नहीं है कि ये संविधान में वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाने  के निर्देश के बिलकुल उलट है। लेकिन ये पहली बार नहीं है कि राजस्थान की बीजेपी सरकार शिक्षा में भगवाकरण  की नीति को अपना रही है।  

पिछले साल जून में राजस्थान सरकार द्वारा  छापी गयी 10 कक्षा की इतिहास की किताबों में हिंदुत्व के मुख्य विचारक वी डी सावरकर को नायक  की तरह पेश किया गया था। किताबों में लिखा गया कि वे "महान क्रांतिकारी"  थे, वह बहुत "बहादुर" थे और उन्होंने अपनी ज़िदगी देश के नाम कर दी और उनकी तारीफ शब्दों  में नहीं की जा सकती। जबकि ज़्यादातर इतिहासकारों का कहना  है कि सावरकर ने धर्म के आधार पर देश के  विभाजन  की बात सबसे पहले की, उन्होंने मुसलमानों को दोयम दरज़े का नागरिक बनाने की बात की और उनके द्वारा लिखी किताब में उन्होंने युद्ध की स्तिथि में मुस्लिम महिलाओं  के बलात्कार तक को सही ठहराया था। इसके आलावा  सावरकार की तथाकथित  "वीरता" इस बात  से भी ज़ाहिर होती है कि कालापानी की सज़ा के दौरान जेल से छूटने के लिए  उन्होंने कई बार अंग्रेज़ी सरकार को चिट्ठी लिखकर माफ़ी माँगीI  

पिछले साल ही राजस्थान विश्वविद्यालय में इतिहास और कॉमर्स  के पाठ्यक्रमों में भी बदलाव किये गए। जहाँ  कॉमर्स  के पाठ्यक्रम में भगवत गीत को शामिल किया गयाI वहीं इतिहास के पाठ्यक्रमों  में एक किताब जोड़ी गयी जिसमें बताया गया कि मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप अकबर से हल्दीघाटी में युद्ध जीते थे।  लेकिन ये बात ऐतिहासिक तथ्यों से बिलकुल उलट हैI दरअसल महाराणा  प्रताप को संघ और बीजेपी मुस्लिम शासकों से देश को बचाने वाले हिंदुत्व के महानायक की तरह पेश करते हैं। इतिहास को इस तरह दर्शाने की कोशिश आम लोगों को धर्म के नाम पर बाँटने  के लिए की जाती है और इससे संघ  और बीजेपी राजनीतिक रोटियाँ  सेंकने  के लिए इस्तेमाल करता रहा है। 

इसी कड़ी में पिछले साल नवम्बर में हिंदुत्व संगठनों ने जयपुर में "हिन्दू आध्यात्मिक मेला" आयोजित किया जिसमें  स्कूली  बच्चों का जाना अनिवार्य था।  इस मेले संघ से जुड़े संगठन में विश्व हिन्दू परिषद् के द्वारा एक पुस्तिका बाँटी गयी जिसमें मुसलमानों को 'आतंकी', 'देश द्रोही' और 'पाकिस्तान परस्त' बताया गया।  इसके आलावा पुस्तिका में कहा  गया कि मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़कियों  को मुस्लिम बनाने के लिए उनसे शादी करते हैंI जिसे ‘लव जिहाद’ की संज्ञा दी गयी हैI

इसी तरह जुलाई 2015 में राजस्थान के शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी कॉलेजों  को आरएसएस  के संस्थापक हेडगेवार पर लिखी संघ विचारक राकेश सिन्हा की किताब "आधुनिक भारत के निर्माता केशव बलिराम हेडगेवार" खरीदने ले लिए कहा। जनवरी 2017  में राजस्थान सरकार ने सभी सार्वजनिक पुस्तकालयों को संघ विचारक और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक दीन दयाल उपाध्याय के सम्पूर्ण संकलन को खरीदने का आदेश  दिया था। लेकिन ये भगवाकरण सिर्फ किताबों तक ही सीमित नहीं था बल्कि इसे राजस्थान के स्कूली बच्चों की साइकिलों में भी देखा जा सकता है। पिछले साल की शुरुआत में राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में लाखों स्कूली बच्चों को भगवा रंग की साइकिले बाँटी।  

ये सभी कोशिशें बीजेपी और संघ की नफरत भरी विचारधारा का किशोरों और युवाओं में प्रचार करने के लिए की जा रही हैं।  इन सबसे ऐसा लगता है कि संघ परिवार शैक्षिक संस्थाओं को आरएसएस  की शाखा बनाने का प्रयास कर रहा है और इन्हें हिंदुत्व की प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल कर रहा है। संघ द्वारा शिक्षा में इस हस्तक्षेप के हर छोटे छोटे कदम को समझने की और उनका पुरज़ोर विरोध करने की ज़रुरत है क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसके परिणाम घातक होंगे।  

Baba
god men
Rajasthan
saffornisation of education

बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License