NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
राजस्थान: विवादों में नीट काउंसलिंग,मेडिकल कॉलेजों में 705 सीटें रह गईं खाली
राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में सीटें नहीं भरी जा सकी हैं। इसको लेकर राजस्थान युवा डॉक्टर्स फाउंडेशन, भीम सेना सहित अनेक मेडिकल संगठनों ने विरोध जताया है।
सोनिया यादव
12 Aug 2019
NEET Rajasthan
image courtsy:Dainik Bhaskar

शिक्षा किसी भी देश का भविष्य तय करती है। ऐसे में देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की जर्जर व्यवस्था और दाखिले में अनियमितता की खबरें निश्चित तौर पर चिंताजनक हैं। इस संदर्भ में सरकारों द्वारा किेए तमाम वादें खोखले ही नजर आते हैं। ताजा मामला राजस्थान का है। यहां नीट काउंसलिंग एक बार फिर विवादों में है। प्रदेश में काउंसलिंग के दोनों राउंड पूरे होने के बाद अभी भी राज्य में करीब 705 सीटें खाली रह गईं हैं। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में सीटें नहीं भरी जा सकी हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आश्चर्य की बात ये है कि इस बार राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज,जयपुर की भी 20 सीटें खाली रह गईं। राज्य के अलग-अलग सरकारी कॉलेजों की बात करें तो यहां 75 सीटें अभी भी भरे जाने के इंतजार में है।

नीट काउंसलिंग के बाद परिणाम आते ही राजस्थान युवा डॉक्टर्स फाउंडेशन, भीम सेना सहित अनेक मेडिकल संगठनों ने विरोध जताया। रविवार को जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अभ्यर्थियों और उनके परिजनों ने विरोध स्वरूप हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने जयपुर की जवाहरलाल नेहरू यानी जेएलएन रोड जाम करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारी सड़क पर देर रात तक डटे रहे और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे।

इस पूरे विवाद के संदर्भ में राजस्थान युवा डॉक्टर्स फाउंडेशन के डॉ. विवेक माचरा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि,प्रशासन अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए इन पूरी प्रक्रिया में घालमेल कर रहा है। कम अंक पाने वाले छात्रों को अच्छे और सस्ते कॉलेज मिले हैं जबकि अधिक अंक पाने वाले छात्रों को इससे वंचित रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि, ये होनहार और किसान परिवार के विद्यार्थियों के साथ बड़ा धोखा किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टेट कोटे की 386 और मैनेजमेंट कोटे की 213 सीटों पर करोडों रुपयों का घोटाला हुआ है। सरकारी फ़ीस की सीटें खाली रखकर प्राइवेट कॉलेजों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

डॉ. विवेक माचरा का कहना है कि दाखिले की पूरी प्रक्रिया में तय मानकों का उल्लंघन किया गया है। इसके खिलाफ हमारा संगठन मंगलवार को हाईकोर्ट में भी याचिका दायर करेगा।

इस पूरे मामले पर एक अभ्यार्थी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज़क्लिक को बताया, 'कड़ी मेहनत और अच्छी रैंक लाने के बावजूद भी मुझे अपना मनपसंद कॉलेज नहीं मिल पाया। जबकि कम रैंक वाले छात्रों को अधिक अंक वालों से अच्छे और सस्ते कॉलेज मिले हैं।'

बता दें कि नीट की काउंसलिंग से नाराज़ हुए अभ्यर्थी और परिजन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मिलने भी पहुंचे। वहां इन्होंने इस बारे में लिखित शिकायत भी दी है।

राज्य के मेडिकल कॉलेजों में इनती बड़ी संख्या में सीट खाली रहने से निश्चित तौर पर काउंसलिंग सिस्टम पर सवाल उठना लाज़मी है। नीट की पहली काउंसलिंग 26 जुलाई को पूरी हुई थी जबकी दूसरी काउंसलिंग एक अगस्त को हुई। पहले राउंड के बाद यह कहा गया कि जिन छात्रों ने अन्य कॉलेज में एडमिशन ले लिया है, उनकी मैंपिंग कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या चार दिन तक मैपिंग हुई? जाहिर सी बात है कि अगर मैपिंग हुई होती तो इतनी बड़ी संख्या में सीटें खाली नहीं रहती।

गौरतलब है कि राज्य में पिछली बार वर्ष 2018 में केवल तीन सीटें ही खाली रही थीं। लेकिन ये पहली बार हुआ है जब इतनी अधिक संख्या में सीटें खाली रह गईं हैं। नीट के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी ने इस बारे में मीडिया से कहा कि राज्य सरकार की ओर से तय नियमों के अनुसार ही काउंसलिंग करा रहे हैं। हमें जो भी आपत्तियां मिल रही हैं, उन्हें उच्च स्तर पर भेजा जा रहा है। हमारी कोशिश रहेगी कि हर समस्या का समाधान किया जाए।

मामले की गंभीरता को देखते हुए, ये विवाद कोर्ट में जाना तय लग रहा है। ऐसे में तमाम अभ्यर्थियों के भविष्य का क्या होगा, ये बड़ा सवाल है।

NEET
Rajasthan
NEET counseling
ashok gehlot
sachin pilot
Rajasthan Yuva Doctors Foundation
Medical Colleges

Related Stories

छत्तीसगढ़ : युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों ने अपने दु:खद अनुभव को याद किया

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

नीट तमिलनाडु को आज़ादी से पहले की स्थिति में ले जा सकती है- समिति

क्या तमिलनाडु सरकार ने NEET को ख़ारिज कर एक शानदार बहस छेड़ दी है?

अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा के तहत ओबीसी को मिला आरक्षण, छात्र संगठनों ने कहा संघर्ष की हुई जीत!

राजस्थान: डूंगरपुर का शिक्षक भर्ती प्रकरण गहलोत सरकार के लिए नई चुनौती 

उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज: बढ़ती फ़ीस, पिसते बच्चे

राजस्थान: छात्र-छात्राओं पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में सीकर रहा बंद

राजस्थान : मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू

डेली राउंडअप : पतंजलि ज़मीन घोटाला, तेलंगाना में छात्रों की आत्महत्या


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License