NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राज्य निर्वाचन आयोग के पास उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति: अदालत
अदालत ने यह स्पष्ट किया कि एक ही मामले को लेकर दो समानांतर कार्रवाई नहीं चल सकती इसलिए अगर किसी उम्मीदवार का निर्वाचन किसी अदालत के समक्ष लंबित है तो उस दौरान आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने की प्रक्रिया को अमल में नहीं लाया जा सकता।
भाषा
27 Sep 2019
patna high court
Image courtesy: PatnaDaily

पटना :  पटना उच्च न्यायालय ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास नगरपालिका और पंचायती निकायों के उम्मीदवारों को निर्वाचित होने से पहले और बाद में अयोग्य घोषित करने की शक्ति है।

मुख्य न्यायाधीश एपी साही, न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा और राजीव रंजन प्रसाद की वृहद पीठ ने विभिन्न पीठों के संदर्भों पर बुधवार को यह फैसला सुनाया।

इन पीठों ने सवाल उठाया था कि क्या राज्य निर्वाचन आयोग को नगरपालिका या पंचायत निकायों के लिए चुने गए उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है।

200 पृष्ठों से अधिक लंबे इस आदेश में अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य निर्वाचन आयोग के पास बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 और बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार चुनाव पूर्व या उसके बाद अयोग्य घोषित किए जाने के प्रश्न पर विचार करने का अधिकार है।
हालांकि अदालत ने यह रेखांकित किया कि किसी उम्मीदवार के निर्वाचन को लेकर शिकायत का संज्ञान स्वत: या किसी अन्य व्यक्ति की शिकायत पर लिए जाने के बाद, आयोग ऐसे साक्ष्य जो संदेह के परे हों, के आधार पर ही विचार करने के लिए आगे बढ़ सकता है।

अदालत ने यह भी कहा कि यदि कोई शिकायत किसी निर्वाचन को लेकर आयोग के समक्ष आती है तो उसका निस्तारण किसी अदालत या सक्षम प्राधिकरण के द्वारा होने तक आयोग को अपनी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ानी चाहिए।

अदालत ने यह स्पष्ट किया कि एक ही मामले को लेकर दो समानांतर कार्रवाई नहीं चल सकती इसलिए अगर किसी उम्मीदवार का निर्वाचन किसी अदालत के समक्ष लंबित है तो उस दौरान आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने की प्रक्रिया को अमल में नहीं लाया जा सकता।

साथ ही अदालत ने कहा कि किसी भी निर्वाचन को चुनौती देने की एक समय सीमा निर्धारित है पर किसी निर्वाचित उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए आयोग पर ऐसी कोई समय सीमा लागू नहीं होती।

Patna High Court
Bihar
municipality
Panchayat
Election of candidate

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License