राफेल मामले में मंगलवार को एक बार फिर एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया गया। इस बार भी मोर्चा संभाला सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने।
राफेल मामले में मंगलवार को एक बार फिर एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया गया। इस बार भी मोर्चा संभाला सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने। तीनों ने इस डील और इसकी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए। कहा गया कि नई डील में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल को अंधेरे में रखा गया। यानी डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर को पूरी तरह से नकार दिया गया। वायु सेना पर भी झूठ बोलने का दबाव बनाया गया और बिना अधिकार प्रधानमन्त्री मोदी ने इस संबंध में फैसले लिए। कॉन्फ्रेंस में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी झूठ फैलाने का आरोप लगाया गया।
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