NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रेल हादसों को रोकने में नाकाम रेलवे, बड़े सुधारों पर हो रही है सिर्फ जुमलेबाजी
एक तरफ तो रेलवे का पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक करने की योजना बनाई जा रही है। दूसरी ओर बेसिक स्ट्रक्चर का यह हाल है पटरी के फ्रैक्चर होने पर उन्हें वक्त पर सुधारना मुश्किल हो रहा है।
सबरंग इंडिया
27 Nov 2017
railway accidents

सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय लेने और पीयूष गोयल को जिम्मा देने के बाद भी रेलवे की दशा-दिशा सुधर नहीं रही है। हादसों से रेलवे का पीछा नहीं छूटा है। शुक्रवार  को एक के बाद एक तीन ट्रेन हादसे हुए। इनमें यूपी में चित्रकूट के मानिकपुर स्टेशन पर वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी हो गईं। लिहाजा तीन यात्रियों की मौत हो गई। सहारनपुर में अर्चना एक्सप्रेस का इंजन दो बार डिब्बों से अलग हो गया। ओडिशा में मालगाड़ी पटरी से उतर गई।

एक तरफ तो रेलवे का पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक करने की योजना बनाई जा रही है। दूसरी ओर बेसिक स्ट्रक्चर का यह हाल है पटरी के फ्रैक्चर होने पर उन्हें वक्त पर सुधारना मुश्किल हो रहा है। बास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस हादसा इसी का नतीजा है।

रेलवे के ऐसे हादसे इस बात का सबूत हैं कि सरकार भले ही इस विभाग के कायाकल्प की कितनी भी बातें कर ले लेकिन मजबूत कदम उठाने की इच्छाशक्ति उसमें नहीं दिखती। शुक्र है इस बार सरकार ने रेल हादसों के लिए आतंकी साजिश को जिम्मेदार नहीं ठहराया। नहीं तो अभी तक कई बड़े हादसों को इन साजिशों का नतीजा करार देती रही है।

वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस हादसे ने सरकार ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी बना दी है लेकिन सवाल यह है कि जांच कमेटी की सिफारिशों पर कितना अमल किया जाता है। अगर मोदी सरकार को रेलवे के हालात सुधारने हैं तो इस सेक्टर में इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़ा निवेश करना होगा। सिर्फ रेलवे के सुधार के नाम पर बड़े जुमले उछालने से बचना होगा। लेकिन यह सरकार अपनी इस आदत से मजबूर है। हर रेल मंत्री रेलवे के सुधार के नाम पर बड़े वादे करता है। रेलवे का कायाकल्प करने पर भाषण देता है। और फिर हादसों का सिलसिला शुरू हो जाता है।  

Courtesy: सबरंग इंडिया ,
Original published date:
25 Nov 2017
railway accidents
modi sarkar
railway minister
piyush goyal

Related Stories

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी

लखीमपुर खीरी कांड: गृह राज्य मंत्री टेनी दिल्ली तलब

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

अबकी बार, मोदी जी के लिए ताली-थाली बजा मेरे यार!

वैश्विक भुखमरी इंडेक्स में भारत की ‘तरक़्क़ी’: थैंक्यू मोदी जी!

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

अब उद्योगपति भी "देशद्रोही"?

अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा के तहत ओबीसी को मिला आरक्षण, छात्र संगठनों ने कहा संघर्ष की हुई जीत!

झारखण्ड : फादर स्टैन स्वामी की मौत से जनता में रोष, न्याय के लिए छिड़ी मुहिम


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License