NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रेलवे: लोको पायलेट कल से दो दिन की भूख हड़ताल पर
हड़ताल ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले 17 और 18 जुलाई को होगी I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Jul 2018
railway worker

भारतीय रेलवे के लोको पायलेट कल से अपनी मांगो को लेकर भूख हड़ताल पर जाने वाले हैं। यह हड़ताल ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के  बैनर तले  17 और 18 जुलाई को होगी। हड़ताल देश व्यापि है, जिसमें देश भर के रेलवे कर्मचारी हिस्सा लेंगें। हड़ताल का मुख्य कारण रनिंग अलाउंस के रिविज़न में देरी होना और 2016 से पहले सेवानिवृत  हुए कर्मचारियों की पेंशन और 2016 के बाद सेवा निवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन में भारी अंतर होना है। दरअसल रेलवे के लोको पायलटों को यात्रा भत्ते के साथ-साथ रनिंग अलाउंस भत्ता भी मिलता है, जो उनकी तनख्वा का लगभग 30 फीसदी होता है। जो रेल  चलाने के प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार देय होता है।

ऑल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के अनुसार जब–जब वेतन में बढोत्तरी होती है उसी के अनुसार रनिंग अलाउंस मे भी वृद्धी होती है। 7 वे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन और भत्तों में तो बढ़ोत्तरी हो गई लेकिन रनिंग अलाउंस को रिवाइज़ नहीं किया गया। संगठन का आरोप है कि रेलवे के अलाउंस न बढाने के कारण कर्मचारियों में खासी नराज़गी है। इससे पहले भी ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन समय-समय पर इस माँग के लिए आंदोलन करता रहा है पर रेलवे ने माँगो को अमली-जामा नहीं पहनाया।

वहीं कर्मचारियों की दूसरी माँग है कि 2016 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों की  पेंशन और 2016 के बाद समान पद से रिटायर हुए कर्मचारियों की  पेंशन को समांतर करा जाए। दरअसल कर्मचारियों की पेंशन उनके सेवानिवृत्त होने के समय, उनके वेतन के अनूरूप तय होती है। इसलिए वह कर्मचारी जो कुछ सालों पहले सेवा निवृत्त हो गए थे, और वो कर्मचारी जो उसी पद से  बाद में सेवानिवृत होते है उनकी पैंशन में अंतर आ जाता है। क्योंकि पहले सेवानिवृत हो चुके कर्मचारी और बाद में सेवानिवृत हुए कर्मचारीयों के वेतन में वेतन आयोग की सिफारिशों के  कारण और अन्य बढोत्तरी के कारण वेतन में अंतर होता है, इसी कारणवश समान रैंक वाले कर्मचारियों की पेंशंन में अंतर आ जाता है।  
   
लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव एम.के.प्रसाद के अनुसार “रनिंग अलाउंस  आर.ए.सी 1980 के फार्मुले के अनुसार दिया जाता रहा है, मगर 2017 में वेतन आयोग कि सिफारिशों के बावजूद  रनिंग अलाउंस को रिवाइज़ नहीं किया गया है। फिलहाल सारे कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हुए भूख हड़ताल पर रहेंगे, मगर अगर हमारी माँगो को रेलवे नहीं मानता है तो अगली बार हमें ट्रेन सेवाओं को बाधित करना पड़ेगा। हम इससे पहले भी  कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन रेलवे द्वारा  कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई  है।“

indian railways
Rail workers
Loco pilot
railway strike

Related Stories

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार

कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

भारत में नौकरी संकट जितना दिखता है उससे अधिक भयावह है!

रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ रेल कर्मियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कल!

कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की

तमिलनाडु: विकलांगता से ग्रस्त लोगों की केन्द्र से 'विशेष ट्रेनों' के दर्जे को ख़त्म करने और रियायतें बहाल करने की मांग


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License