ऐसा चुनाव कम देखा गया, जिसका रिजल्ट आये बगैर और किसी नयी सरकार का शपथग्रहण हुए बिना आज के सत्ताधारी, उनके समर्थक और कई कथित राजनीतिक टिप्पणीकार विपक्षी महागठबंधन को भावी सत्ताधारी मानकर उस पर अभी से निशाना साधने लगे हैं! कहा जा रहा है कि विपक्षी महागठबंधन सत्ता में रहा है, अब 'एक समुदाय विशेष' उपद्रव करेगा और दूसरा की 'भावी सरकार' 10 लाख को नौकरी कैसे देगी? इन दो मुद्दों की कितनी वैधता है? वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण: