NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रिटेल में 100% एफडीआईः BJP ने वही किया जिसका विरोध उन्होंने विपक्ष में रहते हुए किया था
अब तक ऑटोमेटिक रूट के तहत सिंगल ब्रांड रिटेल में 49% तक एफडीआई की अनुमति दी गई थी और इस सीमा से ऊपर सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता होती थी।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
11 Jan 2018
FDI

बीजेपी जब विपक्ष में थी तो रिटेल में एफडीआई का पुरज़ोर विरोध किया था लेकिन अब इसके निवेश का रास्ता आसान बना दिया। केंद्र की बीजेपी सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में ऑटोमेटिक रूट के ज़रिए 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने का फैसला किया है। अब तक सिंगल ब्रांड रिटेल में 49%तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की ऑटोमेटिक रूट के तहत अनुमति थी और इस सीमा से ऊपर सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता होती थी।

ऑटोमेटिक रूट के तहत निवेश के लिए भारतीय रिजर्व बैंक या केंद्र सरकार से स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी।

ये फैसला बुधवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया। यह निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा पारित एफडीआई नीति में संशोधन का हिस्सा है।

विदेशी कंपनियों को भारत में सिंगल ब्रांड उत्पाद खुदरा व्यापार (एसबीआरटी) को सीधे ब्रांड के मालिक द्वारा या किसी भारतीय कंपनी के साथ सहयोग करने की अनुमति होगी।

सिंगल ब्रांड रिटेल व्यापार का मतलब ऐसा खुदरा स्टोर जहां एकल ब्रांड के उत्पादों को बेचा जाता है जैसे कि ऐप्पल या नाइके। जबकि वॉलमार्ट जैसे स्टोर में कई ब्रांडों के उत्पाद बेचे जाते हैं।

सरकार ने भारत में एसबीआरटी में संलग्न विदेशी कंपनियों के लिए स्थानीय आपूर्ती मानदंडों में छूट देने का भी फैसला किया है।

अब तक एसबीआरटी संस्थाओं को अपनी ख़रीद का 30% सामान भारत से लेने की ज़रूरत होती थी।नए नियमों के तहत अपने संचालन के पहले पांच वर्षों में एसबीआरटी कंपनियों को अनिवार्य 30% स्थानीय आपूर्ति आवश्यकता के विपरित वैश्विक परिचालन के लिए भारत से "वस्तुओं की वृद्धि संबंधी आपूर्ति" को शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।

वृद्धि संबंधी आपूर्ति (इनक्रिमेंटल सोर्सिंग) को सिंगल ब्रांड के लिए भारत से एसबीआरटी फर्म की वैश्विक आपूर्ति की सालाना वृद्धि के रूप में परिभाषित किया गया है।

दूसरे शब्दों में हर साल वैश्विक कारोबार के लिए भारत से संस्थागत आपूर्ति में जो भी वृद्धि होती है उसे भारतीय कारोबार के लिए "स्थानीय आपूर्ति" के आँकड़ों में शामिल किया जाएगा।

छोटे व्यवसायियों और ट्रेड यूनियनों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि "यह छोटे व्यवसाय के लिए एक गंभीर मामला है। यह अजीब है कि मौजूदा खुदरा व्यापार के कल्याण, तरक्की और आधुनिकीकरण के लिए नीतियों को तैयार करने के बजाय सरकार खुदरा व्यापार को नियंत्रित करने और उसपर हावी होने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए रास्ता आसान बनाने में अधिक दिलचस्पी दिखा रही है।”

विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्ष में रहते हुए खुद बीजेपी ने रिटेल सेक्टर में एफडीआई का विरोध किया था। 5 दिसंबर 2012 को नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, "कांग्रेस विदेशियों को ये देश सौंप रही है। ज्यादातर पार्टियों ने एफडीआई का विरोध किया था लेकिन सीबीआई की डर के कारण कुछ पार्टियों ने वोट नहीं दिया और कांग्रेस को पीछे के दरवाजे से जीत हासिल हो गई!"

सीपीएम ने सरकार के इस क़दम का पूरज़ोर विरोध किया है। पार्टी के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा, "ख़ुदरा व्यापार में एफडीआई को उदार बनाने वाला ये क़दम घरेलू ख़ुदरा व्यापारियों और दुकानदारों के लिए हानिकारक होगा। ये क़दम संकेत देता है कि मोदी सरकार मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेड में एफडीआई को अनुमति देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।"

बयान में कहा गया कि "बीजेपी जब विपक्ष में थी तो रिटेल ट्रेड में विदेशी कंपनियों के प्रवेश को लेकर विरोध की थी। लेकिन सत्ता में होने के चलते अब वह चालाकी से पलट गई है।"

FDI
Modi government
neo liberalism
privatization
100 % FDI
Retail

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव
    29 May 2022
    भीमा नदी के जल से सिंचित/ चाँदनी के फूल… / वे इनकार करना चाहते हैं इस्तेमाल होने से/ पैरों में बिछने से, गले का हार बनने से/ और बिस्तर पर बिछाये जाने से।
  • कुमुदिनी पति
    विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय
    29 May 2022
    वर्तमान समय में महिलाओं की आज़ादी पर सबसे अधिक हमले हो रहे हैं…, इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रही है। कमज़ोर, दलित और अल्पसंख्यक भय के वातावरण में जी रहे हैं। यह वैसा ही अंधकारमय युग है जैसा राममोहन रॉय ने…
  • एम.ओबैद
    बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया
    28 May 2022
    बिहार के समस्तीपुर ज़िले के एक पंचायत में 192 राशन कार्ड रद्द किया गया है। इसमें वह ग़रीब विधवा महिला भी शामिल हैं जो आंखों से देख नहीं सकती हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन
    28 May 2022
    राज्य कर्मचारियों ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 70 जिलों में विरोध दिवस मनाया। कर्मचारी नेताओं ने देश में बढ़ती सांप्रदायिकता पर भी चिंता जताई और आह्वान किया कि…
  • रौनक छाबड़ा
    सरकार ने किया नई रक्षा कंपनियों द्वारा मुनाफ़ा कमाए जाने का दावा, रक्षा श्रमिक संघों ने कहा- दावा भ्रामक है 
    28 May 2022
    सरकार ने दावा किया है कि नव गठित रक्षा कंपनियों ने मुनाफ़ा अर्जित किया है, इसके बाद मान्यता प्राप्त रक्षा कर्मचारी संघों ने इसे “अनुचित” और “अर्ध-सत्य को प्रचारित” करने वाला बताया है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License