सर्वोच्च न्यायालय ने फ्रांस से 36 रफाल लड़ाकू विमानों की खरीद की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है।
बुधवार को करीब 5 घंटे लंबी सुनवाई के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.के.कौल और न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ की पीठ ने कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग पर फैसले को सुरक्षित रख लिया।
प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा की याचिका पर यह सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और सरकार के साथ-साथ वायुसेना अधिकारियों से भी विस्तार से उनका पक्ष सुना। राफेल डील में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट पार्टनर बनाने पर भी सवाल उठाए गए। राफेल की कीमत को सार्वजनिक करने की मांग पर कोर्ट ने कहा कि जबतक हम खुद सार्वजनिक नहीं करें, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं होगी।
इस दौरान महान्यायवादी के.के.वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का बचाव किया। हालांकि, वेणुगोपाल ने माना कि सौदे का समर्थन कर रही फ्रांस सरकार ने लड़ाकू विमान की आपूर्ति में गड़बड़ी की स्थिति में जिम्मेदारी लेने की गारंटी नहीं दी है।
(इनपुट आईएएनएस)