NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
रुक नहीं रही सफाईकर्मियों की मौत, हापुड़ में तीन ने जान गंवाईं
पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि तीनों कर्मचारियों की टैंक में ही दम घुटने से मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि मरने वाले दो लोगों की पहचान ताराशंकर और जीत यादव के रूप में की गयी है जबकि एक अन्य की पहचान नहीं हो सकी है
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Jul 2019
Sanitation Worker
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में एक जींस फैक्ट्री में टैंक की सफाई करते समय तीन कर्मचारियों की दम घुटने से मौत हो गई।

ज़िले के थाना पिलखुवा क्षेत्र के टैक्सटाइल सिटी में स्थित जी एस दास कैमिकल फैक्ट्री में आज, शनिवार दोपहर टैंक की सफाई के दौरान एक कर्मचारी बेहोश हो गया और उसे बचाने एक एक कर गए दो अन्य कर्मचारी भी बेहोश हो गए।

पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने बताया कि तीनों कर्मचारियों की टैंक में ही दम घुटने से मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि मरने वाले दो लोगों की पहचान ताराशंकर और जीत यादव के रूप में की गयी है जबकि एक अन्य की पहचान नहीं हो सकी है।
सिंह ने बताया कि घटना में दो अन्य घायल भी हुए हैं और मामले की जांच की जा रही है।
स्थानीय अखबारों के मुताबिक छुट्टी लेकर घर जाने वाला था जितेंद्र।
फैक्ट्री में काम करने वाला मजदूर जीतू यादव पुत्र अच्छेलाल यादव जनपद जौनपुर के गांव महमदपुर का रहने वाला था। फैक्ट्री कर्मियों ने बताया कि उसने मालिक से घर जाने के लिए छुट्टी मांगी थी। कुछ दिन बाद ही वह छुट्टी पर जाने वाला था। वहीं मृतक गार्ड भी लगभग 10 वर्ष से फैक्ट्री में अपने पुत्र हर्ष व पत्नी आरती के साथ रह रहा था। हादसे के बाद दोनों का रो रो कर बुरा हाल है।
पुलिस ने कहा की इस ममले में  मुकदमा दर्ज कर लिया और जाँच चल रही है। 
सफाई कर्मचारी अन्दोलन (SKA) के राष्ट्रीय संयोजक बेज़वाडा विल्सन ने कहा, "यह उत्तर प्रदेश और गुजरात में आम बात हो गई है। हम इस घटना के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं और फिर हम कारखाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। इस घटना की कोई भी ज़िम्मेदारी नहीं ले रहा है। ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि वह दैनिक आधार पर कर्मचारियों को रखते हैं। ऐसा विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में हो रहा है।”

बेजवाड़ा ने कहा, “इस बीच, हम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), मुख्यमंत्री और राज्यपाल को एक पत्र लिख रहे हैं और स्वच्छता कर्मचारियों की मौतों के लेकर हम लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं।” 

Hapur
UP
Sanitation Workers
worker
UP Government

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

यूपी: सफ़ाईकर्मियों की मौत का ज़िम्मेदार कौन? पिछले तीन साल में 54 मौतें

बाराबंकी में सड़क हादसे में 18 लोगों की मौत, 25 अन्य घायल

उन्नाव कांड : पीड़िता और वकील की हालत स्थिर, चाची का अंतिम संस्कार  

बारिश से उफनते नाले में डूबने से महिला की मौत, बच्ची लापता

मानसून, सीवर की सफ़ाई और मज़दूरों की टूटती सांसें

आंबेडकर विश्वविद्यालय : अचानक हटाए जाने की वजह से सफाई कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन।

हापुड़ मॉब लिंचिंग : आगे की जांच का निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

त्रासदी : यूपी और महाराष्ट्र में 5 कर्मचारियों की मौत


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License