NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
30 अगस्‍त से जंतर मंतर पर रविदास समाज का अनिश्चितकालीन धरना
30 अगस्त की सुबह 10 बजे से जंतर मंतर पर संत रविदास के अनुयायी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। उनकी मांग है कि जिस जगह मंदिर था, वहीं पर नया मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ किया जाए। इसके अलावा 21 अगस्त को तुग़लक़ाबाद में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान जितने भी लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, उन्हें बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए।
सोनिया यादव
28 Aug 2019
रविदास मंदिर गिराए जाने का विरोध करता रविदास समाज
रविदास मंदिर गिराए जाने का विरोध करता रविदास समाज

तुग़लक़ाबाद स्थित संत रविदास मंदिर को गिराए जाने के विरोध में गुरु रविदास समाज के लोग 30 अगस्त से एक बार फिर आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के संत सुखदेव वाघमारे महाराज ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसकी घोषणा की।

उन्होंने कहा, "शुक्रवार 30 अगस्त को सुबह 10 बजे से जंतर मंतर पर संत रविदास के अनुयायी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे। उनकी मांग है कि जिस जगह मंदिर था, वहीं पर नया मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ किया जाए। इसके अलावा 21 अगस्त को तुग़लक़ाबाद में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान जितने भी लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, उन्हें बिना किसी शर्त के रिहा किया जाए साथ ही डीडीए के जिन अधिकारियों की ग़लती की वजह से यह पूरा मामला बिगड़ा, उनके ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन लेते हुए विभागीय कार्रवाई की जाए।"

21 अगस्त को तुग़लक़ाबाद में हुए हिंसक प्रदर्शन के बारे में वाघमारे ने आशंका जताई कि उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुछ शरारती तत्व भीड़ में घुस गए और उन्होंने ही हिंसा की शुरुआत की, जिसका खामियाज़ा समुदाय के दूसरे लोगों को भुगतना पड़ा।

अब तक क्या-क्या हुआ?

ग़ौरतलब है कि 10 अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए द्वारा गुरु रविदास मंदिर गिरा दिया गया था, जिसका असर दिल्ली से लेकर पंजाब तक देखने को मिला है। मंदिर गिराने के विरोध में 13 अगस्त को पंजाब बंद रहा तो वहीं 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली की सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस मुद्दे पर राजनीतिक रूप से या प्रदर्शनों के दौरान क़ानून व्यवस्था संबंधी कोई स्थिति उत्पन्न न हो।

21 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल दलित जन सैलाब देखने को मिला। नीली टोपी पहने और झंडे लिए प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर भवन से रामलीला मैदान तक मार्च किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच झड़प की ख़बरें भी आईं, जिसके बाद क़रीब 96 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

ख़बरों के अनुसार, ये मंदिर ऐतिहासिक है। इसका निर्माण गुरु रविदास की याद में किया गया था। जब गुरु रविदास बनारस से पंजाब की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने 1509 में इस स्थान पर आराम किया था। एक जाति विशेष के नाम पर यहां पर एक बाओली भी बनवाई गई थी जो आज भी मौजूद है। कहा जाता है कि सिकंदर लोदी ने गुरु रविदास से नामदान लेने के बाद उन्हें यहां ज़मीन दान की थी जिस पर यह मंदिर बना था। आज़ाद भारत में 1954 में इस जगह पर एक मंदिर का निर्माण हुआ था। इस मंदिर से सिखों की आस्था भी जुड़ी हुई है क्योंकि सिखों का मानना है कि गुरु रविदास की उच्चारण की हुई वाणी उनकी धार्मिक पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब में मौजूद है।

गुरु रविदास मंदिर जिस 'जहाँपनाह सिटी फ़ॉरेस्ट' के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित था, उस जगह की अहमियत आप इस बात से समझ सकते हैं कि मंदिर स्थल से क़रीब सवा सौ मीटर पूर्व में जो सड़क है, उसका नाम 'गुरु रविदास मार्ग' है और दाईं ओर बने बस स्टैंड का नाम भी मंदिर के ही नाम पर है।

तुग़लक़ाबाद स्थित इस मंदिर का उद्घाटन तत्कालिन केंद्रीय मंत्री बाबू जगजीवन राम ने किया था। इस बात की पुष्टि उनकी बेटी और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने की है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है, "तुग़लक़ाबाद स्थित प्राचीन मंदिर स्थल पर गुरु रविदास 1509 में स्वयं आए थे और मेरे पिता बाबू जगजीवन राम ने इसका जीर्णोद्धार कर 1 मार्च 1959 को इसका उद्घाटन किया था।" 

नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि बीजेपी और आरएसएस के कुछ लोग उस संस्था को ख़ुद चलाना चाहते हैं, जो इतने दिनों से उस मंदिर का कामकाज देख रही है। इसी लिए जानबूझकर षड्यंत्र के तहत यह सब किया गया है।

इस मामले में ये देखना दिलचस्प होगा कि राम मंदिर का समर्थन करने वाली केंद्र सरकार रविदास मंदिर के संबंध में क्या रूख अपनाती है।

Guru Ravidas temple
Supreme Court
DDA
punjab bandh
Haryana
Bhim Army
Delhi

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

दिल्ली : फ़िलिस्तीनी पत्रकार शिरीन की हत्या के ख़िलाफ़ ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी ऑर्गेनाइज़ेशन का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License