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भारत
दलित-श्रमिक कार्यकर्ता नौदीप की रिहाई को लेकर सड़क से सोशल मीडिया तक संघर्ष जारी
मज़दूरों की आवाज़ बनी नौदीप, बीते एक महीने से करनाल की जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई की मांग को लेकर अब देश-विदेश से आवाज़ें उठने लगी हैं।
सोनिया यादव
10 Feb 2021
Nodeep
Image Courtesy: jagbani punjab kesari

प्रवासी मज़दूरों के लंबित वेतन के लिए आवाज़ उठा रहीं 24 साल की नौदीप कौर पिछले 30 दिनों से जेल में हैं। नौदीप एक दलित लेबर राइट्स एक्टिविस्ट हैं और किसान आंदोलन में भी लगातार सक्रिय रही हैं। अब नौदीप की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं। जहां हरियाणा और पंजाब में स्थानीय लोग नौदीप के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं सोशल मीडिया पर ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी से लेकर अमेरिका में रहने वाली उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस तक ने नौदीप के पक्ष में ट्वीट किया है।

आपको बता दें कि 12 जनवरी को पुलिस ने नौदीप को अरेस्ट किया था। पुलिस ने नौदीप पर आईपीसी की कई संगीन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जिसमें घातक हथियार रखने, गैरकानूनी असेंबली, दंगाई गतिविधियां, पुलिस के साथ मारपीट, ज़बरन पैसे वसूलना और हत्या की कोशिश करने तक का आरोप शामिल है। सेशन कोर्ट ने दो बार नौदीप की ज़मानत याचिका भी खारिज कर दी है अब उनका परिवार हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।

पुलिस पर लगे मार-पीट और यौन हिंसा के आरोप

इस मामले में हरियाणा पुलिस खुद भी सवालों के घेरे में है। नौदीप के परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने कथित तौर पर नौदीप को मारा है। उसे यौन प्रताड़ना दी गई है। हालांकि पुलिस ने इस बात से इंकार किया है लेकिन क्योंकि नौदीप एक दलित समुदाय से आती हैं इसलिए पंजाब के अनुसूचित जाति आयोग ने पूरे मामले पर संज्ञान लिया है और अतिरिक्त मुख्य सचिव से मामले की जांच करने को कहा है।

आख़िर नौदीप को पुलिस ने गिरफ़्तार क्यों किया?

नौदीप पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब ज़िले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं और मज़दूर अधिकार संघर्ष (एमएएस) का हिस्सा रह चुकी हैं। वे हरियाणा में कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया (केआईए) के ख़िलाफ़ प्रवासी मज़दूरों के बकाया वेतन के मसले पर यूनिट्स के गेट्स पर प्रदर्शनों में शामिल भी रही हैं।

नौदीप की बड़ी बहन राजवीर कौर के मुताबिक नौदीप केआईए में मौजूद एक यूनिट में काम कर चुकी हैं, लेकिन किसान आंदोलन को सपोर्ट करने की वजह से उनकी नौकरी चली गई। राजवीर का कहना है कि उनकी बहन के ऊपर जो भी आरोप लगे हैं, वो गलत हैं।

nodeep

इस संबंध में राजवीर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “12 जनवरी को जब मज़दूर अपने वेतन लेने के लिए इकट्ठा हुए… अलग-अलग कंपनीज़ से अलग-अलग मज़दूर, जिनके पैसे फंसे हुए हैं, जिन्होंने दो महीने काम किया या एक महीने काम किया, वो इकट्ठा हुए, उसमें नौदीप भी साथ में गई थी। वहां पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। धक्का-मुक्की की गई। महिला साथियों के साथ भी। जिसमें बहुत सारी मज़दूर महिलाएं भी थीं। वहां सिर्फ नौदीप को टारगेट करके अरेस्ट किया गया। उसे थाने के अंदर पीटा गया। बहुत चोट लगी उसे। फिर उसे करनाल जेल भेज दिया गया।”

राजवीर आगे लिखती हैं, “उसमें उसके ऊपर 307, 384 ज़बरन वसूली वाला सेक्शन लगा दिया। आप ये कल्पना कीजिए, एक लड़की जो पंजाब से है, जो खुद एक फैक्ट्री में काम करती है, मज़दूरी करती है, वो पुलिस के ऊपर अटैक क्यों करेगी। कोई कारण नहीं है। प्रोटेस्ट करना आपका अधिकार है। इसलिए हमारा परिवार नौदीप के साथ है, उसकी लड़ाई के साथ है, हम लोग ये मांग कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी उसके ऊपर जो झूठी FIR दर्ज की गई है, उसे रद्द किया जाए।”

राजवीर ने अपनी बहन का एक वीडियो भी अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है। जिसमें नौदीप ये कहते दिख रही हैं कि मज़दूर जिन फैक्ट्रियों में काम करते हैं, वो बिक गई हैं और उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल पाता। सरकार को इस तरफ कदम उठाना होगा कि फैक्ट्रियों को प्राइवेट न किया जाए। नौदीप इस वीडियो में ये भी कहते दिख रही हैं कि अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई, तो वो बाकी फैक्ट्रियों से भी मज़दूरों को इकट्ठा करेंगी, और तब तक फैक्ट्री में काम नहीं होगा, जब तक उनकी मांगें सुनी नहीं जाएंगी।

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नौदीप की रिहाई को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान जारी

नौदीप की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया में #releaseNodeepkaur ट्रेंड हो रहा है। नौदीप की रिहाई को लेकर एक ऑनलाइन अभियान भी जारी है। ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी, मीना हैरिस, कनाडा की कवयित्री रुपी कौर, पंजाबी स्टार दिलजीत दोसांझ, गायक जैज़ी बी ने अपील की है।

तनमनजीत सिंह धेसी ने नौदीप कौर की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "पुलिस कस्टडी में पंजाब ट्रेड यूनियन की कार्यकर्ता नौदीप कौर के यौन उत्पीड़न के बारे में जानकर हैरानी हुई। गिरफ्तारी के 4 हफ्ते बाद भी उसे जमानत नहीं मिली है।"

Alarmed to learn of sexual assault and torture allegations in police custody of Punjabi trade unionist #NodeepKaur, who after 4 weeks hasn’t even been granted bail.

Abuse of peaceful #FarmersProtest activists, especially women, is an affront to democracy and civilised society. pic.twitter.com/mYCI05Ouzb

— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) February 9, 2021

उन्होंने कहा कि किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दुरुपयोग खास कर महिलाओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई लोकतंत्र की मूल भावना और सभ्य समाज के खिलाफ है। इससे पहले, पंजाब मूल के नेता धेसी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को किसान आंदोलन पर 100 से अधिक सांसदों और लॉर्ड्स के हस्ताक्षरों के साथ एक पत्र भेजा था। पत्र में जॉनसन से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मामले को उठाने की अपील की गई थी।

मीना हैरिस ने अपने ट्वीट में लिखा, “आपकी तस्वीर को कोई भीड़ जलाए, ये देखना बड़ा अजीब होता है। लेकिन इमेजिन कीजिए कि अगर आप भारत में रह रहे हैं तो आपके साथ क्या होगा। मैं बताती हूं- 23 बरस की लेबर राइट एक्टिविस्ट नौदीप कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस कस्टडी में सेक्सुअली असॉल्ट किया गया, टॉर्चर किया गया। बिना बेल के पिछले 20 दिनों से पुलिस की हिरासत में हैं।”

Weird to see a photo of yourself burned by an extremist mob but imagine what they would do if we lived in India. I'll tell you—23 yo labor rights activist Nodeep Kaur was arrested, tortured & sexually assaulted in police custody. She's been detained without bail for over 20 days. pic.twitter.com/Ypt2h1hWJz

— Meena Harris (@meenaharris) February 5, 2021

सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि नौदीप को हरियाणा पुलिस ने गलत आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है। कुछ लोगों का कहना है कि ये गिरफ्तारी नहीं बल्कि अपहरण है। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि पुलिस कस्टडी के दौरान नौदीप ‘सेक्सुअल असॉल्ट’ का भी शिकार हुई थीं।

‘द वायर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नौदीप के वकील जितेंद्र कुमार ने भी ये आरोप लगाया है कि पुलिस कस्टडी के दौरान उन्हें ‘सेक्सुअली असॉल्ट’ किया गया था।

इसे भी पढ़ें: एक दलित श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस पर बर्बरता और यौन हिंसा के आरोप

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गौरतलब है कि हरियाणा, पंजाब में कई जगह युवाओं, मज़दूरों और स्थानीय लोगों ने भी नौदीप की रिहाई को लेकर प्रदर्शन किए। इस संबंध में तमाम कार्यकर्ता, छात्र संगठन, व्यापारी एवं किसान संघ कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन (सीएएसआर) के झंडे तले पहले ही एकजुट होकर कहा कि नौदीप के खिलाफ लगाये गए सभी आरोप मनगढ़ंत और झूठे हैं।

स्त्री जागृति मंच ने मांग की कि नौदीप कौर को तुरंत बिना शर्त रिहा करते हुए उसका शारीरिक शोषण करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इस दौरान संगठन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला भी फूंका।

उधर जम्हूरी अधिकार सभा ने भी नौदीप कौर पर हरियाणा पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की सख्त शब्दों में निंदा की है। एक बयान जारी कर प्रेस सचिव बूटा सिंह ने हरियाणा पुलिस की इस कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए इसे नागरिकों के अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए संगठित होने और शांतिपूर्वक ढंग से संघर्ष करने के जमहूरी अधिकार पर हमला करार दिया है।

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