NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते हैं, उन्हें चिढ़ाते हैं।
सत्यम् तिवारी
10 May 2022
roorkee dada jalalpur violence update

16 अप्रैल, हनुमान जयंती के दिन रुड़की के डाडा जलालपुर में हुई हिंसा के दंश ग्रामीण अभी तक झेल रहे हैं। हनुमान जयंती जुलूस के बाद देर रात गाँव के बाहर बसे मुस्लिम परिवार के घरों के बाहर आगज़नी हुई थी, जिसमें उनके ई-रिक्शे, मोटरसाइकल में आग लगा दी गई थी। उस परिवार के लोगों ने कथित तौर पर तंग आकर और परेशान होकर 9 मई को अपने घर के बाहर 'यह मकान बिकाऊ है' लिख दिया, प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो तहसीलदार भगवानपुर वहाँ पहुँचीं और उनसे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात करते हुए इसे मिटाने को कहा।

'यह मकान बिकाऊ है' गाँव के 3 घरों पर लिखा गया है। न्यूज़क्लिक को यह शुरूआती पत्रकार निकिता जैन के माध्यम से मिली, जिसके बाद न्यूज़क्लिक ने इसपर बाक़ी जानकारी जुटाई है।

10 मई की सुबह गाँव में मौजूद पुलिस अधिकारी उनके घर के बाहर पहुंचे और 'यह मकान बिकाऊ है' पर पेंट कर दिया।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए पीड़ित सलीम(बदला हुआ नाम) ने बताया, "हमने इसलिए लिख दिया था कि आते-जाते आम आदमी चिढ़ाते हुए जाते हैं, जय श्री राम के नारे लगाते हुए जाते हैं। हमने यही सोचा कि हमें मज़दूरी ही करनी है, इस घर को बेच के कहीं और ले लेंगे।"

सलीम ने बताया कि 9 मई की शाम को तहसीलदार के साथ पुलिस अधिकारी आए और उनसे कहा कि ऐसा नहीं होगा। सलीम ने कहा, "मैंने कहा जी ऐसा क्यों नहीं होगा, 16 तारीख़ के बाद आज 25-26 दिन हो गए तब तो आप नहीं आए, किसी ने कुछ नहीं पूछा कि मर रहे हो कि जी रहे हो।"

सलीम ने आगे बताया कि 10 मई की सुबह पुलिस आई थी और लिखे पर पेंट कर दिया और कहा कि उन्हें यहीं रहना होगा।

पुलिस की बात करें तो जब न्यूज़क्लिक ने भगवानपुर थाने में संपर्क किया तो दूसरी तरफ़ के पुलिस अधिकारी ने लगभग डांटते हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

इसे भी पढ़ें : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

इसके बाद न्यूज़क्लिक ने थाना मंडावर के शूरवीर चौहान से बात की। उन्होंने घटना का ज़िक्र करते हुए बताया, "हमने उनसे बात की है, उन्हें सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया है। अगर किसी का कार एक्सिडेंट हो जाता है, तो वो गाड़ी में बैठना बंद तो नहीं कर देगा न!"

हालांकि सलीम अभी भी घबराए हुए हैं। उन्होंने कहा, "पुलिस ने हमसे कहा कि हम तुम्हारी सेवा करेंगे, मैंने कहा तुम काहे की सेवा करोगे? तुम अगर उस दिन सेवा कर लेते तो यह बात ही न होती!"

सलीम के रिक्शे में आग लगा दी गई थी। उन्होंने 16 अप्रैल की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, "हमारा एक रिक्शा था, वही फूँक दिया। कल को 400-500 लोग घर के बाहर फिर से आ गए तो हम क्या कर लेंगे उनका? उस दिन के बाद से हम जैसे तैसे गुज़ारा कर रहे हैं। हमारी गाय को मारा था, उसका भी इलाज नहीं हुआ अभी तक।"

वहीं तहसीलदार रेखा आर्य ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "गाँव में पुलिस दिन रात मौजूद है, शांति व्यवस्था बनी हुई है। जिन घरों पर यह लिखा था हमने उनसे बात की उनको समझाया तो वे समझ गए। गाँव में सब नॉर्मल है, ईद का त्योहार हुआ, शादियाँ हो रही हैं, लोग अपने खेतों में जा रहे हैं। उन्होंने पता नहीं क्यों ऐसा लिख दिया।"

न्यूज़क्लिक ने इस सिलसिले में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नय्यर काज़मी से संपर्क किया। उनके दफ़्तर ने भी यही बताया कि गाँव में माहौल अब शांत है।

इसे भी पढ़ें : रुड़की : डाडा जलालपुर गाँव में धर्म संसद से पहले महंत दिनेशानंद गिरफ़्तार, धारा 144 लागू

16 अप्रैल को हुई हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और शुरूआती कार्रवाई में एफ़आईआर दर्ज कर 14 नामज़द और 40 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी। गिरफ़्तार किए गए 14 लोगों में सभी मुस्लिम थे जो अभी ज़मानत पर बाहर हैं। इस बीच 9 मई को डीआईजी गढ़वाल रेंज ने एसआईटी का गठन कर नए सिरे से कार्रवाई शुरू की है, हालांकि फ़िलहाल गाँव में किसी से पूछताछ नहीं की गई है। अब इस मामले की जांच एसपी ग्रामीण देहरादून के निर्देशन में होगी। इसके अलावा सीओ मंगलौर और एक निरीक्षक को एसआइटी में शामिल किया गया है।

बता दें कि लंबे समय से कांग्रेस, एआईएमआईएम, भीम आर्मी सहित विपक्षी दल पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई का इल्ज़ाम लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे।

हिंसा के बाद हिन्दुत्ववादी नेताओं ने गाँव में डेरा डाल दिया था और 27 अप्रैल को महापंचायत का ऐलान किया था, जिसके बाद प्रशासन ने तेज़ी दिखाते हुए न सिर्फ़ महापंचायत को रोका था बल्कि काली सेना के प्रदेश संयोजक दिनेशानन्द भारती को गिरफ़्तार भी किया था जो अभी भी जेल में है।Image removed.

गाँव में कर्फ़्यू 5 मई तक था मगर हालात संगीन होने के चलते पुलिस बल अभी भी गाँव में तैनात है।

हालांकि पुलिस-प्रशासन ने सलीम और उनके परिवार को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है, मगर सलीम कहते हैं कि वो इस गाँव से जाना चाहते हैं, ऐसी जगह जाना चाहते हैं कोई लड़ाई हो भी तो उनपर हमला न हो। वह कहते हैं, "फिर कोई लड़ाई हो जाएगी और हमें खेतों में छुपना पड़ेगा, हमारे सामान को घरों से निकाल कर जला दिया था। मेरे बच्चे आज तक घर नहीं आ पाये हैं।"

इसे भी पढ़ें : तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट

Roorkee
dada jalalpur
dada jalalpur violence
this house is for sell
uttarakhand cummunal violence
Violence against Muslims
communal violence
Uttarakhand Police
kali sena
anand swaroop
BJP
RSS
Hindutva Ideology

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • ब्रेंडा हास
    ऑस्कर थप्पड़ विवाद: विल स्मिथ को ज़बरदस्त ऑनलाइन प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा
    29 Mar 2022
    ऑस्कर विजेता विल स्मिथ के ऑस्कर अवॉर्ड्स में क्रिस रॉक को थप्पड़ जड़ने को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गयी है। हालांकि, इस पर क़रीब-क़रीब सभी सहमत हैं कि किसी घटिया मज़ाक का जवाब हिंसा नहीं है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन
    29 Mar 2022
    सुबह से ही मज़दूर नेताओं और यूनियनों ने औद्योगिक क्षेत्र में जाकर मज़दूरों से काम का बहिष्कार करने की अपील की और उसके बाद मज़दूरों ने एकत्रित होकर औद्योगिक क्षेत्रों में रैली भी की। 
  • तान्या वाधवा
    क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?
    29 Mar 2022
    बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस एर्स ने कैलामा की लड़ाई के स्मरणोत्सव के मौके पर, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक से चिली के पूर्व राष्ट्रपति सल्वाडोर अलेंदे के शब्दों की याद दिलाते हुए पूछा कि क्या…
  • रवि शंकर दुबे
    पंजाब के पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती, जानें हर राज्य के विधायकों की पेंशन
    29 Mar 2022
    आपके आसपास सरकार भले ही काम न करे, लेकिन चुने हुए विधायकों के आराम की पूरी व्यवस्था की जाती है, उनके रिटायर होने पर भी उनका पूरा ख़याल रखा जाता है। हालांकि पंजाब सरकार ने इसमें कटौती का फ़ैसला लिया है।
  • UP
    सतीश भारतीय, परंजॉय गुहा ठाकुरता, शेखर
    विश्लेषण: विपक्षी दलों के वोटों में बिखराव से उत्तर प्रदेश में जीती भाजपा
    29 Mar 2022
    आज ज़रूरत इस बात की है कि जिन राज्यों में भी भाजपा को जीत हासिल हो रही है, उन राज्यों के चुनाव परिणामों का विश्लेषण बारीकी से किया जाए और यह समझा जाए कि अगर विपक्ष एकजुट रहा होता तो क्या परिणाम…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License