NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सांप्रदायिक दंगों के बाद श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा
मुस्लिम दुकानों और संस्थानों पर बौद्ध कट्टरपंथियों के हमलों पर सरकार की प्रतिक्रिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Mar 2018
Translated by मुकुंद झा
sri lanka

केन्द्रीय हाइलैंड्स में कैंडी के पास सप्ताहांत में मुस्लिम विरोधी अपील और हमलों के बाद, 6 मार्च को श्रीलंका सरकार ने 10-दिवसीय राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और अशांति वाले  क्षेत्र में भारी सशस्त्र कमांडो और सेना की तैनाती की।

5 मार्च को बौद्धों ने मुस्लिम दुकानों, घरों और मस्जिदों पर हमला किया जिसके बाद से ही कथित तौर पर केंद्रीय ज़िले में कर्फ्यू है ।यह पिछले हफ्ते एक घटना की प्रतिक्रिया में था जिसमें कुछ विवाद होने पर, एक बौद्ध लॉरी चालक को कथित तौर पर तीन लोगों ने मारा था , जो कि मुस्लिम थे |

हाल के वर्षों में मुस्लिम और बौद्ध समुदायों के बीच तनाव पैदा होने के बाद से ही नई –नई  घटनाएं बार-बार सामने आती रहती हैं। पिछले हफ्ते भीड़ ने मुस्लिम व्यवसायों और पूर्वी श्रीलंका में Ampara में एक मस्जिद पर हमला किया था।

श्रीलंका में 21 मिलियन आबादी बौद्ध है ,जो कि आबादी का लगभग 70% है, मुख्य रूप से थिवड़ा(Theravada) वंश के  हैं । लगभग 9% मुसलमान और 10% ईसाई हैं, इनके अलावा 13% हिंदुओं है ।

आपातकाल की घोषणा सुरक्षा बलों को व्यापक शक्तियां देती है, जिसमें वो संदिग्धों  लंबी अवधि के लिए गिरफ्तार और नज़रबंद या हिरासत में रख सकती है। यह सात साल के अंतराल के बाद है कि, फिर से श्रीलंका में आपातकाल की स्थिति घोषणा हुई है। देश के उत्तरी हिस्सों में तमिल विद्रोह के कारण श्रीलंका में 30 साल तक राष्ट्रीय आपातकाल लागु रहा था,पर तमिल विद्रोहियों को 2009 में एक सैन्य हमले में कुचलने के बाद, अगस्त 2011 में आपातकाल को समाप्त कर दिया गया था।

हाल के वर्षों में कट्टरपंथी बौद्ध समूहों के बीच तनाव बढ़ रहा है, मुख्य रूप से इसकी अगुवाई बोदु बाला सेना (बीबीएस) कर रही है, जिसने हलाल खाद्य (2013-14) के उत्पादन के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है, इन्होने(2014) में  बुरका पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था,और कथित रूप से ये मुसलमानों पर हुए विभिन्न हमलों में शामिल रहे है I  2014 में Aluthgama-Dhargar और ग्रैंडपास और 2013 में Mahiyangana  में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं।

Galagoda Aththe Gnanasara जो कि बीबीएस  महासचिव हैं , के नेतृत्व में, बीबीएस श्रीलंका में एक बढ़ती ताकत के साथ-साथ एक कट्टरपंथी और हिंसक संगठन के रूप में उभरा है। इसके कई  नेता पिछले साल की हुई सांप्रदायिक घटनाओं में मुकदमो का सामना कर रहे हैं। बीबीएस म्यांमार में चल रहे कट्टरपंथी 969 आन्दोलन का समर्थक है और उनके इस आन्दोलन के साथ रिश्ते भी स्थापित किये हैं I

2014 में, Galagoda Aththe Gnanasara ने संवाददाताओं से कहा कि बीबीएस इस्लामिक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए  दक्षिण एशिया में एक "बौद्ध-हिंदू शांति क्षेत्र" बनाने के लिए भारत के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)  से बातचीत कर रहा है ।

श्रीलंका
सांप्रदायिक दंगे
आरएसएस
आपातकाल
बोदु बाला सेना
बौध कट्टरपंथी

Related Stories

इंदिरा निरंकुशता से मोदी निरंकुशता तक

तुम कौन सी इमरजेंसी के बारे में पूछ रहे थे?

इमरजेंसी : तब और अब

बढ़ते हुए वैश्विक संप्रदायवाद का मुकाबला ज़रुरी

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा भी बोगस निकला, आप फिर उल्लू बने

एमरजेंसी काल: लामबंदी की जगह हथियार डाल दिये आरएसएस ने

एक संस्मरण : इंदिरा की इमरजेंसी और आरएसएस के माफीनामे

हामिद अंसारी, जिन्ना की तस्वीर और एएमयू में हंगामा

जेईजेएए NDA सरकार के ख़िलाफ 16 मई से राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगा

बिहार दंगे: हिंदुत्व ने हिन्दुओं को भी न बक्शा


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License