NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
सांप्रदियकता के खिलाफ दिल्ली में एडवा का कन्वेंशन
महिलाओं ने मोदी सरकार के इस कार्यकाल को देश में अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज में नफ़रत का ज़हर घोलाने वाली सरकार कहा। इनका यह भी कहना था कि ऐसा इससे पहले किसी सरकार ने नहीं किया था। इसलिए देश को बचाने के लिए उन्होंने सबसे अपील की कि वो भाजपा को वोट न दें।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Mar 2019
AIDWA

मोहम्मद साजिद के भतीजे दिलशाद, जिसे गुड़गांव में होली के दिन 20-25 लोगों की एक सनकी भीड़ द्वारा लाठियों और डंडों से पीटा गया था, उन्होंने बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि वो और उनका पूरा परिवार अपनी सुरक्षा को लेकर डरा हुआ है।

अखिल भारतीय जनवादी महिला समीती या एडवा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, उन्होंने बताया कि इस हमले में उनका एक हाथ टूट गया है। साथ ही उनके सिर पर 18 टांके भी लगे हुए थे। दिलशाद ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “हम अपने घर को बेचने और एक ऐसी जगह पर चले जाने की योजना बना रहे हैं ,जहाँ हम सुरक्षित महसूस करें। यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र नहीं है। घटना के बाद से हमारा कोई भी बच्चा स्कूल नहीं जा सका है, न ही घर का कोई व्यक्ति काम पर जा पाया है। इस पूरी घटना के बाद से वहाँ रह रहे लोगों के बर्ताव में भी बदलाव आया है, कोई हम से बात नहीं कर रहा है, सभी लोग डरे हुए हैं।"  

AIDWA 1.jpg

उन्होंने बताया कि धूमसपुर गांव में रहने वाले हिंदू भी इस घटना से भयभीत हैं। “हमारे एक हिन्दू पड़ोसी  अपना घर बनवा रहे हैं, लेकिन वे भी अब अपना  मकान बेचने की सोच रहे हैं।"

इसके अलावा एडवा ने 2013 में मुज़फ़्फ़रनगर दंगे में हिम्मत और हौसला का परिचय देने वाली राखी और अज़रा का सम्मान किया। राखी उस समय केवल 12 वर्ष की थीं, अज़रा के घर को नष्ट कर दिया गया था, एक पागल भीड़ ने उनके लगभग काट दिये थे। राखी एक टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की रिपोर्टर थीं, उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया और उस भयानक कर्फ़्यू के दौरान वे अज़रा को गंभीर हालत में अपने साथ दिल्ली लाई, जिसके बाद AIDWA ने उसका इलाज करवाया। आज अज़रा पूरी तरह से ठीक हैं। लेकिन राखी एक कैंसर रोगी थीं और उनकी मृत्यु हो चुकी है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने उन्हें याद  किया।

हालंकि चुनावों की घोषणा कर दी गई है और अखिल जनवादी महिला समिति ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि वो भारत को नफ़रत फैलाने वालों से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का संकल्प लेती हैं। 12 साल की बच्ची अज़रा, जो एक साहसी पत्रकार राखी (जो दुर्भाग्य से अब और नहीं है) द्वारा बचाया गया था, उस उस खौफ़ को याद किया। एडवा ने इस दंगे में पीड़ित अज़रा के पुनर्वास में सहायता की, उसके पुनर्वास में मदद करते हुए, धन इकट्ठा किया था जिसे अब अज़रा को सौंप दिया है, वे अब 18 वर्ष की हो गई है। 

इस सभा में एडवा की राष्ट्रीय महासचिव मरियम धावले, दिल्ली राज्य सचिव आशा शर्मा, दिल्ली राज्य अध्यक्ष मैमुना मौल्ला सहित सी.पी.आई.एम. की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात और सुभाषिनी अली शामिल हुई। सभी ने इस सभा को संबोधित किया और मोदी सरकार के इस कार्यकाल को देश में अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज में नफ़रत का ज़हर घोलाने वाली सरकार कहा। इनका यह भी कहना था कि ऐसा इससे पहले किसी सरकार ने नहीं किया था। इसलिए देश को बचाने के लिए उन्होंने सबसे अपील की कि वो भाजपा को वोट न दें। 

Image removed.

 

AIDWA
Gurgaon police
Communalism
muzaffarnagar riots
muzaffarnagar
Uttar pradesh
BJP
RSS

Related Stories

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?

जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

उत्तर प्रदेश: विषाक्त टॉफी खाने से चार बच्चों की मौत

उत्तराखंड: एआरटीओ और पुलिस पर चुनाव के लिए गाड़ी न देने पर पत्रकारों से बदसलूकी और प्रताड़ना का आरोप

कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल

मध्य प्रदेश: एक हफ़्ते में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ घृणा आधारित अत्याचार की 6 घटनाएं

यूपी: ‘135 शिक्षक, शिक्षा मित्रों की पंचायत चुनावों में तैनाती के बाद कोविड जैसे लक्षणों से मौत'

ग्लेशियर टूटने से तो आपदा आई, बांध के चलते मारे गए लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन!

ग़ाज़ियाबाद: श्मशान घाट हादसे में तीन गिरफ़्तार, प्रशासन के खिलाफ़ लोगों का फूटा गुस्सा!


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License