NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सेक्युलर क्यों बनें, धर्मनिरपेक्ष सोच क्यों रखें
जीवन को बेहतर बनाने, खुश रहने, समझदार बनने और एक मुकम्मल इंसान होने के लिए आपको धर्मनिरपेक्ष होना ही होता है।
आलोक वाजपेयी
26 Dec 2017
Secularism
Image Courtesy : India Today

आज secularism को एक गाली सा बना दिया गया है। धर्म, धार्मिक चेतना को ही मनुष्य की मुख्य चेतना घोषित किया जा रहा है। जबकि सच यह है कि जिस देश में, जिस देश के लोगों की बुद्धि चेतना का मुख्य स्वर धर्मिरपेक्षता न हो वो धीरे-धीरे बर्बाद हो जाता है या फिर चालाक विकसित देशों का मानसिक या भौतिक गुलाम होके रह जाता है। तो बताने की कोशिश कर रहे हैं कि धर्मनिरपेक्षता किस प्रकार किसी समाज के लिए प्राण वायु का काम करती है और व्यक्ति के स्तर पर मनुष्य होने की बुनियादी शर्त समान है।

धार्मिक चेतना जिस व्यक्ति/समाज पर हावी हो जाती है, वो अपने दुनियावी हितों के लिए जागरूक नहीं हो पाता। उसमें एक झूठा गर्व उन्माद और जीवन संघर्ष के लिए पलायनवादी दृष्टिकोण भर देता है। जैसे-वो अत्याचार, शोषण, भेदभाव, गरीबी-अमीरी के कारणों की सही समीक्षा या कार्य कारण नहीं समझ पाता और सब भाग्य भरोसे छोड़े रहता है और इस समाज मे पिसता रह जाता है।

धार्मिक चेतनाग्रस्त व्यक्ति/समाज तार्किक ढंग से जीवन, प्रकृति के रहस्य, तमाम मानव संस्कृतियों की विभिन्नता के सुखद पहलुओं, कला, साहित्य, संगीत, आदि का रसास्वादन करने के लिए अपने को अक्षम बना लेता है। खुला दिल दिमाग रखना, अपने आस पास की और अपने से अलग चीजों से भी corelate कर मानवीय संवेदना युक्त व्यक्तित्व/समाज तब ही सम्भव है जब आप धार्मिक जकड़न से मुक्त हों।

हमेशा वही व्यक्ति /समाज खुश रह सकते हैं जो गतिशील हों। सड़ी गली मान्यताओं का परित्याग, अप्रासंगिक हो चुके और प्रगति में बाधा मूल्यों को तिलांजलि और सुंदर भविष्योन्मुखी सोच धर्म चिंतन से नही आ सकती। अक्सर धर्म शुरुआत तो सार्वभौमिक मूल्यों और आध्यात्मिक अहसास जैसे लुभावने शब्दों से करता है लेकिन जल्दी ही कट्टरता, कूपमंडूकता और खोखले कर्मकांडों की वकालत करने लगता है। फिर मन मे हिंसा,नफरत, आदि भरता है। यह सब मिलकर एक कुंठित समाज और ठस टाइप व्यक्तित्व बनाता है।

जीवन को बेहतर बनाने, खुश रहने, समझदार बनने और एक मुकम्मल इंसान होने के लिए आपको धर्मनिरपेक्ष secular होना ही होता है।

Courtesy: Hastakshep,
Original published date:
23 Dec 2017
सेकुलरिज्म
धर्मनिर्पेक्षता

Related Stories

धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर एक और हमला

धर्मनिर्पेक्ष ढांचे को बदलने के लिए प्रयासरत है सरकार


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर मामला : आशीष मिश्रा को ज़मानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसले को उच्चतम न्यायालय ने किया खारिज
    18 Apr 2022
    मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति हिमा कोहली की विशेष पीठ ने आरोपी को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को भी कहा। मिश्रा की जमानत रद्द करवाने के लिये दायर किसानों की…
  • बी. सिवरामन
    कर्नाटक में बदनाम हुई भाजपा की बोम्मई सरकार, क्या दक्षिण भारत होगा- “भाजपा मुक्त”
    18 Apr 2022
    भाजपा की मूल संस्था, आरएसएस ने जल्द ही समझ लिया है कि भ्रष्टाचार का कैंसर सभी भाजपा राज्य सरकारों में फैल रहा है। इसके प्रभाव से बचने के लिए ध्रुवीकरण की राजनीति को और अधिक टाइट किया जा रहा है। 
  • media
    सुहित के सेन
    डराये-धमकाये जा रहे मीडिया संगठन, लेकिन पलटकर लड़ने की ज़रूरत
    18 Apr 2022
    अगर मीडिया अपनी ज़मीन पर खड़ा रहे, तो भारत में लोकतंत्र का संकट कम विकट होगा, ख़ासकर जिस समय हुकूमत की तरफ़ से या उसके संरक्षण में पत्रकारों पर हमला किया जा रहा हो।
  • सत्यम् तिवारी
    हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 
    18 Apr 2022
    ऊना ज़िले के मुबारकपुर गाँव में हुई धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने की मुसलमानों की लक्षित हत्या की बात, रागिनी तिवारी ने खुद को कहा लेडी गोडसे और यह सब हुआ पुलिस की मौजूदगी में।
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा, पुलिस ने मुस्लिम बहुल गांव में खड़े किए बुलडोज़र
    18 Apr 2022
    भगवानपुर के डाडा जलालपुर गांव में शोभायात्रा में मस्जिद के बाहर गाली भरे गाने चलाने के बाद हिंसा भड़की जिसके बाद पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया। मुसलमानों के शुद्धिकरण की बात…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License