NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सेमेस्टर परीक्षा में फेल करने के खिलाफ डीयू में आंदोलन तेज़
मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने डीयू के उप-कुलपति के ऑफिस के सामने धरना दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। इसके अलावा पिछले चार दिनों से गणित विभाग के छात्र रविंद्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Mar 2019
DU

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के गणित और अंग्रेजी विभाग के छात्रों का M.A./MSc के सेमेस्टर परीक्षा में 40 में से 35 छात्रों को फेल करने के खिलाफ मोर्चा जारी है। छात्र एक महीने से प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उप-कुलपति के ऑफिस के सामने धरना दिया। इस दौरान छात्रों ने जब कुलपति से मिलने के लिए अंदर घुसने की कोश्शि की तो उनकी पुलिस से झड़प हो गई।इस प्रदर्शन को SFI, AISF , KYS , DSU सहित कई अन्य छात्र संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।

आपको बता दें कि गणित विभाग में हर साल सिर्फ 20-30% छात्र 2 वर्ष की समय अवधि के भीतर पाठ्यक्रम को पूरा करने में सक्षम होते हैं। और छात्रों को सामूहिक स्तर पर फेल करने की यह समस्या सिर्फ गणित विभाग तक सीमित नहीं है, इसी तरह के परिणाम पिछले कुछ वर्षों में भौतिकी, रसायन विज्ञान, अंग्रेजी और NCWEB में देखे गए हैं। गणित विभाग के छात्र संगठित हुए और पिछले चार दिनों से गणित विभाग के छात्र रविंद्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले गए। उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वो भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे। छात्र 14 फरवरी से ही लगातर कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। 

54044991_285267129030515_3980930286727725056_n.jpg

यह भी शिकायत है कि कुछ छात्रों को परीक्षा के दिन उपस्थित होने के बावजूद अनुपस्थित दिखाया गया। इन सभी गड़बड़ियों की जाँच के लिए छात्रों ने एक स्वतंत्र न्यायाधीश समिति द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, कई महिला छात्रों ने विभाग के शिक्षक पर कक्षा में महिला विरोधी टिप्पणियों करने का आरोप लगाया, जिससे परेशान होकर कई छात्रों ने अपनी कक्षाओं में जाना बंद कर दिया, क्योंकि इस तरह की शिकायतों को स्वीकार करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। हर संस्थान में यौन उत्पीड़न निवारण तंत्र स्थापित करने के लिए विशाखा दिशानिर्देशों के बावजूद, प्रशासन द्वारा इस तरह के मुद्दों को हल करने के लिए एक निर्वाचित बॉडी को बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। इसलिए, छात्र उत्पीड़न के मामलों की जांच करने के लिए छात्र  हर विभाग में यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक निर्वाचित लिंग संवेदीकरण समिति (GSCACH) की मांग कर रहे हैं |

विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बातचीत करने की कोशिशों के बाद, छात्रों ने इस मुद्दे को गंभीरता से न लेने और मांगों को न मानने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ पिछले हफ्ते एक मार्च निकाला था। बताया जाता है कि इसके बाद छात्रों को विभाग के अंदर बंद कर दिया गया था और अन्य लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी, ताकि छात्रों को विरोध करने से रोका जा सके। आरोप है कि बहुत ही शर्मनाक तरीके से अचानक, सुरक्षा अधिकारियों ने सुरक्षा गार्ड के साथ विभाग में प्रवेश किया और विभाग में ताला लगा दिया,  जब छात्रों ने  ताला खोलने के लिए कहा तब  और विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्डों ने छात्रों के साथ मारपीट और महिला छात्रों के साथ छेड़छाड़ की, इस दौरान कई छात्र घायल भी हो गए।

गणित विभाग की छात्रा स्वाति जो इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रही हैं, उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया की कैसे इस विभाग में छात्रों को परेशान किया जाता है। उन्होंने बताया कि संकाय द्वारा लगातार हतोत्साहित करने के कारण आधे से अधिक छात्र जिन्होंने प्रवेश लिया वह एक वर्ष बाद ही विभाग छोड़कर चले गए है। उन्होंने विभाग के संकाय पर उत्तर पुस्तिकाओं को जाँच किये बिना अंक देने का आरोप लगया क्योंकि संकाय उन्हें उत्तर पुस्तिका नहीं दिखा रहा है।

इसी विभाग के एक अन्य छात्र प्रभात ने न्यूज़क्लिक  से बात करते हुए बताया की वो सभी परीक्षा में गए थे और बाकयदा उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी लेकिन उन्हें सभी परीक्षाओं में अनुपस्थित दिखया गया है। ऐसा सिर्फ इन्ही के साथ नहीं हुआ है, उन्होंने कहा तकरीबन 10 % छात्रों के साथ ऐसा ही हुआ है। लेकिन विश्वविद्याल प्रशासन इसका हल करने के बजाय अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को धमका रहा है |

अंदोलन तोड़ने के लिए प्रशासन कई हथकंडे अपना रहा

छात्र-छात्राओं के मुताबिक 14 फरवरी से धरने पर बैठी छात्राओं को परेशान करने के लिए प्रशासन ने गणित विभाग के महिला शौचालय में ताला लगा दिया है। डिप्टी प्रॉक्टर ने छात्राओं को धमकी देकर कहा है कि, “ये सब नहीं चलेगा।” इसके अलावा छात्राओं को पुलिस बुलाकर धमकाया जाता है। लेकिन इन सबके बावजूद छात्र अब भी डटे हुए हैं।

54255688_403773937116751_6433879331738484736_n.jpg

SFI केे राज्य उपासेध्यक्ष सुमित ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा की  इस शर्मनाक घटना के बाद, छात्रों ने फिर से संकाय सदस्यों और प्रशासन के साथ बातचीत करने का प्रयास किया। इस बार भी दोनों के बीच बातचीत असफल रही। उन्होंने कहा वीसी और रजिस्ट्रार ने अब तक छात्रों से मिलने और उनकी चिंता का समाधान करने से इनकार कर दिया है। संघर्ष को तेज करने के लिए, छात्रों ने सामूहिक रूप से अपनी मांगों को पूरा करने तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इतना समय बात चुका है और अभी भी विभाग और प्रशासन उनकी मांगों और भविष्य के प्रति उदासीन बना हुआ हैं लेकिन जब तक हमरी मांग पूरी नहीं होती तब तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा |

धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं की मांगें

 •          विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका को बिना शुल्क लिए ही पारदर्शी तरीके से पुनर्मूल्यांकित करने के लिए 15 दिन के अंदर एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया जाए।

•          हर विद्यार्थी को उसकी उत्तर पुस्तिका दिखाई जाए; चाहे वह इंटरनल परीक्षा हो, या मुख्य परीक्षा हो या सेमेस्टर परीक्षा हो।

•          जांच समिति में जो भी शिक्षक दोषी पाए जाएं, डीयू प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

•          जिन विद्यार्थियों के बैकलॉग आए हैं, उनकी पुनर्परीक्षा हर सेमेस्टर परीक्षा के दो महीने के अंदर संपन्न करवाई जाए।

•          हर महीने विद्यार्थियों को शिक्षकों का फीडबैक फार्म भरने का अवसर दिया जाए, ताकि शिक्षक और छात्रों के संबंध में पारदर्शिता बनी रहे।

 

Delhi University
Department of Mathematics
SFI
AISF
Student Protests
DU VC

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

एलएसआर के छात्रों द्वारा भाजपा प्रवक्ता का बहिष्कार लोकतंत्र की जीत है

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License