असम में डॉक्टर चाय बागान में एक बुजुर्ग डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के दौरान डॉक्टर सिर्फ आपात सेवा मुहैया कराएंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
जोरहट जिले में शनिवार को तियोक चाय बागान के एक अस्पताल में एक बागान कर्मी की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों ने 73 वर्षीय डॉक्टर देबेन दत्त की पिटाई की जिसके बाद उनकी मौत इलाज के दौरान हो गई।
भारतीय चिकित्सा एसोसिएशन (आईएमए) की असम इकाई के आह्वान पर सरकारी-निजी और कंसल्टेशन चैम्बरों के डॉक्टर सुबह छह बजे से काम नहीं कर रहे हैं लेकिन वह मरीजों को आपात सेवा मुहैया करा रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि छह सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल, फैमिली रेफरल इकाइयां और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र सिर्फ आपात सेवा और दुर्घटना विभाग में सेवा दे रहे हैं।
आईएमए ने सरकार से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है और चाय बगान समेत सभी जगह के स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में सर्विलांस कैमरा लगाने सहित अन्य सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की है।
तियोक चाय बागान से कुल 26 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) दीपक केडिया ने स्थिति का जायजा लेने के लिए चाय बागान का दौरा किया।
जोरहट की उपायुक्त रोशनी अपारंजी कोराटी ने दत्त पर हमला के मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। दत्त चाय बगान के अस्पताल में सेवानिवृत्ति के बाद बिना पारिश्रमिकी के काम कर रहे थे।
आपको बता दें अभी पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ देश में डॉक्टरों ने बड़ी हड़ताल की थी। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में भी आए दिन तीमरदारों और डॉक्टरों के बीच विवाद और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं। तीमरदारों के अपने तर्क हैं कि डॉक्टर गरीबों की सुनवाई नहीं करते, उनके मरीज़ों पर ध्यान नहीं देते, उधर डॉक्टरों की अपनी समस्याएं हैं। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ सख़्त कानून तैयार कर रहा है, जिसमें 10 साल तक सज़ा का भी प्रावधान है।