NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीए छात्रों के साथ आईसीएआई के कर्मचारी भी आए सड़कों पर
मंगलवार को ICAI के मुख्य  कार्यालय के सामने दिल्ली ऑफ़िस एंड इस्टैब्लिशमेंट यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों द्वारा "अवैध रूप से बर्खास्त" कर्मचारियों को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Sep 2019
CA student

देश भर में, सीए के छात्रों ने मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (ICAI) के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। ICAI दुनिया भर में दूसरी सबसे बड़े पेशेवर अकाउंटेंट बनाने वाली संस्था के रूप में जानी जाती है। लेकिन इसके छात्र इस पर कई गंभीर सवाल उठा रहे हैं और इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों के प्रदर्शन को मीडिया ने कुछ जगह भी दी है। हालांकि, छात्रों की नाराज़गी के बीच, ICAI कर्मचारियों की आवाज़ दब गई। ये कर्मचारी संस्थान के मौजूदा श्रम-विरोधी क़दम का विरोध करते रहे हैं।

55 कर्मचारी, जो दिल्ली में आईसीएआई के मुख्य कार्यालय में काम करते थे, उन्हें अगस्त के महीने में "अवैध रूप से" हटा दिया गया था। उनमें से ज़्यादातर पिछले नौ से दस सालों से आईसीएआई में काम कर रहे थे।

आईसीएआई के प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों में से एक ने कहा, "कोई नोटिस नहीं दिया गया और हमें हटा दिया गया। हटाए गए कर्मचारियों को प्रबंधन द्वारा केवल दो दिन पहले ही इसके बारे में सूचित किया गया था।" इसके अलावा, वर्तमान में लगभग 300 अन्य आईसीएआई कर्मचारियों का भविष्य ख़तरे में दिख रहा हैं। उन्हें संस्थान ने उनके काम का अंतिम दिन 30 नवंबर बताते हुए बर्खास्तगी का नोटिस दे दिया है।

image 1_0.PNG

आईसीएआई के कर्मचारियों में से एक ने कहा, "आईसीएआई कर्मचारियों के अचानक हटाए होने के पीछे का कारण यह है कि कर्मचारियों ने बोनस, ग्रेच्युटी और स्थायी नौकरी  की मांग शुरू कर दी है। अपने कर्मचारियों को बुनियादी सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने से बचाने के लिए सभी कर्मचारियों को बदलने की तैयारी की जा रही है।” 

मंगलवार को ICAI के मुख्य  कार्यालय के सामने दिल्ली ऑफ़िस एंड इस्टैब्लिशमेंट यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। यह यूनियन सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) से संबद्ध है। ये उन सभी 55 कर्मचारी जिन्हें नौकरी से हटाया गया है, उनका प्रतिनिधित्व कर रहा है। यूनियन ने बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली और सामाजिक सुरक्षा लाभ के प्रावधानों की मांग भी की है।

संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित, ICAI देश में चार्टर्ड अकाउंटेंसी के पेशे को संचालित  करने के लिए एक संवैधानिक निकाय है।

आलम, जो एक सिविल इंजीनियर हैं, 2013 में आईसीएआई में काम कर रहे हैं और संस्थान के योजना विभाग में काम करते हैं। हालांकि, वह जो भी सोचकर आए थे, उसके विपरीत, उनकी नौकरी ने उन्हें निराश किया। न उचित वेतन, न नौकरी की सुरक्षा और काम के दबाव को देखा है, इन सबका कारण है उनके और उनके मुख्य नियोक्ता के मध्य तीसरे व्यक्ति का होना।

आलम ने न्यूज़क्लिक को बताया, "मैं एक कांट्रैक्ट एजेंसी के माध्यम से आईसीएआई में काम करता था, न कि संस्थान के प्रत्यक्ष नियोक्ता के रूप में।" इस तरह की व्यवस्था में शामिल एजेंसियां संस्थान को उनके सामाजिक लाभों और श्रम अधिकारों से वंचित करने की अनुमति देती हैं। कर्मचारियों को छह महीने का कांट्रैक्ट मिलता है जो उनके काम की गुणवत्ता के आधार पर बढ़ाया जाता है।

image 2.PNG

आलम के अनुसार, 19 जून को पिछली कांट्रैक्ट एजेंसी को बिना किसी नोटिस के, एक नई कंपनी से बदल दिया गया था। नई कांट्रैक्ट एजेंसी ने अगस्त के महीने में 55 कर्मचारियों को हटा दिया और दूसरों के वेतन को कम करके, श्रम-विरोधी काम कर रही है।

आलम ने कहा, “मैं 38,000 रुपये प्रति माह कमाता था। हालांकि, मुझे नई एजेंसी द्वारा केवल 25,000 रुपये की पेशकश की गई थी।”

वेतन में कमी के कारण कई कर्मचारियों ने संस्थान छोड़ दिया। दूसरों को उनकी कांट्रैक्ट अवधि में बदलाव करने के बाद नौकरी दी गई है, जिसमें अब कांट्रैक्ट की समय सीमा 6 महीने से घटाकर केवल दो महीने कर दी गई है।

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आंदोलनकारी सीए छात्रों को अपना समर्थन दिया है। छात्र बुधवार को भी प्रदर्शन करेंगे, जो उनके विरोध का तीसरा दिन होगा। संस्थान ने छात्रों के उत्पीड़न को नियंत्रित करने के प्रयास में, पहले एक वीडियो पोस्ट करके जवाब दिया था जिसमें आईसीएआई अध्यक्ष स्वीकार कर रहे हैं कि मूल्यांकन की प्रक्रिया में सुधार की मांग लंबे समय से है।

इस पूरे घटनाक्रम में कर्मचारियों की एक मुख्य समस्या है जिसे ICAI नज़रंदाज़ कर रहा है, वो है कांट्रैक्ट स्तर पर काम करना, और दूसरा कर्मचारी अपने श्रम अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इसे भी पढ़े:सीए छात्रों का उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर प्रदर्शन

ICAI
Chartered Accountants
ICAI Employees Protest
CA Aspirants Protest
Institute of Chartered Accountants of India
Contractualisation
Regularisation
Social Security Benefits

Related Stories

सीए छात्रों का उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License