NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
राजनीति
सीएम साहब दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, बेरोज़गार कर्मचारी अनशन पर
108 एंबुलेंस सेवा के बेरोजगार हुए 700 कर्मचारियों ने रैली निकाली, भीख मांगी, यज्ञ-हवन किया, ख़ून से पत्र लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री समेत भाजपा नेता अभी दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
वर्षा सिंह
08 May 2019
एम्बुलेंस

उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों समेत राज्यभर में 11 सालों से सेवा देने वाले 108 एंबुलेंस सेवा और ख़ुशियों की सवारी के बेरोज़गार हुए 700 से अधिक कर्मचारी देहरादून के परेड ग्राउंड में 30 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। आज, बुधवार, 8 मई से इन्होंने क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया है। लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा इनसे मिलने नहीं आया। राज्य सरकार की ओर से किसी नेता या मंत्री ने इन कर्मचारियों से बातचीत की कोई पहल नहीं की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत भाजपा नेता अभी दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।

राज्य के 700 से अधिक घरों में चूल्हा कैसे जलेगा, बच्चों की स्कूल की फीस कैसे भरी जाएगी, बुजुर्गों की दवा के पैसों का इंतज़ाम कैसे होगा, जैसे मूलभूत सवाल खड़े हुए हैं। यही वजह है कि बेरोजगार कर्मचारियों ने ख़ून से खत लिखकर अपनी बात कहने की कोशिश की।

108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के विपिन जमलोकी कहते हैं कि जो फील्ड कर्मचारी पिछले 11 वर्षों से विषम भौगोलिक परिस्थितियों में राज्य में अपनी सेवाएं देते आ रहे थे,राज्य में हर आपात स्थिति में जिन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्हीं कर्मचारियों को जीवीके-ईएमआरआई ने उत्तराखंड स्वास्थ्य निदेशालय के निर्देश को आधार मानकर संविदा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया। 30 अप्रैल को कंपनी का करार खत्म हुआ और उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। जिससे 700 से अधिक बेरोजगार फील्ड कर्मचारियों के आगे मुश्किलों का पहाड़ खड़ा हो गया है।

विपिन जमलोकी कहते हैं कि कैंप संस्था जो इस एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है, वो इन सभी बेरोजगार कर्मचारियों को वर्तमान में दिए जा रहे वेतन और लोकेशन पर समायोजित करे, ताकि इनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति न खड़ी हो।

Bich.jpeg

बेरोजगार हुए कर्मचारियों ने रैली निकाली, भीख मांगी, यज्ञ-हवन किया, ख़ून से पत्र लिखा, हर तरह से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। आज से वे क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं।

कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय कहते हैं कि वर्ष 2008 में जब 108 एंबुलेंस सेवा शुरू हुई थी, उस समय राज्य में रमेश पोखरियाल निशंक की अगुवाई वाली भाजपा सरकार थी। उस समय उन्होंने इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन बताया था। 108 एंबुलेंस के ज़रिये कितने लोगों की जान बची, कितने बच्चे एंबुलेंस में पैदा हुए,इसके आंकड़े भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों के तौर पर बताती थी। आज उन्हीं लोगों की रोजी-रोटी छीन ली जाती है। किशोर कहते हैं कि ये मानवता के प्रति अपराध है। यदि ये एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से बंद होती तो अलग बात थी। लेकिन जब सेवा चालू है तो नई कंपनी में इन्हीं कर्मचारियों को समायोजित करना चाहिए था। वह कहते हैं कि कम वेतन पर रखे गए ड्राइवरों का ही नतीजा है कि नई कंपनी के जिम्मा संभालते ही 108 एंबुलेंस की सड़क दुर्घटनाओं के दो से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। उनका कहना है कि इस तरह लोगों की जान के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।

सवाल है कि जो 108 एंबुलेंस सेवा पहले ही प्रति माह के जिस खर्च में खस्ता हालत में पहुंच गई थी। वो अब और भी कम बजट में कैसे संचालित की जाएगी। उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस के लिए जारी किए गए टेंडर में तीन कंपनियों ने हिस्सा लिया। जीवीके ने 1.66 लाख प्रति एंबुलेंस प्रति माह कोट किया। एक अन्य कंपनी ने 1.44 लाख रुपये प्रति एंबुलेंस प्रति माह कोट किया और मध्य प्रदेश की गैर-लाभकारी संस्था कैंप ने 1.18 लाख रुपये प्रति एंबुलेंस प्रति माह कोट किया। कैंप को ये टेंडर मिल गया। चूंकि उन्होंने अपेक्षाकृत कम बजट में ये टेंडर लिया है।

कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय कहते हैं कि नई संस्था कैंप भाजपा नेता के करीबी व्यक्ति से जुड़ी है। जिन्हें इस तरह की सेवा का बहुत अनुभव भी नहीं है। अपने नज़दीकियों को फायदा पहुंचाने के इरादे से ऐसा किया गया। वह कहते हैं कि ऐसा करना भी था तो पुराने कर्मचारियों को हटाने की क्या जरूरत थी।

108 एंबुलेंस सेवा स्वास्थ्य विभाग के अधीन ठेका प्रथा में आती है। श्रम कानून के मुताबिक ठेका प्रथा में ठेकेदार बदलने पर कर्मचारियों को हटाए जाने की जरूरत नहीं होती, न ही उनका वेतन कम करने, या उन्हें दी जा रही सुविधाएं वापस ली जा सकती हैं।

यहां गौर करने वाली बात है कि स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है। अनिश्चितता की आशंकाओं से घिरे 700 से अधिक कर्मचारी अनिश्चतकालीन धरने और अनशन के ज़रिये अपने हक़ की मांग कर रहे हैं। सत्ता के गलियारों में उनकी आवाज़ सुनी जाएगी, इस पर संदेह ही लगता है।

 

इसे भी पढ़ें : चुनाव के शोर में नौकरियां गंवाने वालों की चीख़ क्या आप सुन पा रहे हैं?

UTRAKHANAD
BJP
Workers Strike

Related Stories

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

जहांगीरपुरी हिंसा में अभी तक एकतरफ़ा कार्रवाई: 14 लोग गिरफ़्तार

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

सद्भाव बनाम ध्रुवीकरण : नेहरू और मोदी के चुनाव अभियान का फ़र्क़

यूपी चुनाव: पूर्वी क्षेत्र में विकल्पों की तलाश में दलित

हम भारत के लोगों की असली चुनौती आज़ादी के आंदोलन के सपने को बचाने की है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए
    10 May 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में 17 दिन बाद एक हज़ार से कम नए मामले सामने आए हैं | वहीं उत्तर प्रदेश में कोरोना के लगतार बढ़ते मामलो की देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार फिर से सख्त हुई है |
  • भाषा
    आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफ़ा, बुधवार तक कर्फ्यू लगाया गया
    10 May 2022
    प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध
    10 May 2022
    स्वास्थ्य मंत्री के पहुंचने पर अस्पताल गेट के समक्ष कर्मचारियों ने बैनर के साथ नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण विरोध किया।
  • वसीम अकरम त्यागी
    शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!
    10 May 2022
    मिर्ज़ा के इस शेर में ग़ालिब को शाहीन बाग़ और हम को मेनस्ट्रीम न्यूज़ चैनल पढ़ा जाए। नौ मई का दिन चैनलों और समर्थकों के लिए तय किया गया था जो रोज़ मुसलमान उत्पीड़न का नया नशा चाहता है। मगर हाय, यह हो…
  • भाषा
    दिवंगत दानिश सिद्दीकी सहित चार भारतीय पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित
    10 May 2022
    सिद्दीकी (38) की पिछले साल जुलाई में अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई थी। अफगानिस्तान के स्पीन बोल्दक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच हिंसक संघर्ष की तस्वीरें लेते समय उनकी हत्या कर दी गई थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License