NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
शिक्षा और अपनी विरासत को बचाने के लिए उत्तराखंड में युवाओं का मार्च
"राज्य में उच्च शिक्षा का हाल बुरा है। कई कॉलेज ऐसे हैं जिनके पास अपनी बिल्डिंग तक नहीं है। एक या दो कमरों में कॉलेज चल रहे है। दूसरी तरफ़ सरकार हमारे स्वतंत्रता अंदोलन की विरासत को भी नहीं बचा रही है''।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Mar 2019
aipsn

भारत ज्ञान विज्ञान समिति का "सबका देश मेरा देश" कैम्पेन जो पुरे देश में चल रहा है, उसी के तहत उत्तराखण्ड के देहरादून शहर में 'शिक्षा बचाओ, लोकतंत्र  बचाओ' नारे के साथ युवाओं ने मार्च निकाला। इस मार्च में शिक्षा के निजीकरण, भगवाकरण, व्यापरिकरण के अलावा राज्य और आज के नौजवानों को हमारे देश की विरासत जो सरकारों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण बर्बाद हो गई है या हो रही है, के महत्व के बारे में नौजवनों को बांटने और उससे बचने के लिए कल मंगलवार को युवाओं ने क़रीब 30 किमी की यात्रा की और देश की विरासत और संवैधानिक मूल्यों को बचाने का संकल्प लिया। 

भारत ज्ञान विज्ञान समिति ने बताया कि 12 मार्च के दिन ही क्यों यह कार्यक्रम किया गया।  कल का दिन(12 मार्च) हिंदुस्तान के राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक बड़ा ही महत्वपूर्ण दिन है। आज से 98 साल पहले 12 मार्च 1930 को  महात्मा गांधी ने चिन्हित 78 आंदोलनकारियों के साथ साबरमती आश्रम से नमक आंदोलन के लिए डांडी मार्च प्रारम्भ किया था। इसी दिन महात्मा गांधी ने यह संकल्प भी लिया था कि जब तक मुल्क को आज़ादी नहीं मिलेगी तब तक वह साबरमती आश्रम में प्रवेश नहीं करेंगे। उत्तर भारत में देहरादून एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ एक नदी के पानी से नमक बनाकर और उस नमक को बेचकर नमक क़ानून को तोड़ा गया था।

भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य सचिव विजय भट्ट ने बताया की गांधीजी की इस डांडी यात्रा में देहरादून के रहने वाले वीर खडग बहादुर भी शामिल थे।  उन्होंने गांधीजी से ज़िक्र किया था कि हमारे गाँव के पास भी एक नदी बहती है जिसके कुछ हिस्से में नमकीन पानी पाया जाता है। तो फिर गांधी जी ने खडगबहादुर को देहरादून जाकर इस नदी से नमक बनाकर नमक आंदोलन शरू करने की सलाह दी थी।  गांधीजी की सलाह पर वीर खडग बहादुर ने शहर के तत्कालीन आंदोलनकारियों के साथ मिलकर यहाँ नमक बना कर नमक सत्याग्रह शुरू किया था। जिस जगह नमक बनाया गया था उसका नाम खारा खेत पड़ा। खारा का मतलब नमक है। इसी के बगल में नेम और नून नदी बहती है। जिसका पानी नमकीन है।   

IMG-20190313-WA0015.jpg

विजय भट्ट ने आगे कहा भारत ज्ञान विज्ञान समिति उत्तराखंड ने भारत ज्ञान विज्ञान युवा समिति के साथ मिलकर आज इसी जगह से अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के द्वारा चलाये जा रहे "सबका देश अपना देश" अभियान की शुरुआत की। 12 मार्च के कार्यक्रम में नौजवानों को अपनी विरासत को समझने और बचाने की अपील की गई। इस कार्यक्रम में तीस के लगभग युवा व अन्य साथी शामिल हुए। सभी नौजवनों ने इस ऐतिसाहिक स्थल की सफ़ाई की। फिर इस जगह पर और नमक आंदोलन पर चर्चा की गई। इस विषय पर सर्वोदय मंडल देहरादून के साथी बीजू नेगी जी ने विस्तार से जानकारी दी। 'सबका देश हमारा देश' अभियान को ज़ोर-शोर से करने के संकल्प के साथ आज के कार्यक्रम हुआ। 

नितेश जो  की ख़ुद छात्र हैं व एसएफ़आई के राज्य कार्यकारिणी सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है और हमारी सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के बजाये उसे तबाह करने में लगी है। राज्य में उच्च शिक्षा का हाल तो और भी बुरा है। कई कॉलेज ऐसे हैं जिनके पास अपनी बिल्डिंग तक नहीं है। एक या दो कमरों में कॉलेज चल रहे है। दूसरी तरफ़ सरकार हमारे स्वतंत्रता अंदोलन की विरासत को भी नहीं बचा रही है।

नितेश ने आगे कहा, "इन सबके ख़िलाफ़ हमारा यह अभियान जारी रहेगा। आने वाले समय में ऐसे कई सेमिनार और जन जागरूकता के अभियान चलाए जाएंगे जिससे हम अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ अपने भविष्य को भी सुरक्षित करने के लिए एक बेहतर सरकार चुन सकेंगे। इसके लिए हम आम चुनावों से पहले आम जनता का एक घोषणापत्र जारी करेंगे। जो दल उसे अपने घोषणापत्र का हिस्सा बनाएगा, हम उसके पक्ष में मतदान करेंगे।" 

 

 

Uttrakhand
privatization of education
Higher education
saffronisation of education
heritage
Constitution of India

Related Stories

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?

उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!

नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित

यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'

भारतीय लोकतंत्र: संसदीय प्रणाली में गिरावट की कहानी, शुरुआत से अब में कितना अंतर?

लोकतंत्र के सवाल: जनता के कितने नज़दीक हैं हमारे सांसद और विधायक?


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License