NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
शिक्षकों की हड़ताल UP में बेरोज़गारी और शिक्षा संकट के गहरे जड़ को उजागर करता है
यहाँ शिक्षक पदों के लिए रिक्तियाँ काफी ज़्यादा है और छात्रः शिक्षक का अनुपात भी कम है।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
02 Jun 2018
UP Teachers

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हज़ारों अस्थायी शिक्षकों पर हालिया पुलिस कार्यवाही ने पूरे शहर में ठहराव ला दिया। स्थायी करने की माँग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य के विभिन्न इलाके से लखनऊ में इकट्ठा हुए इन शिक्षकों पर पुलिस ने कार्यवाही की थी। हालिया हड़ताल इस तरह के विरोधों की एक श्रृंखला में नवीनतम थी जो उत्तर प्रदेश में गहरे रोज़गार संकट और ढ़हती शिक्षा प्रणाली का खुलासा करती है।

साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों पर भारत द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद इसने 'सभी के लिए शिक्षा' के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अनुबंध आधार पर भर्ती की अनुमति दी। कई राज्य सरकारों ने 'शिक्षा मित्र' नियुक्त किए जो लोगों को स्कूलों में अपने बच्चों को दाख़िल करने के लिए राज़ी करेंगे और शिक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाएंगे।

इन शिक्षा मित्रों को केवल कक्षा 12वीं पूरी करने की आवश्यकता है और उनके स्थानीय पंचायत से सिफारिश की ज़रूरत है। इस कम वेतनमान ने राज्यों को बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षकों को भर्ती करने के लिए सक्षम किया जो कि खज़ाने पर ज़्यादा बोझ नहीं थे। सरकारों ने उन्हें आठवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाने में सक्षम बनाने के लिए उनकी भूमिकाओं को और बढ़ाया। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन डेटा से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों (स्वीकृत क्षमता 7, 59,898 पद) के लिए 1,74,666 रिक्तियों में से 1,72,000 शिक्षा मित्रों से भरी गई थी।

लेकिन साल 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित होने के बाद सब कुछ बदल गया। इन अधिनियम ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियम बनाने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) को अधिकार दिया। इसने स्पष्ट किया कि देश में शिक्षण पदों के इच्छुक उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। इस बीच समाजवादी पार्टी सरकार ने बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन के माध्यम से टीईटी पास करने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया और शिक्षा मित्र को दो साल तक के लिए नियमित कर दिया। लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 सितंबर, 2015 को इस नियमित प्रक्रिया को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में अपने आदेश में उच्च न्यायालय के फैसले को बरक़रार रखा और कहा कि टीईटी पास करना ज़रूरी था। इसने सेवा देने वाले शिक्षकों को परीक्षा पास करने के दो मौके दिए।

विरोध करने वाले शिक्षकों ने शिकायत की कि उन्होंने सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है लेकिन सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही थी। इलाहाबाद में शिक्षा मित्र के रूप में कार्यरत कमलेश ने न्यूज़़क्लिक से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार उन्हें नियमित करने के अपने वादे को पूरा नहीं कर रही थी। कमलेश ने आगे कहा कि "भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि उसके सत्ता में आने के तीन महीने के भीतर इस मुद्दे को हल कर लिया जाएगा। ऐसा करने के बजाय उन्होंने शिक्षकों के लिए एक नई परीक्षा शुरू की। उत्तराखंड सरकार ने पहले ही 4,200 रिक्तियों में 3,500 शिक्षकों को नियमित कर दिया है। अगर सरकार इस संकट को हल करना चाहती है तो उसे हमें नियमित करना ही होगा।"

उन्होंने कहा कि वे पहले से ही पैरा शिक्षकों के योग्य थे लेकिन बहुत कम भुगतान किया जा रहा था। एक पैरा शिक्षक 38,878 रुपए प्राप्त करने का हक़दार है लेकिन उन्हें 10,000 रुपए प्रति माह का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव पहचान पत्र के ब्योरे को सत्यापित करने के लिए चुनाव से पहले लोगों का सर्वे करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर की ड्यूटी सौंपी गयी थी। उन्होंने कहा, "हम तेज़ गर्मी में बीएलओ के रूप में काम करते हैं लेकिन भुगतान नहीं पाते हैं।"

नियमितीकरण पर अनिश्चितता पहले से ही उत्तर प्रदेश में शिक्षा को प्रभावित कर रही है। राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की रिक्तियों की सबसे ज़्यादा संख्या है। इसी तरह 2015-16 के आँकड़ों के अनुसार इस राज्य में देश में सबसे कम छात्र-शिक्षक अनुपात (राष्ट्रीय औसत 1:23 के विपरीत 1:39) है। ऐसी स्थिति में शिक्षा मित्रों की माँगों को सही ढंग से पूरा करने में सरकार की विफलता निकट भविष्य में इस संकट को और बढ़ा सकती है।

Uttar pradesh
Teachers' Strike
Violence
education

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License