NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
शिमला : भारी फीस के खिलाफ छात्र-अभिभावक मंच का आंदोलन तेज़
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ 11 मार्च को डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया गया ज्ञापन सौंपा। इसकी अगली कड़ी में 13 मार्च को उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन होगा और 16 मार्च को शिक्षा मंत्री से मिला जाएगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Mar 2019
SHIMALA

शिमला में छात्र अभिभावक मंच द्वारा प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, लूटखसोट व भारी फीस के खिलाफ डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद मंच का एक प्रतिनिधिमंडल मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा की अगुवाई में डीसी शिमला से मिला और उन्हें चौदह सूत्रीय मांगपत्र सौंपकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की।

पूरे हिमाचल को देखें तो सबसे ज़्यादा निजी स्कूल शिमला शहर में हैं। सरकारी स्कूल बहुत कम हैं और जो हैं उनकी हालत बहुत ही खराब है। इस कारण कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहता है। ऐसे में अभिभावकों के पास निजी स्कूल के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह जाता है। इसका फ़ायदा वहाँ के निजी स्कूल उठाते हैं। शिमला में पिछले वर्ष भी अभिभावकों ने निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ एक लंबा संघर्ष किया था जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया था कि उनकी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। अभिभवकों का कहना है कि राहत के बजाय स्कूलों का शोषण बढ़ गया है।

निजी स्कूल नियम का पालन नहीं कर रहे

छात्र अभिभावक मंच के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि निजी स्कूलों  में लूट को रोकने के लिए प्रदेश सरकार कानून बनाए व एक पॉलिसी के तहत इन्हें संचालित करे। सरकार से मांग है कि वह निजी स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए तुरंत शिक्षा का अधिकार कानून 2009 को अक्षरत: लागू करे। प्रदेश सरकार सख्ती से इस कानून को लागू कर दे तो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी व लूट पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी। शिक्षा का अधिकार कानून 2009 को बने दस वर्ष हो चुके हैं, लेकिन प्रदेश की सरकारों की कमी से निजी स्कूल इसका पालन नहीं कर रहे हैं। 

मंच की सह संयोजक बिंदू जोशी ने कहा है कि  कई नियम हैं जिनसे स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सकती है लेकिन इसको लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सेफ्टी व सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के लिए निजी शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधनों को जवाबदेह बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार व प्रदेश सरकारों को निर्देशित किया था कि छह माह के भीतर इन संस्थानों को मॉनिटर करने के लिए नियम बनने चाहिए और ये लागू होने चाहिए। इसके साथ ही 27 अप्रैल 2016 को हिमाचल उच्च न्यायालय ने फीस को संचालित करने, एडमिशन फीस व बिल्डिंग फंड पर रोक लगाने के संदर्भ में आदेश दिया था। इस सबके बावजूद हिमाचल सरकार ने इसको लागु करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

उन्होंने आगे कहा इस से स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार व इसके अधिकारियों की निजी स्कूल प्रबंधनों से खुली मिलीभगत है। एक तरफ छात्रों से पचास हज़ार रुपये फीस वसूली जा रही है वहीं दूसरी ओर टूअर व ट्रिप के नाम पर 35 हज़ार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। यह छात्रों व अभिभावकों की खुली लूट है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश सरकार निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए। इसके लिए सबसे पहले प्रदेश सरकार फीस का ढांचा तैयार करे।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद निजी स्कूलों ने लूट का तरीका बदल दिया है। इसके तहत अब फीस बुकलेट में हर वर्ष एडमिशन फीस व बिल्डिंग फंड का कॉलम हटाकर एनुअल चार्जेज़, ट्यूशन फीस, स्मार्ट क्लास रूम फीस, मोबाइल मैसेज फीस व अन्य तरह की फीसों के कॉलम बना दिये गए हैं व एडमिशन फीस को इन तरह तरह की फीसों में एडजस्ट कर दिया गया है। इस तरह फीस बुकलेट से सिर्फ एडमिशन फीस का कॉलम तो हट गया है परन्तु एडमिशन फीस की राशि अन्य फीसों में एडजस्ट कर दी गई है। अगर वाकई में अगली कक्षाओं में एडमिशन फीस नहीं ली जा रही है जैसा कि स्कूल प्रबंधन दावा कर रहे हैं तो फिर एडमिशन होने के बाद अगली कक्षाओं में एडमिशन फीस न होने के कारण फीस काफी कम होनी चाहिए थी परन्तु फीस तो अगली कक्षाओं में और ज़्यादा वसूली जा रही है जिससे स्पष्ट है कि निजी स्कूलों के प्रबंधन आई वॉश कर रहे हैं तथा छात्रों व अभिभावकों की लूट बेरोकटोक तरीके से जारी है।

इससे पहले मंच ने कालीबाड़ी हॉल शिमला में आयोजित बैठक में लगभग दो सौ लोगों ने भाग लिया। बैठक में निजी स्कूलों की मनमानी व भारी फीस के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया था। इसी के क्रम में कल 11 मार्च को डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया गया व डीसी को ज्ञापन सौंपा। इसकी अगली कड़ी में 13 मार्च को उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर प्रदर्शन होगा व उन्हें ज्ञापन दिया जाएगा। भारी फीस के खिलाफ मंच का प्रतिनिधिमंडल 16 मार्च को शिक्षा मंत्री से मिलेगा। अगर इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों पर नकेल न लगाई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

इसी तरह का अंदोलन अब राज्य के कई अन्य शहरों में भी शुरू हो गया है। हिमाचल के सोलन में भी ऐसा ही एक अभिभवकों का संगठन फीस वृद्धि और निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

 

Himachal Pradesh
shimla
privatization of education
Government schools
school children
PRIVATE SCHOOL

Related Stories

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 

नई शिक्षा नीति से सधेगा काॅरपोरेट हित

उत्तराखंड : ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में बंद होते सरकारी स्कूल, RTE क़ानून की आड़ में निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार 

बिहारः प्राइवेट स्कूलों और प्राइवेट आईटीआई में शिक्षा महंगी, अभिभावकों को ख़र्च करने होंगे ज़्यादा पैसे

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

गैर-स्टार्टर स्मार्ट सिटी में शहरों में शिमला कोई अपवाद नहीं है

हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों के धरना-प्रदर्शन, घेराव और हड़ताल पर लगाई रोक, विपक्ष ने बताया तानाशाही फ़ैसला

हिमाचल प्रदेश: नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं आंगनबाड़ी कर्मी

हिमाचल प्रदेश: फैक्ट्री में ब्लास्ट से 6 महिला मज़दूरों की मौत, दोषियों पर हत्या का मुक़दमा दर्ज करने की मांग

पर्वतों में सिर्फ़ पर्यटन ही नहीं, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण भी ज़रूरी है


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License