NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
संगमाओं के बीच की लड़ाई
त्रिशंकु असेम्बली व बीजेपी का दयनीय प्रदर्श.
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Mar 2018
meghalaya

मेघालय में चुनावों दो मुख्य मुद्दों पर लड़ा गया था - एक था विकास और दूसरा धर्म I विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा गया, जबकि धार्मिक  स्वतंत्रता को बीजेपी के खिलाफ मुद्दा बनाया गया I कोई कुछ भी कहे पर असल लड़ाई संगमाओं के बीच में थी I 2010 से कांग्रेस के मुख्य मंत्री मुकुल संगमा , अपनी सीट से जीत गए हैं वे बीजेपी के बकुल हाजोंग के सामने लड़ रहे थे I दूसरे संगमा NPP से सम्बंधित हैं I वह हैं अगाथा संगमा, कोनराड संगमा, थॉमस संगमा और जेम्स संगमा , ये सभी सांसद पूर्नो ए संगमा के बच्चे हैं I NPP को बीजेपी का फ्रंट कहा जा रहा है, क्योंकि उसने मणिपुर में सरकार बनाने में बीजेपी का समर्थन किया था और वह संसद में बीजेपी का सहयोगी भी है I पर मेघालय में NPP का बीजेपी के साथ सीधा गठजोड़ नहीं था I

दूसरी तरफ मेघालय में बीजेपी ने बहुत ख़राब प्रदर्शन किया, शायद उसपर लगे इसाई विरोधी होने के धब्बे को वह हटा नहीं पाई , इस हार की एक ये भी वजह रही होगी I वहीं NPP ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है , NPP और कांग्रेस ने करीब एक तिहाई सीटे प्राप्त की I अब सवाल ये है कि क्या NPP बीजेपी के साथ गठबंधन करेगी I कांग्रेस से पास वहाँ एक साफ़ बहुमत नहीं है, पर अगर दोनों पार्टियों का वहाँ गठबंधन हो तो 60 सीटों की इस विधान सभा में दो तिहाई बहुमत आ सकता है I पर अगर ऐसा होता है तो NPP अपनी विश्वसनीयता खो देगी , क्योंकि उसने कांग्रेस के खिलाफ मेघालय में बहुत प्रचार किया था I जहाँ एक तरफ मुख्यधारा की मीडिया सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों पर ही अपनी नज़रें गडाये रखी थी वहीं मेघालय की काफी छोटी पार्टियाँ भी बीजेपी से ज़्यादा सीटें जीती हैं , जैसे  ड हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPD) को बीजेपी से ज़्यादा सीटें मिलीं और युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) और पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट(PDF) भी भगवा पार्टी से ज़्यादा सीटें लाई है I

विलियम नगर सीट पर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि इस सीट से NCP  के उम्मीदवार जोनाथोने संगमा IED हमले में मारे गए थे I उनकी पत्नी अब NCP की टिकट से चुनाव लड़ेंगी, उन्हें सहानुभूति के वोट मिलने के असार हैं I

फिलहाल ये लग रहा है कि मेघालय त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रहा है I कांग्रेस और NPP के बीच स्थानीय पार्टियाँ ही परिवर्तनशील हैं I NPP बीजेपी के साथ नहीं जाएगी पर वो बीजेपी के विधायकों को अपने पाले में ला सकती है I बीजेपी के साथ अगर वो आते हैं तो उनपर इसाई विरोधी ठप्पा लग सकता है, इसी वजह से वह नागालैंड और मेघालय में इस ठप्पे से दूर रहना चाहेगी I स्थानीय पार्टियों में बेहतर सबसे चुनने की स्थिति में UDP हैं , वैसे फिलहाल वह HSPD और GNC के साथ गठबंधन में है I वैसे मेघालय में Anti Incumbency  का माहौल के बावज़ूद भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर आयी है I इस कारण हो सकता है कि कांग्रेस कुछ दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना ले I

meghalaya
sangma
BJP
Congress

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License