NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सोहराबुद्दीन प्रकरण : हरेन पाण्ड्या हत्याकांड में नए खुलासों से मामला गहराया
गवाह ने कोर्ट को बताया कि गुजरात के बीजेपी नेता जो मोदी के खिलाफ थे, को गुजरात के बड़े पुलिस अधिकारी वंजारा ने मारा था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Nov 2018
haren pandya

2003 में नरेंद्र मोदी की गुजरात सरकार में राजस्व मंत्री हरेन पंड्या के कत्ल की कहानी फिर से सुर्खियों में आ गई है। 15 साल बाद इस कत्ल की गुत्थी और उलझ गयी है क्योंकि सोहराबुद्दीन 'फर्जी मुठभेड़' के एक गवाह ने कहा है कि बीजेपी एक इस नेता को आईपीएस अधिकारी डीएन वंजारा के कहने पर कत्ल किया गया था।जब उन्हें कत्ल किया गया था तो वह न तो सांसद थे न विधायक क्योंकि उस समय उनकी मोदी से बनती नहीं थी। सोहराबुद्दीन शेख को बाद में एक तथाकथित एनकाउंटर में मार गिराया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शनिवार को ट्रायल कोर्ट में अपनी बात रखते हुए गवाह ने कहा कि वह शेख, उसकी बीवी कौसर बी और उनके साथी तुलसीराम प्रजापति से मिले थे, इन दोनों को भी मार दिया गया था। यह तीनों कत्ल 2005 और 2006 में हुए थे।

गवाह ने कहा "उस समय सोहराबुद्दीन ने मुझे कहा कि उसे डीजी वंजारा ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पाण्ड्या का कत्ल करने के लिए पैसे दिये थे और उसने अपना काम खत्म किया। मैंने उससे कहा कि उसने गलत काम किया है और जिसको उसने मारा है वह अच्छा व्यक्ति था।" उन्होंने यह भी कहा कि 2005 में उन्हें राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया और उदयपुर जेल मे डाल दिया था। यहाँ उनकी मुलाकात प्रजापति से हुई। गवाह का नाम आज़म खान बताया जा रहा है और टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक प्रजापति ने उन्हें बताया कि गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन और उनकी पत्नी कौसर बी को मार दिया है। पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक इस गवाह ने सीबीआई जज एसजे शर्मा के सामने यह सब कहा ।

फेक एनकांउटर मामलों में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए 38 लोगों में से 16 को ट्रायल कोर्ट ने बारी कर दिया है। उनमें से एक थे अमित शाह जो कि उस समय गुजरात के गृह मंत्री थे। लेकिन अब तक कातिल का पता नहीं चल पाया है इसीलिए गवाह का यह बयान मामले को एक नया मोड़ दे सकता है। 2007 में पाण्ड्या के पिता ने कहा था कि उनके बेटे का कत्ल राजनीतिक कत्ल है और उसकी दोबारा जाँच होनी चाहिए, उन्होने यह बयान आउटलुक मैगज़ीन को दिया था।

पांड्या जिन्होंने 2002 के गुजरात दंगों में मोदी की भूमिका के खिलाफ बोला था, का 26 मार्च 2003 में तब कत्ल हुआ जब वह अहमदाबाद के लॉ गार्डन में टहलने जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपनी सफ़ेद मारुति पार्क कर रहे थे और तभी किसी ने उन्हे खिड़की में से गोली मारी। आउटलुक पत्रिका के मुताबिक पाण्ड्या ने एक सिटिज़नस ट्रिब्यूनल के सामने बयान दिया जो 2002 के गुजरात दंगों के दौरान मारे गए 2000 मुसलमानों के जनसंहार पर जाँच कर रहे था। इससे मोदी बहुत नाराज़ थे।

पूर्व मंत्री के कत्ल के चार साल बाद जस्टिस होसबेट सुरेश जो कि बॉम्बे हाई कोर्ट में रिटायर्ड जज थे, बताया था कि उन्होंने ट्रिब्यूनल के सामने बयान दिया था। रिटायर्ड जज ने कहा "जिस व्यक्ति ने हमारे सामने बयान दिया वह हरेन पाण्ड्या थे जिन्होंने उस समय हमें दो ज़रूरी बातें बताईं। उनमें से एक 7 फरवरी की मीटिंग के बारे में थी ।" जज ने कहा कि मोदी ने पुलिस अफसरों को कहा था कि उन्हें मालूम होना चाहिए कि हिन्दू प्रतिक्रिया होगी। उन्हें यह भी कहा गया था कि इस प्रतिक्रिया को रोकने के लिए वह कुछ न करें।  

इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी। सोहराबुद्दीन मामले में हुए इस नए खुलासों ने मामले पर बड़े सवाल खड़े होते हैं। यहाँ यह भी साफ दिखता  है कि इस मामले में  कितनी खराब जाँच की गयी है कि अब तक इसमें न तो असली गुनाहगार पकड़े गए हैं और न ही कातिल का पता चला है।

Sohrabuddin Sheikh
haren pandya
2002 Gujrat riots
Narendra modi
Amit Shah

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 


बाकी खबरें

  • जितेन्द्र कुमार
    मुद्दा: बिखरती हुई सामाजिक न्याय की राजनीति
    11 Apr 2022
    कई टिप्पणीकारों के अनुसार राजनीति का यह ऐसा दौर है जिसमें राष्ट्रवाद, आर्थिकी और देश-समाज की बदहाली पर राज करेगा। लेकिन विभिन्न तरह की टिप्पणियों के बीच इतना तो तय है कि वर्तमान दौर की राजनीति ने…
  • एम.ओबैद
    नक्शे का पेचः भागलपुर कैंसर अस्पताल का सपना अब भी अधूरा, दूर जाने को मजबूर 13 ज़िलों के लोग
    11 Apr 2022
    बिहार के भागलपुर समेत पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 13 ज़िलों के लोग आज भी कैंसर के इलाज के लिए मुज़फ़्फ़रपुर और प्रदेश की राजधानी पटना या देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों का चक्कर काट…
  • रवि शंकर दुबे
    दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए
    11 Apr 2022
    रामनवमी और रमज़ान जैसे पर्व को बदनाम करने के लिए अराजक तत्व अपनी पूरी ताक़त झोंक रहे हैं, सियासत के शह में पल रहे कुछ लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हैं।
  • सुबोध वर्मा
    अमृत काल: बेरोज़गारी और कम भत्ते से परेशान जनता
    11 Apr 2022
    सीएमआईए के मुताबिक़, श्रम भागीदारी में तेज़ गिरावट आई है, बेरोज़गारी दर भी 7 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा ही बनी हुई है। साथ ही 2020-21 में औसत वार्षिक आय भी एक लाख सत्तर हजार रुपये के बेहद निचले स्तर पर…
  • JNU
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !
    11 Apr 2022
    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दो साल बाद फिर हिंसा देखने को मिली जब कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्रों ने राम नवमी के अवसर कैम्पस में मांसाहार परोसे जाने का विरोध किया. जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License