NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकार के चार साल, तर्क और तत्थों के अचार साल हैं
सरकार ने इन सबका अचार डाल दिया है ताकि रोटी के साथ सब्ज़ी नहीं होगी तो आप इसी अचार से रोटी खा सकें। आपको जादू दिखाया जा रहा है, आप जादू देखिए।
रवीश कुमार
26 May 2018
Petrol & diesel price
Image Coutesy: Zee News

मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के दिन भी पेट्रोल और डीज़ल के दाम बढ़े हैं। 13 मई से 26 मई के बीच पेट्रोल के दाम में 3.86 रुपये और डीज़ल के दाम में 3.26 रुपये की वृद्धि हो गई है। कर्नाटक चुनाव ख़त्म होते ही अख़बारों ने लिख दिया था कि चार रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ेंगे, करीब करीब यही हुआ है। यानी दाम बढ़ाने की तैयारी थी लेकिन अमित शाह ने बोल दिया कि सरकार घटाने पर प्लान बना रही है। एक दो दिन से ज़्यादा बीत गए मगर कोई प्लान सामने नहीं आया।

हम सब समझते हैं कि तेल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं मगर सरकार में बैठे मंत्री को ही बताना चाहिए कि विपक्ष में रहते हुए 35 रुपये प्रति लीटर तेल कैसे बिकवा रहे थे। आज के झूठ की माफी नहीं मांग सकते तो पुराने बोले गए झूठ की माफी मांग सकते हैं। जिस तरह से सोशल मीडिया पर कुतर्कों को जाल बुना गया है, वह बताता है कि यह सरकार जनता की तर्क बुद्धि का कितना सम्मान करती है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के शाइन जेकब की रिपोर्ट पढ़िए। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 2022 तक हम तेल का आयात 10 फीसदी कम कर देंगे। इस वक्त तेल का आयात 16.4 फीसदी बढ़ चुका है। कहते कुछ है हो कुछ जाता है या फिर इन्हें पता नहीं होता कि करना क्या है और कहना क्या है।

सरकार आई तो खूब दावे किए गए कि कोयले के खदान के लाइसेंस दिए गए हैं। उनमें पारदर्शिता आई है। क्या आपको पता है कि कितने खदान चालू हुए और कितने चालू ही नहीं हुए। इसका कारण जानेंगे तो और दुख पहुंचेगा कि सरकार के कितने झूठ का पर्दाफाश होते देखें, इससे अच्छा है कि चलो भक्त ही बन जाया जाए, कम से कम सोचना तो नहीं पड़ेगा। हालत यह है कि दो हफ्ते में दो बार सरकार कोल इंडिया को लिख चुकी है कि कोयलेे का उत्पादन बढ़ाइये और बिजली कंपनियों को दीजिए क्योंकि गर्मी में मांग बढ़ गई है। क्या सरकार को पता नहीं था कि जब बिजली पहुंची है तो गर्मी हो या सर्दी, मांग भी बढ़ेगी। गर्मी का बहाना कर रही है मगर सितंबर से दिसंबर के बीच भी कोयले की आपूर्ति कम थी। कोयले की कमी से 2017 में भी बिजली के उत्पादन पर असर पड़ा था। उत्पादन घटा था।

रिटायर हो चुके लोगों को अब न्यू पेंशन स्कीम का झांसा समझ आ रहा है। 14-15 साल से चले आ रहे इस स्कीम के तहत जो रिटायर हो रहे हैं उन्हें पेंशन के नाम पर 1200-1300 रुपये मिल रहे हैं। इसके लिए यह लोग भी खुद ज़िम्मेदार हैं। मुद्दों को लेकर नहीं समझना, झांसे में आना, आलस्य करना, और अपना देखो, दूसरे का छोड़ो करते करते समय काट लेना। नतीजा यह है कि आज जब हाथ में 1300 रुपये देख रहे हैं तो समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। मोदी मोदी करें या राम राम करें।

EPFO प्रोविडेंट फंड की ब्याज़ दर पांच साल में सबसे कम हो गई है। 5 करोड़ लोगों को 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत ब्याज़ ही मिलेगा। 2012-13 के बाद यह सबसे कम है।

पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा इन सब का घाटा देखिए। इनका घाटा इतिहास बना रहा है। आई डी बी आई का सकल एन पी ए 28 फीसदी हो गया है। एक बैंकर ने कहा कि सरकार जब दावा करती है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है। निवेश हो रहा है तो फिर वही बता दे कि स्टील उद्योग क्यों संकट में हैं। क्यों स्टील उद्योग से एन पी ए हो रहा है। हम सामान्य लोग सरकार के फर्ज़ीवाड़े को नहीं समझ पाते मगर बैंकर की एक लाइन से तस्वीर खींच जाती है। एक लक्ष्मी विलास बैंक है उसे भी 600 करोड़ का घाटा हुआ है।

बैंक का पूरा सिस्टम ध्वस्त है। बैंक कर्मी इतनी कम सैलरी में काम कर रहे हैं कि पूछिए मत। 17500 रुपये की सैलरी में कोई बैंक क्लर्क दिल्ली शहर में कैसे रह सकता है। कहीं भी इस सैलरी में कैसे रहता होगा। अब बैंकरों को ट्रांसफर का भय दिखा कर उनसे दूसरे काम कराए जा रहे हैं। सरकार को पता है कि बैंक समाप्त होने की स्थिति में है। इसलिए उन्हें कभी मुद्रा लोन के फर्ज़ीवाड़े का टारगेट दो तो कभी अटल पेंशन योजना का। यही नहीं बैंक अब आधार कार्ड भी बनवा रहे हैं। इन सबके बाद भी बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है। बैंकर रोज शाम को काम ख़त्म होने के बाद ब्रांचों के बाहर प्रदर्शन करते हैं। लाखों बैंकरों की ज़िंदगी तबाह हो चुकी है। उनके ये पांच साल कभी नहीं लौटेंगे। नौटबंदी जैसे फ्राड को वे देशसेवा समझ रहे थे। इसलिए ज़रूरी है कि नागरिक अपनी समझ का विस्तार करें। भक्ति तो कभी भी की जा सकती है।

वही हाल दो लाख ग्रामीण डाक सेवकों का है। इनकी सैलरी नहीं बढ़ी है। ये लोग 5000 रुपये में कैसे जीते होंगे। सरकार इन्हें हिन्दू ही समझ कर सैलरी दे दे या भक्त सरकार से कहें कि ये हिन्दू हैं और इन्हें तकलीफ है। 12 दिनों से हड़ताल पर हैं मगर कोई इनसे बात करने को तैयार नहीं। ग्रामीण डाक सेवकों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है।

कोबरा पोस्ट का स्टिंग देखिए। मैं स्टिंग को लेकर हमेशा दूरी रखता हूं मगर इसके तथ्यों की जांच तो होनी चाहिए। अगर हम सिर्फ अनदेखी ही करते रहेंगे तो फिर ऐसे ख़तरों के लिए तैयार रहिए जिसकी कल्पना आपने नहीं की है। क्योंकि इनकी मार आप पर पड़ेगी जैसे लाखों बैंकरों पर पड़ रही है। स्टिंग से पता चलता है कि मोबाइल कंपनी पे टी एम कंपनी ने अपना डेटा सरकार को दिया है। यही बात अमरीका में सामने आई होती तो हंगामा मच गया होता। रविशंकर प्रसाद फेसबुक को तो ललकार रहे थे, क्या इस स्टिंग के बाद पेटीएम पर कुछ कर सकते हैं? आने वाले चुनाव में खेल बिग डेटा से होगा। उसकी तैयारी हो चुकी है। इस विषय को समझने वाले बहुत दिनों से बता रहे हैं। देखते हैं क्या हो रहा है।

मगर ऐसा कौन सा सेक्टर है जिसके लिए सरकार जश्न मना सकती है? मेरे हिसाब से दो सेक्टर हैं। एक झूठ और दूसरा धर्मांधता। हर सरकार के दौर में एक राजनीतिक संस्कृति पनपती है। मोदी सरकार के दौर में झूठ नई सरकारी संस्कृति है। जब प्रधानमंत्री ही झूठ बोलते हैं तो दूसरे की क्या कहें। दूसरी संस्कृति है धर्मांधता की। भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस से से इत्तफाख रखने वाले कई संगठन बनकर खड़े हो गए हैं जो काम तो इन्हीं के लिए करते हैं मगर अलग इसलिए हैं ताकि बदनामी इन पर न आएं।

नौकरी के फ्रंट पर यह सरकार फेल है। आप किसी युवा से पूछ लें जो परीक्षा की तैयारी कर रहा है। रेलवे ने बड़े ज़ोर ज़ोर से एलान किया कि एक लाख भर्ती निकाली जा रही है। जबकि रेलवे में ढाई लाख वेकैंसी है। क्या आप जानते हैं कि दो महीने हो गए फार्म भरे, अभी तक इम्तहानों की तारीख नहीं निकली है। एम्स को लेकर प्रोपेगैंडा होता है, क्या आप जानते है कि 6 एम्स में नॉन टेक्निकल स्टाफ के 80 फीसदी पोस्ट खाली हैं। 20,000 से ज़्यादा। क्या मैं नौजवानों की नौकरी की बात कर, मोदी का विरोध कर रहा हूं। तो फिर आप बता दीजिए कि मोदी जी हैं किस लिए। उनके मंत्री हैं किस लिए। फिर नौजवान ही कह दें कि हमें नौकरी नहीं चाहिए। आप हमारी नौकरी की बात न करें। मैं नौकरी की बात छोड़ देता हूं।

सरकार के चार साल तर्क और तथ्यों के अचार साल हैं। सरकार ने इन सबका अचार डाल दिया है ताकि रोटी के साथ सब्ज़ी नहीं होगी तो आप इसी अचार से रोटी खा सकें। आपको जादू दिखाया जा रहा है, आप जादू देखिए।

रवीश कुमार की फेसबुक वॉल से साभारI

Petrol & diesel price
Narendra modi
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License