NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकार की कोशिशों को नाकाम करता कठपुतली कॉलोनी का प्रतिरोध
पिछले 10 दिनों से प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद झुग्गियां नहीं तोड़ने दे रहे हैं कठपुतली कॉलोनी के निवासी
संघर्ष संवाद
05 Jan 2017
सरकार की कोशिशों को नाकाम करता कठपुतली कॉलोनी का प्रतिरोध

नई दिल्ली के कठपुतली कॉलोनी के निवासी पिछले 10 दिनों से लगातार अपनी झुग्गियां तोड़े जाने की कोशिशों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद आज ग्यारहवें दिन भी जनसभा आयोजित की गई. प्रस्तुत है जनसभा पर जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की संक्षिप्त रिपोर्ट;

कठपुतली कॉलोनी | जनवरी 04, 2017 : संघर्ष के 11वें दिन फिर से पुलिस ने जनसभा को होने से रोकने की कोशिश की जो लोगों के सवालों के सामने मौन रहे। जनसभा सफलतापूर्वक लगभग 2 घंटे चली, जिसमें गीत-संगीत, जोशीले नारों के साथ और भी समाज के ज्यादा संख्या में लोग जुड़े। आज सभा में रोज की तरह सभी समाज के लोग पहुंचे और विशेष तौर पर आदिवासी समाज के प्रधान ने अपनी बात रखते हुए, जबरन और अन्यायपूर्ण तरीके से कट रहे पर्ची और पुलिस बल की मौजूदगी के खिलाफ उन्होंने अपना और पूरे समाज का समर्थन और भागीदारी इस संघर्ष में देने की बात कही। इसके साथ ही लोगों नें सरकार के सामने गंभीर सवाल खड़े किये है, जिसमें कॉलोनी में रहते हुए इतने वर्षों के बाद भी पक्की सड़क, नालियाँ, शौचालय आदि ना बने होने या उनके रखरखाव पर प्रश्न उठाये।
 

“वहीँ डी.डी.ए. के अधिकारी, बनाना तो दूर की बात है, नहीं चल रहे सार्वजनिक शौचालय को आज से एक हफ्ते पहले ही बिना लोगो की जानकारी के तोड़ दिया”, ऐसा कठपुतली कॉलोनी के निवासियों ने बतलाया।

“कई वर्षों से नागरिक सुविधा के लिए कोई भी कार्य नहीं हुआ है कॉलोनी में जिससे लोग परेशान हो रहे है और उनपर यहाँ से जाने का दवाब बनाया जा रहा है, कोई भी अधिकारी हमे यहीं सुविधा देने की बात नहीं करता है, बल्कि हमें यहाँ से भगा कर मंजिले खड़े करने का सपना दिखाती है।“

“सभी निवासियों का नाम सर्वे लिस्ट में नहीं है और ऐसा बताने पर डी.डी.ए. के अधिकारी गोल-मटोल जवाब देते है, कि आप पर्ची कटवा लो हम बाद में आपका नाम डाल देंगे। जो कि सरासर धोखा होगा हमारे साथ।“

“डी.डी.ए. क्यों नहीं सभी निवासियों की अंतिम सूची बनाकर पहले अपनी वेबसाइट पर डालती है, क्यों पर्ची कटवाने का दवाब डालती रहती है। वो अंतिम सूची में आज तक रहने वाले सारे परिवारों का नाम डाले और सूची वेबसाइट पर जारी करने के बाद हमसे बात करने आयें।“ कठपुतली कॉलोनी के महिलाओं ने कहा।

उधर डी.डी.ए. के अधिकारियों द्वारा लगाये कैंप में आज भी लोग नदारद रहे। पुलिस की मौजूदगी अलग अलग समय में पूरे कॉलोनी में अलग अलग जगह बनी रही। जबरन पर्ची काटना और लोगों पर अवांछित दवाब बनाने का दौर अभी भी जारी है और इसी बीच लोगों के बीच अफवाह फैलाने का दौर भी थम नहीं रहा है। लोगों को बहकाने की कोशिश पूरे चरम पर है। इसके बाद भी लोगों की एकता अटूट दिख रही है और दिन प्रतिदिन अलग अलग समाज से लोग बड़ी से बड़ी संख्या में जुड़ते जा रहे है।

Courtesy: संघर्ष संवाद
कठपुतली कॉलोनी
दिल्ली
डीडीए

Related Stories

दिल्ली: दिव्यंगो को मिलने वाले बूथों का गोरखधंधा काफी लंम्बे समय से जारी

जंतर मंतर - सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी द्वारा धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक हटाई

दिल्ली के मज़दूरों की एक दिवसीय हड़ताल

क्या भाजपा हेडक्वार्टर की वजह से जलमग्न हो रहा है मिंटो रोड?

दिल्ली का दमकल

दिल्ली: 20 जुलाई को 20 लाख मज़दूर हड़ताल पर जायेंगे

दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य की माँग पर जनता की राय

दिल्ली में कक्षा 12वीं तक ईडब्ल्यूएस छात्र शिक्षा ले सकतें है?

दिल्ली:भू-जल का गिरता स्तर चिंता का कारण है

दिल्ली में एक और फैक्ट्री में लगी आग, 2 मज़दूरों की मौत


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License