NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में विरोध करेंगे लाखों युवा
वे माँग कर रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त कमेटी 17 से 21 फरवरी तक की गई परीक्षाओं के पर्चे लीक होने के मामले में सीबीआई की जाँच की निगरानी करे और दोषियों को दंडित किया जाये।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Mar 2018
Translated by महेश कुमार
युवाहल्लाबोल

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षा में घोटाले के खिलाफ जो सरकार के लिए केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों और विभागों में अधीनस्थ पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करती हैं - 31 मार्च को एक विरोध रैली के लिए पूरे भारत से लाखों लाख दिल्ली में इकट्ठा होंगे।

एसएससी-सीजीएल (संयुक्त स्नातक स्तर) टियर (स्तर) - 2 के लिए प्रश्नों के लीक के बाद, 27 फरवरी से, हज़ारों छात्र दिल्ली में एसएससी मुख्यालय के बाहर और देश भर के क्षेत्रीय केंद्रों के सामने लगभग तीन हफ्तों से विरोध कर रहे हैं I यह परीक्षा 2018 में 17 से 22 फरवरी के दौरान आयोजित की गई थी।

17 फरवरी को, एक परीक्षार्थी के पास दिल्ली में परीक्षा से पहले प्रश्नों पत्र के जवाब की प्रतिलिपि पकड़ी गई और उसी दिन एसएससी ने राजधानी के एक परीक्षा केंद्र में परीक्षा की दूसरी पारी को रद्द कर दिया ।

21 फरवरी को, जब परीक्षा चल रही थी तो सोशल मीडिया पर उसी पेपर की उत्तर कुंजी दिखाई गई, और साथ ही वह उत्तर पत्र फेसबुक पर एसएससी ट्यूब नामक एक विशलब्लोवर के पेज भी दिखाई थी। कथित तौर पर, परीक्षा 12.30 बजे शुरू हुई और उत्तर पत्र 12.32 बजे ऑनलाइन लीक हो गया था।

एसएससी ने 21 फरवरी को सुबह की पारी में आयोजित परीक्षा रद्द कर दी। 24 फरवरी को एसएससी ने घोषित किया कि 21 फरवरी की परीक्षा 9 मार्च को फिर से आयोजित की जाएगी।

हालांकि, एसएससी ने आरोपों को स्वीकार नहीं किया कि भ्रष्टाचार के कारण प्रशन पत्र लीक हुआ है, इसके बजाए उन्होंने यह कहा कि यह समस्या "कुछ तकनीकी कारणों" से हुई थी।

छात्रों द्वारा किए गए विरोध के बाद, 4 मार्च को एसएससी ने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया कि वे सरकार से एसएससी-सीजीएल (टियर -2) परीक्षा में सीबीआई से की जाँच करने के लिए कहें। 5 मार्च को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है।

हालांकि, छात्र यह मांग कर रहे हैं कि सीबीआई की जांच सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में की जाए और यह कि जांच समाप्त होने तक एसएससी कोई अन्य परीक्षा आयोजित नहीं करे। वे केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के इस्तीफे की भी माँग कर रहे हैं।

प्रत्येक वर्ष एसएससी परीक्षाओं में एक करोड़ से ज्यादा युवा छात्र हिस्सा लेते हैं।

एसएससी वार्षिक रिपोर्ट 2015-16 के अनुसार, एसएससी के तहत आठ मुख्य परीक्षाओं के लिए लगभग 1.5 करोड़ उम्मीदवार आवेदन कर चुके हैं।

"यहाँ देश में करोड़ों युवाओं के भविष्य का सवाल है। हफ्ते के विरोध के बाद भी, सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया है, "सुचेता डी, जो रोज़गार मांगे इंडिया अभियान का हिस्सा है, जो विरोध प्रदर्शनियों का समर्थन कर रही है ने, न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा।

"एसएससी घोटाले ने युवाओं का सरकार में विश्वास खो दिया है, और यह विचार कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी से उन्हें लायक नौकरी मिल जाएगी। यह सरकार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के नाम पर सत्ता में आई, लेकिन इसके बजाय भ्रष्ट सिंडिकेट को बचाने में लगी है। "

डी ने कहा कि विरोध करने वाले युवाओं ने न केवल यह मांग की है कि एससी समिति सीबीआई जांच की निगरानी करे, बल्कि यह जांच सिर्फ एसएससी-सीजीएल टीयर -2 परीक्षा 2018 तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।

"हम चाहते हैं कि पिछले एक साल में एसएससी (जैसे सीएचएसएल - संयुक्त उच्च माध्यमिक स्तर की परीक्षा) द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं के सभी स्तरों की जांच होनी चाहिए। यह एक प्रणालीगत समस्या है भ्रष्टाचार में शामिल पाए गए लोगों को दंडित किया जाना चाहिए, "उन्होंने  कहा।

 

"और हम यह भी मांग करते हैं कि सभी रिक्त सरकारी पद 2019 से पहले भरे जाएं।"

रोज़गार मांगे इंडिया अभियान के अनुसार, इस वर्ष एसएससी-सीजीएल टियर -2 परीक्षा में कुल 1,89,843 उम्मीदवार आए थे।

7 मार्च 2018 को लोकसभा में दिए गए एक उत्तर के अनुसार, विभिन्न केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों और विभागों में 4 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हैं।

एसएससी अलग-अलग (ग्रुप बी) गैर-राजपत्रित पदों जैसे कम श्रेणी के क्लर्कों, आयकर निरीक्षकों, केंद्रीय पुलिस संगठनों और सीबीआई के उप-निरीक्षक आदि के लिए कई भर्ती परीक्षाएं आयोजित करती है, साथ ही ग्रुप सी (गैर-तकनीकी) पोस्ट के लिए भी ।

इस बीच, एसएससी ने सीजीएल टीयर-तृतीय परीक्षा को स्थगित कर दिया है, जो 31 मार्च से मई के महीने तक आयोजित होनी थी। 27 मार्च को दिल्ली में सीजीएल पेपर लीक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

31 मार्च का विरोध मार्च, जिसे #युवाहल्लाबोल कहा जा रहा है, राजधानी के संसद मार्ग पर आयोजित किया जाएगा।

SSC paper leak
#yuvahallabol
SSC scam

Related Stories

SSC GD 2018: सरकारी परीक्षा व्यवस्था की मार से जूझ रहे युवाओं की कहानी उनकी ज़ुबानी

बुरे दौर में प्रतियोगी परीक्षाएं, लापरवाह आयोग, सोती सरकारें और बर्बाद होते लाखों अरमान

दो लीक की एक कहानी

एसएससी सैक्म: सरकार ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को दिया धोखा

SSC पेपर लीक : छात्रों ने कहा 'हम पकोड़े नहीं बेचेंगे'


बाकी खबरें

  • sever
    रवि शंकर दुबे
    यूपी: सफ़ाईकर्मियों की मौत का ज़िम्मेदार कौन? पिछले तीन साल में 54 मौतें
    06 Apr 2022
    आधुनिकता के इस दौर में, सख़्त क़ानून के बावजूद आज भी सीवर सफ़ाई के लिए एक मज़दूर ही सीवर में उतरता है। कई बार इसका ख़ामियाज़ा उसे अपनी मौत से चुकाना पड़ता है।
  • सोनिया यादव
    इतनी औरतों की जान लेने वाला दहेज, नर्सिंग की किताब में फायदेमंद कैसे हो सकता है?
    06 Apr 2022
    हमारे देश में दहेज लेना या देना कानूनन अपराध है, बावजूद इसके दहेज के लिए हिंसा के मामले हमारे देश में कम नहीं हैं। लालच में अंधे लोग कई बार शोषण-उत्पीड़न से आगे बढ़कर लड़की की जान तक ले लेते हैं।
  • पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटनाः डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ ऑटो चालकों की हड़ताल
    06 Apr 2022
    डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो पर प्रतिबंध के बाद ऑटो चालकों ने दो दिनों की हड़ताल शुरु कर दी है। वे बिहार सरकार से फिलहाल प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं।
  • medicine
    ऋचा चिंतन
    दवा के दामों में वृद्धि लोगों को बुरी तरह आहत करेगी – दवा मूल्य निर्धारण एवं उत्पादन नीति को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यता है
    06 Apr 2022
    आवश्यक दवाओं के अधिकतम मूल्य में 10.8% की वृद्धि आम लोगों पर प्रतिकूल असर डालेगी। कार्यकर्ताओं ने इन बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के दवा उद्योग को सुदृढ़ बनाने और एक तर्कसंगत मूल्य…
  • wildfire
    स्टुअर्ट ब्राउन
    आईपीसीसी: 2030 तक दुनिया को उत्सर्जन को कम करना होगा
    06 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम जलवायु रिपोर्ट कहती है कि यदि​ ​हम​​ विनाशकारी ग्लोबल वार्मिंग को टालना चाहते हैं, तो हमें स्थायी रूप से कम कार्बन का उत्सर्जन करने वाले ऊर्जा-विकल्पों की तरफ तेजी से बढ़ना…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License