NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कटाक्ष: सीएम वही जो पीएम मन भाए
दिल्ली का दरबार आख़िर, सुल्तान का दरबार है। लखनऊ की गद्दी कितनी ही बड़ी हो जाए, रहेगी तो सामंत की गद्दी ही। उस पर गद्दी भी सुल्तान की बख़्शी हुई।
राजेंद्र शर्मा
12 Jun 2021
कटाक्ष: सीएम वही जो पीएम मन भाए
तस्वीर, केवल प्रतीकात्मक प्रयोग के लिए। साभार

भाई विरोधी भी हद करते हैं। मोदी जी कुछ भी करें, ये शिकायत जरूर करेंगे। भला बताइए, योगी जी को दिल्ली दरबार में हाजिरी के लिए बुलाए जाने में, क्या किसी भी तरह से इनका शिकायत करना बनता है?

दिल्ली का दरबार आखिर, सुल्तान का दरबार है। लखनऊ की गद्दी कितनी ही बड़ी हो जाए, रहेगी तो सामंत की गद्दी ही। उस पर गद्दी भी सुल्तान की बख्शी हुई। मौके-मौके पर अपनी वफादारी का यकीन दिलाने के लिए सुल्तान के दरबार में हाजिरी तो बनती ही है; और कुछ नहीं तो इसका यकीन दिलाने के लिए कि बगावत की खबरें झूठी हैं, सुल्तान, सामंत की नजर में अब भी सुल्तान है।

यानी बिल्कुल वही हो रहा है जो सत्तर साल की छोड़िए, सदियों से होता आया है और इस देश में ही नहीं, दुनिया भर में होता आया है। फिर वैसे भी यह तो सिर्फ मोदी जी और योगी जी के बीच का और केसरिया कुनबे का अंदरूनी मामला है। पर विरोधियों को इसमें भी शिकायत है; खुद इनके कहे के मुताबिक सुल्तानों/ बादशाहों की सेकुलर परंपरा का मोदी जी पालन करें तो इन्हें उसमें भी शिकायत है। यही है कि इनके सेकुलरिज्म की असलियत!

और मोदी जी के विरोधियों का डेमोक्रेसी की बात करने का तो खैर मुंह ही नहीं है। मोदी जी को जनता ने अभूतपूर्व समर्थन देकर चुना है कि नहीं? दूसरी बार, पहली बार से भी बड़े ऐतिहासिक समर्थन से चुना है। मोदी जी जो कहें, करें या नहीं भी करें, सब डैमोक्रेसी हुआ कि नहीं! फिर क्या जो पीएम साक्षात डैमोक्रेसी हो, डैमोक्रेसी में इतनी सी मांग भी नहीं कर सकता कि सीएम वही जो पीएम मन भाए। और मन भाए से मतलब सिर्फ एक बार मन भाए नहीं कि एक बार मन की हो गयी, बस। यह डैमोक्रेसी है कोई शादी नहीं कि एक बार हो गयी तो हो गयी, फिर दुल्हन मन भाए या काटखाने को आए। सीएम वही जो पीएम मन भाए और हर मौके पर और हर बार, रिझाकर दिखाए। वर्ना उत्तराखंड वाले पुराने रावत जी की तरह, किन्हीं नये रावत जी के लिए कुर्सी खाली कर जाए। और मनभाते सीएम का तकाजा करने वाले पीएम को पॉलिटिक्स कोई नहीं सिखाए। जो पार्टी हर जगह चाहे डबल इंजन की सरकार, पीएम की मनभाते सीएम की डिमांड से कैसे करे इंकार। ऐसे डबल इंजन से क्या फायदा, जिसमें इंजन तो दो हों ही, पर ड्राइवर भी दो हों। इंजन डबल चाहिए, पर ड्राइवर तो सिंगल ही बहुत है।

फिर ये तो पूरा हंगामा ही बेबात का है। योगी जी को न किसी ने सम्मन भेजकर दिल्ली बुलाया था और न कोई उन्हें लेकर आया था। उन्हें तो बस दिल्ली के शिष्टाचार ने बुलाया था। और योगी जी ने भी शिष्टाचार निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आते ही गृहमंत्री से शिष्टाचार भेंट। फिर पीएम जी से शिष्टाचार भेंट। पार्टी अध्यक्ष से भी शिष्टाचार भेंट। और तो और लगे हाथों राष्ट्रपति जी से भी शिष्टाचार भेंट कर गए। और राष्ट्रपति को छोड़कर बाकी तीनों से मार्गदर्शन ले गए, सो ऊपर से। रिटर्न गिफ्ट में दिल्ली की सल्तनत को प्रवासी मजदूरों के संकट के समाधान का नायाब ज्ञान दे गए। यानी बेचारे ने पूरे दो दिन शिष्टाचार ही शिष्टाचार किया। न किसी को ठोकने का फरमान और न किसी को ठीक करने का एलान। बदनाम करने के लिए, किसी के खिलाफ मुकद्दमा वगैरह भी नहीं; बस शिष्टाचार ही शिष्टाचार और पोथी भर ज्ञानदान भी। फिर किस बिनाह पर लोग इसकी अफवाहें फैला रहे हैं कि दिल्ली से योगी जी नकेल डलवा कर गए हैं। माना कि एकदम ताजा-ताजा केसरिया हुए जितिन प्रसाद से हुई सो शिष्टाचार भेंट नहीं थी और अनुप्रिया पटेल से हुई सो मनचाही भेंट नहीं थी; मगर भेंट ही तो थी। भेंट में बात निकली है, तो सरकार में जगह बनने तक जा ही सकती है। लेकिन, इसका किसी नकेल-वकेल से क्या लेना है?

योगी जी जल्दी ही साफ कर देंगे, नो नकेल, ओन्ली मार्गदर्शन। गद्दी बचनी चाहिए, मार्गदर्शन किसी योगी को भी नहीं काटता है।

वैसे योगी जी भी कोई दिल्ली के मार्गदर्शन के ही भरोसे नहीं बैठे हैं। कोरोना-वोरोना के आंकड़ों को तो उन्होंने ठोक-पीटकर ऐसा सीधा कर दिया कि मोदी जी-शाह जी भी क्या करेंगे? बिहार-महाराष्ट्र वगैरह की तरह, मौतों के आंकड़े में सुधार का कोई चांस ही नहीं। उल्टे गंगा के किनारे में रेत में सोए मुर्दों की रामनामी चादरें भी गायब यानी बहती लाशों के साथ-साथ गड़ी हुई लाशें भी गायब। अब आंकड़ों में अगर कोई सुधार हुआ भी तो, मौतों का आंकड़ा घटाया जाए तो घटाया जाए, बढ़ाया हर्गिज नहीं जा सकता। आक्सीजन, दवाओं वगैरह की कमी तो, शिकायत करने वालों पर झूठी बदनामी के मुकद्दमों के डंडे से पहले ही ठीक की जा चुकी थी।

यानी योगी जी के यूपी में सब कुछ पहले ही नार्मल हो रखा है। गोरक्षक, यहां-वहां गोलियां चला रहे हैं। मामूली कहा-सुनी को तूल दे-देकर, जहां-तहां दंगे कराए जा रहे हैं। लव जेहाद से लेकर, धर्मांतरण तक के खिलाफ केसरिया सैनिक युद्ध के मैदान में उतारे जा रहे हैं। यानी कोरोना से निपटने के बाद, अब चुनाव से निपटने की केसरिया परिवार की तैयारी पूरी है। बस मोदी जी के चुनाव रैलियों के लिए कूदने की और अमित शाह के तरह-तरह के जोड़-जुगाड़ बैठाने की देरी है। पब्लिक अब करती रहे किट-किट, दुल्हन तो अब पिया जी के मन भा चुकी है।

(इस व्यंग्य आलेख के लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लोकलहर के संपादक हैं।)

sarcasm
UttarPradesh
UP ELections 2022
Yogi Adityanath
Narendra modi
BJP

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    अंतरिक्ष: हमारी पृथ्वी जितने बड़े टेलीस्कोप से खींची गई आकाशगंगा के ब्लैक होल की पहली तस्वीर
    13 May 2022
    दुनिया भर की: ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष के प्रमुख रहस्यों में से एक है। इन्हें समझना भी अंतरिक्ष के बड़े रोमांच में से एक है। इस अध्ययन के जरिये अंतरिक्ष की कई अबूझ पहेलियों को समझने में मदद
  • परमजीत सिंह जज
    त्रासदी और पाखंड के बीच फंसी पटियाला टकराव और बाद की घटनाएं
    13 May 2022
    मुख्यधारा के मीडिया, राजनीतिक दल और उसके नेताओं का यह भूल जाना कि सिख जनता ने आखिरकार पंजाब में आतंकवाद को खारिज कर दिया था, पंजाबियों के प्रति उनकी सरासर ज्यादती है। 
  • ज़ाहिद खान
    बादल सरकार : रंगमंच की तीसरी धारा के जनक
    13 May 2022
    बादल सरकार का थिएटर, सामाजिक-राजनीतिक बदलाव का थिएटर है। प्रतिरोध की संस्कृति को ज़िंदा रखने में उनके थर्ड थिएटर ने अहम रोल अदा किया। सत्ता की संस्कृति के बरअक्स जन संस्कृति को स्थापित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    असम : विरोध के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन चाय के पौधे उखाड़ने का काम शुरू
    13 May 2022
    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फ़रवरी में कछार में दालू चाय बाग़ान के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करके एक ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी।
  • पीपल्स डिस्पैच
    इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
    13 May 2022
    टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज़्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License