NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुलझ नहीं रहा है सबरीमाला का मुद्दा
"मैं मंदिर में प्रार्थना करना चाहती हूं और मुझे नहीं लगता कि तंत्रियों का नियम कानून से ऊपर है।"
आईएएनएस
24 Dec 2018
Sabrimala Mandir

सबरीमाला मंदिर के काफी करीब पहुंचने के बावजूद केरल की दो महिला श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन के बिना लौटने पर बाध्य हुईं। मंदिर के इतने करीब पहुंचने के बाद दोनों महिलाओं ने कई घंटे इंतजार किया और आखिरकार इन दो महिला श्रद्धालुओं को हजारों प्रदर्शनकारियों के उग्र विरोध प्रदर्शन के कारण पहाड़ी से लौटा दिया गया। दोनों महिला श्रद्धालु मंदिर से महज एक किलोमीटर ही दूर थीं। इस दौरान एक महिला बेहोश भी हो गई। 

कन्नूर की कनक दुर्गा और मलप्पुरम की बिंदू 10 से 50 साल के बीच के आयु वर्ग में आती हैं। इन्हें सुबह आठ बजे मंदिर की ओर आगे जाने से रोक दिया गया। मंदिर से 1000 मीटर की दूरी पर इन महिलाओं को भगवान अयप्पा के नारों के साथ मानव दीवार बनाकर प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने नहीं दिया। इस दौरान महिलाओं के साथ 100 पुलिसकर्मियों का भी दस्ता था मगर वह दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो गईं। 

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया बल्कि तनाव और बढ़ गया तथा और अधिक सुरक्षा बल को घटनास्थल पर तैनात करने के लिए कहा गया। 

जैसे ही हंगामा बढ़ा कनक दुर्गा बेहोश हो गईं। पुलिस उन्हें स्ट्रेचर पर वापस भेजने को मजबूर हो गई जबकि बिंदू पुरुषों के समूह के सामने हार मानने के बजाए जमीन पर बैठ गईं। 

दिन बढ़ने के साथ विरोध बढ़ता गया। इसके बाद पथानमथिट्टा जिले के अधिकारियों ने सुबह 10.15 बजे पुलिस के साथ मिलकर सबरीमाला मंदिर की ओर आगे बढ़ने के प्रयासों को रोक दिया। 

महिला की सुरक्षा में नीचे जाते हुए एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि दोनों महिलाओं को आगे ले जाने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही थी, इसलिए हमने उन्हें लौटाने का फैसला किया।

पेशे से वकील बिंदू इस दौरान वापस न जाने के लिए चीखती नज़र आ रही थीं। लेकिन, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा शांत कराने के बाद वह वापस जाने को तैयार हो गईं लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि वह पुलिस बल के साथ ही जाएंगी। 

बिंदू मीडिया को चिल्लाते हुए कह रही थीं कि उन्हें जबरदस्ती मर्जी के खिलाफ वापस भेजा जा रहा है और कनक दुर्गा की बेहोशी पुलिस द्वारा उन्हें वापस भेजे जाने की एक चाल के अलावा कुछ नहीं है। 

इस हंगामे में कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हो गए। 

केरल पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया को बताया कि 28 सितंबर को शीर्ष अदालत के आदेश के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। इस आदेश में सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रार्थना करने की अनुमति दी गई है। लेकिन, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह फैसला 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश न करने की परंपरा के खिलाफ है।

बेहरा ने कहा, "पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे वहां की कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो।"

रविवार को भी ऐसी ही घटना हुई जिसमें तमिलनाडु की 11 महिला श्रद्धालु मंदिर नहीं पहुंच पाईं। अब तक इस खास आयु वर्ग की करीब तीन दर्जन महिलाएं मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर चुकी हैं लेकिन प्रदर्शनकारियों के विरोध के चलते वे मंदिर जाने में विफल रहीं।

विवाद उस समय शुरू हुआ जब सोमवार तड़के पुलिस के साथ आई दोनों महिला श्रद्धालुओं को गुस्साई भीड़ ने दर्शन करने के लिए आगे बढ़ने से रोका, जिसके बाद पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हो गई। 

बिंदू और कनक दुर्गा को बचाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान वह नारे लगा रहे थे और महिलाओं की ओर आगे बढ़ रहे थे। 

देवसोम (मंदिर मामलों) के राज्य मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि पुलिस शीर्ष अदालत के निर्देशों को लागू करने की कोशिश कर रही थी और साथ ही उनके पास महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी है।

हालांकि विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने केरल सरकार पर 'उसके दोहरे मापदंड' के लिए हमला बोला। 

उन्होंने कहा, "यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह सब मंडला पूजा के सबसे पवित्र समय के दौरान हो रहा है। यह दुखद है कि सरकार ने कल हुए बड़े पैमाने के विरोध प्रदर्शनों से कुछ नहीं सीखा जब महिलाओं के एक समूह को वापस लौटना पड़ा था। सरकार कुछ कारणों से मंदिर की परंपराओं को तोड़ना चाहती है।"

बिंदू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सबरीमाला के तंत्री सर्वोच्च अदालत से ऊपर नहीं हैं। 

उन्होंने कहा, "मैं मंदिर में प्रार्थना करना चाहती हूं और मुझे नहीं लगता कि तंत्रियों का नियम कानून से ऊपर है।" 
 

Sabrimala Temple
sabrimala temple issue
Kerala
Women Rights
gender discrimination
gender justice
Gender Equality

Related Stories

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

विशेष: क्यों प्रासंगिक हैं आज राजा राममोहन रॉय

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

भारतीय कैंपस के होस्टलों में ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए अब भी जगह नहीं

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

केरल में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत लगभग सभी संस्थान बंद रहे


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License