NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
सुपर पावर भारत की कुपोषित संतानें और अंधी संसद!
विश्व में सबसे ज़्यादा कुपोषण के शिकार बच्चे हिंदुस्तान में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 3 लाख बच्चों की भूख से मौत होती है। 
राज कुमार
03 Aug 2019
 Malnourished
image courtesy: Development News

जून बीत चुका है। वही जून जिसमें जापानी बुखार ने 600 से ज़्यादा बच्चों की जान ले ली थी। अब अगस्त है। अब बच्चों के स्वास्थ्य और मौतों को लेकर वो आक्रोष नहीं है। इस आक्रोष को जगाने के लिये एक महीने में कम से कम 600 बच्चों की मौत अपरिहार्य हो गई है। अन्यथा दुनिया बहुत सुंदर है और बागों में बहार है। हमें ठंडी मौत मर रहे बच्चे दिखाई नहीं देते। एक रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान में हर महीने 833 बच्चे भूख से मर जाते हैं। वही बच्चे जिन्हें हम भगवान का रूप कहते हैं और देखकर लाड़-दुलार करने लगते हैं।

विश्व में सबसे ज़्यादा कुपोषण के शिकार बच्चे हिंदुस्तान में हैं। ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2018 के अनुसार विश्व के कुल अविकसित बच्चों का एक तिहाई हिंदुस्तान से है। कुपोषण का सीधा सा मतलब है कि खाने को भोजन नहीं है। ना बच्चे के लिये और ना ही उस मां के लिए जो ख़ून और भोजन की कमी के बावजूद बच्चा पैदा कर लेती है। ये भारत माता है। जो ख़ुद भी कुपोषित है और जिसकी संतानें भी भात-भात कहके भूख से मर जाती है। उस देश में जहां ना सिर्फ संसद लगती है बल्कि संसद में भारत माता के जयकारे भी लगते हैं। जहां पोषण के लिए कई योजनाएं हैं और खाद्य सुरक्षा की गारंटी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2018 के हिसाब से भारत 119 देशों में103वें नंबर पर है। विश्व शक्ति बनने का एक रूप ये भी है।

नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार जिन पांच राज्यों में सबसे ज़्यादा बच्चे अंडरवेट हैं उनमें हैं पहले नंबर पर झारखंड दूसरे पर बिहार तीसरे पर मध्य प्रदेश चौथे पर उत्तर प्रदेश और पांचवें पर गुजरात है।

उत्तर प्रदेश मे मात्र आक्सिज़न की कमी से ही बच्चों की मौत नहीं होती बल्कि कुपोषण और भूख से भी बच्चे मरते हैं। राज्य पोषण मिशन की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष तक के 54 लाख बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं।

नेशनल फैमली हैल्थ सर्वे-4 के मुताबिक़, आज़मगढ़ में 61 फ़ीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जबकि दूसरे नंबर पर शाहजहांपुर है, जहां 54 फ़ीसदी बच्चे कुपोषित हैं। 

रिपोर्ट कहती है कि इसके अलावा 33 जिले ऐसे हैं, जहां लगभग 30 फ़ीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इनमें मुख्यमंत्री का गोरखपुर भी शामिल है। 

हालांकि सरकार की तरफ़ से राज्य के 39 जिलों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शबरी संकल्प योजना संचालित कर रही है।

इसके अलावा 1368734 बच्चे अति कुपोषित हैं, लिहाजा इन्हें रेड कैटेगरी में रखा गया है। इन पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत होती है, वरना इनकी मौत भी हो सकती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 3 लाख बच्चों की भूख से मौत होती है। 

समझने की बात है कि भूख से मौत कब होती है। जब पैसे के नाम पर धेला और खाने के नाम पर पत्थर भी नहीं रहते। ग़ौरतलब है कि भूख से जिनकी मौतें हुईं वो सब के सब सरकारी योजनाओं के लिए इलिजिबल थे। हैरानी की बात ये है कि इस दौरान इन योजनाओं के लिए फ़ंड रीलिज़ भी हुआ है और ख़र्च भी हुआ है।

संवेदनहीनता के मामले में तो हम सुपर पावर बन ही चुके हैं। क्योंकि बच्चों की मौते हमें दहलाती नहीं हैं।

Malnourished
child hunger in India
children death
japani bukhar
chamki bukhar
children deaths
infant mortality rate
deaths due to hunger

Related Stories

बिहारः मुज़फ़्फ़रपुर में अब डायरिया से 300 से अधिक बच्चे बीमार, शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती

भूख लोगों को खा जाएगी, जागो सरकार!

दोहरा संकट : बिहार में कोरोना के साथ चमकी बुख़ार भी शुरू, लेकिन व्यवस्था वही बदहाल

आज तो मूल्यांकन का दिन था, लेकिन तमाशे में बीत गया...

कोरोना संकट से भारत में भुखमरी की समस्या कितनी बड़ी है?

चिंता : निमोनिया से बच्चों की मौत के मामले में भारत दूसरे स्थान पर

चमकी बुखार: बच्चों की मौत के लिए लीची से अधिक आर्थिक असमर्थता, सरकारी लापरवाही जिम्मेदार

बिहार ही नहीं पूरे देश में बीमार है स्वास्थ्य सेवा!

जश्न मनाते हुक्मरान और डली भर गुड़, ग्लास भर दूध के इन्तजार में मरते बच्चे

चमकी बुखार रोका जा सकता था इन मौतों को : डॉ. वंदना


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License